इस महिला को आया कटहल के बीज से कॉफ़ी बनाने का आइडिया, आज चला रही हैं ख़ुद का बिज़नेस

Vidushi

Inspiring Stories : ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे, जिन्हें कटहल (Jackfruit) अच्छा लगता होगा. अगर कोई व्यक्ति कटहल खाता भी है, तो उसे खाने के बाद उसके बीजों को फेंक दिया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी कटहल से कॉफ़ी बनाने के बारे में सोचा है? नहीं ना, ये बात सुनकर ही आपको लग रहा होगा कि हमारा या तो दिमाग़ ख़राब हो गया है या हम आपसे फिरकी ले रहे हैं. 

लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. दरअसल, दक्षिण भारत की एक गृहिणी इस बात को हकीक़त में तब्दील किया है. वो कटहल से कॉफ़ी बनाती हैं और आज के समय में वो गृहिणी से एंटरप्रेन्योर बन गई हैं. आज उनके पास ग्राहकों के कई ऑर्डर्स आते हैं. आइए आपको बताते हैं कटहल से कॉफ़ी बनाने वाली केरल की एक आम महिला के बिजनेस की सक्सेस स्टोरी. 

कौन हैं ये महिला?

इस महिला का नाम है जैमी साजी, जो केरल राज्य के वायनाड की रहने वाली हैं. उन्होंने साल 2019 में एग्रीकल्चरल डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित एक क्लास अटेंड की थी. वहां उन्हें पता चला कि कटहल के कई सारे फ़ायदे हैं, लेकिन इसके बावजूद इसकी काफ़ी बर्बादी होती है. इस जानकारी मिलने के बाद वो ये सोचती रहीं कि आखिर कटहल के बीजों को कैसे उपयोग में लाया जाए, ताकि इसकी बर्बादी ना हो पाए.

thebetterindia

कैसे हुई स्टार्टअप की शुरुआत?

काफ़ी सोचने के बाद उन्होंने इसके बीजों को सुखाया और फिर उन्हें पीसकर बनने वाला साउथ इंडियन डेज़र्ट पायसम बनाना शुरू किया. उन्होंने इसे पड़ोसियों और जानने वालों में बांटना शुरू किया. जैमी साज़ी की ये यूनिक रेसिपी कई लोगों को पसंद आई और उन्हें धीरे-धीरे इस डिश बनाने के ऑर्डर आने लगे. इस तरह उनके स्टार्टअप की शुरुआत हुई और 45 साल की जैमी ने ‘होली क्रॉस इंडस्ट्रीज़‘ नाम की एक कंपनी खोल ली. वो कटहल से कई प्रोडक्ट्स बनाकर छोटे किसानों को भी सपोर्ट करने लगी. 

thebetterindia

ऐसे आया कॉफ़ी बनाने का आइडिया

जैमी साजी के मुताबिक कटहल प्रोसेस्ड होने के बाद इसके बीज़ से बिल्कुल कॉफ़ी जैसी खुशबू आती है. यहां से उन्हें इसका कॉफ़ी पाउडर बनाने का आइडिया आया. इसलिए उन्होंने इससे यूनिक प्रोडक्ट यानि कॉफ़ी पाउडर बनाना शुरू कर दिया. आज के समय में उनके प्रोडक्ट्स की पहुंच लगभग केरल की सभी दुकानों में हैं. उनकी कीमत 25 से 450 रुपए तक है. साथ ही इस काम में उनके साथ 20 लोग जुड़े हुए हैं, जिसमें से ज़्यादातर महिलाएं हैं.

tarunaturalslite

इनकी कहानी काफ़ी प्रेरणादायक है.

आपको ये भी पसंद आएगा
IAS ऑफ़िसर, पूर्णा सुदंरी जिसने आंखों की रौशनी खोने के बाद भी अपना सपना पूरा करने की ठानी और सफल हुई
आयशा ख़ान: पति ने छोड़ा, बच्चों की ज़िम्मेदारी ली, पर हारी नहीं और झारखंड की ADJ बन कायम की मिसाल
मिलिए महज़ 22 साल की उम्र में IAS ऑफ़िसर बनने वाली निडर और दबंग स्वाति मीणा से
दुर्गाबाई व्योम की कहानी है इंस्पायरिंग, झाड़ू-पोछा करने से लेकर पद्म श्री तक ऐसा रहा सफ़र
लोगों के ताने सुने पर हारी नहीं, मिलिए सीता देवी से जिसने ‘इलेक्ट्रीशियन देवी’ बन अपना घर संभाला
बर्तन धोए, 20 सालों तक घरों पर किया काम, कड़ी मेहनत से महिला ने परिवार के लिए खरीदा घर