’पितृसत्ता औरतों की ही नहीं, मर्दों की भी बैंड बजाती है’, कमला भसीन को सुन लो यकीन आ जाएगा

Komal

कमला भसीन वो बिंदास महिला हैं, जो इस दुनिया को एक अलग ही चश्में से देखती हैं. इनकी खासियत है कि ये इतने सरल तरीके से अपनी बातें समझाती हैं कि कोई अनपढ़ भी समझ सकता है. इनकी बेबाक बातें समाज को आइना दिखाती हैं और ऐसे मुद्दों पर गहरी चोट करती हैं, जिनसे समाज ग्रसित है. ‘सत्यमेव जयते’ में भी उन्हें महिला-सशक्तिकरण पर अपने विचार बताने के लिए बुलाया जा चुका है.

कमला भसीन केवल एक नारीवादी नहीं हैं, वो एक सामाजिक विज्ञानी हैं. वो ऐसी सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो लिंग, शिक्षा, मानवीय विकास जैसे मुद्दों पर सूक्ष्म समझ रखती हैं. स्त्री -पुरुष समानता की अलख जगाती कमला भसीन, पिछले 35 साल से भी ज़्यादा समय से विकास, शिक्षा, जेंडर, मीडिया और दूसरे संबंधित मुद्दों पर लगातार सक्रिय रही हैं. ये हैं उनकी कही कुछ अहम बातें, जन्हें समझ कर कोई भी समाज अपनी स्थिति सुधार सकता है. 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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