ख़ूबसूरती उसमें नहीं कि आप कैसे दिखते हो ख़ूबसूरती वो है कि आप लोगों को ख़ुद को कैसे देखने देते हो. हर इंसान में कुछ न कुछ कमी होती है और अपनी उसी कमी को दिल से स्वीकार करके ज़िंदगी को जीना ही ज़िंदगी है. इस बात की जीती जागती मिसाल हैं Jeyza Gary.
Jeyza एक ऐसी बीमारी के साथ जन्मीं जिसमें दो दिन के बाद उनकी त्वचा ख़राब हो जाती है. इसका नाम Lamellar Ichthyosis है. Jeyza ने अपनी इस बीमारी को कमज़ोरी नहीं बनने दिया और उसे ताक़त बनाकर आज वो एक सफ़ल मॉडल हैं. वो Vogue Italia में आ भी चुकी हैं.
मगर इनका ये सफ़र आसान नहीं था उन्होंने Refinery29 को बताया,
ये बीमारी 1,00,000 लोगों में से किसी एक को ही होती है. ये बीमारी पैरेंट्स को असामान्य गुणसूत्र (Chromosome) होने से बच्चों को होती है. जब मैं पैदा हुई तो मेरी त्वचा एक झिल्ली जैसी थी, जो बहुत कसी हुई और चमकदार थी. मेरे पैरेंट्स को नहीं पता था कि ये क्या बीमारी है, तो उन्होंने मुझे दो हफ़्तों के लिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया. जहां मुझे एनआईसीयू में हीट लैंप में रखा गया. जब मैं कुछ महीने की थी, तो मेरी दादी मुझे अपने फ़ैमिली डॉक्टर के पास ले गईं, जिन्होंने मुझे ड्यूक विश्वविद्यालय में किसी ऐसे व्यक्ति के पास भेजा, जिसने मुझे मेरी इस बीमारी के बारे में बताया. तब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं अलग थी.
जब Jeyza अपने परिवार के साथ बाहर जाती थीं, तो लोग उन्हें घूरते थे. जो उनकी मां को बहुत परेशान करता था. उनका कहना था कि,
लोग उन्हें घूरे नहीं, बल्कि पास आएं और पूछें कि ये क्या बीमारी है? क्योंकि घूरना बहुत ख़राब बात है.
इस पर उन्होंने अपने पैरेंट्स को समझाया कभी-कभी बच्चे वही करते हैं, जो वो अपने माता-पिता से सीखते हैं.
जब Jeyza ने स्कूल जाना शुरू किया, तो उनके पहले दिन उनकी मम्मी स्कूल गईं और सबको Jeyza की बीमारी के बारे में बताया,
मेरी बेटी को एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से उसकी स्किन हर 10 से 12 दिन में ख़राब हो जाती है. आपने सांप और छिपकली को देखा होगा मेरी बेटी की स्किन वैसी ही है. ये बीमारी उसको छूने से नहीं होगी वो आप सबकी तरह ही सामान्य है. उन्होंने सबके साथ-साथ अपनी बेटी को भी समझाया.
जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई मुझे भी एहसास होने लगा कि मैं दूसरों की ही तरह हूं. मेरी मां ने कभी मुझे दूसरों से अलग नहीं समझा. जब मैं अपनी स्किन को छीलने लगती तो वो मेरे माथे पर एक बैंड बांध देती और मैं स्कूल चली जाती थी. मेरे भाई की तरह मेरी मां ने मुझे भी शॉर्ट्स पहनने दिया.
मेरी मां ने हमेशा मुझे लोगों की बातों से, नज़रों से बचाया. मेरे पास हमेशा डॉक्टर का दिया हुआ नोट होता था, लेकिन उसे मेरे टीचर्स पढ़ना ही नहीं चाहते थे. मेरी बीमारी के चलते मुझे पसीना नहीं आता है, इसलिए जब ज़्यादा गर्मी पड़ती है, तो मैं बाहर नहीं जा सकती. मैं हर वक़्त वैसलीन लगाती हूं साथ ही हर वक़्त अपने साथ छतरी रखती हूं. अपनी त्वचा की वजह से मैं कभी बाहर जाकर ज़्यादा खेल नहीं पाई.
जब मैं हाईस्कूल में पहुंची तो मैंने थोड़ा मेकअप करना शुरू किया. अपनी आईब्रोज़ को शेप दी क्योंकि मेरी आईब्रोज़ नहीं है, मस्कारा और लिपस्टिक लगानी शुरू की. फिर एक दिन जब मैंने मेकअप नहीं किया तो मैं ख़ुद को नहीं पहचान पाई. उस दिन से मैंने मेकअप लगाना छोड़ दिया. मुझे एहसास हुआ कि मेरी स्किन बहुत अच्छी है और मैं उसे वैसे ही स्वीकार करूंगी.
कभी-कभी मेरी स्किन हल्के भूरे रंग और भड़कीले नारंगी रंग की हो जाती है, तो कभी चॉकलेट के कलर की हो जाती है, जो मुझे बहुत अच्छी लगती है. मैं जैसी हूं मुझे ख़ुद पर गर्व है.
Jeyza के इस बेबाक़पन से प्रभावित होकर उनकी एक क्लासमेट ने Yearbook में लिखा था: Jeyza, मैं आपको बहुत याद करूंगी. कितनी भी मुश्किलें हों आप मुस्कुराने की वजह ढूंढ ही लेती हैं. मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं आपको मॉडल बनना चाहिए.
इसके बाद मैंने अपनी कुछ तस्वीरें खींची और उन्हें एजेंसियों को भेज दिया. मगर कहीं से जवाब नहीं मिला. पिछले सितंबर को मेरी ज़िंदगी बदली और मुझे We Speak Model Management से न्यूयॉर्क जाने का ऑफ़र मिला. मगर उस वक़्त मेरा जाना संभव नहीं था तो मैंने ख़ुद को समझाया कि अगर ये तुम्हारे लिए है, तो तुम्हें ज़रूर मिलेगा. फिर अप्रैल में मुझे कंपनी से दोबारा मैसेज आया और उन्होंने मई में मुझे ऑफ़िशियली साइन कर लिया आज मेरी लाइफ़ में सब कुछ ठीक चल रहा है.
न्यूयॉर्क जाने से पहले मैंने पोर्टफ़ोलियो के लिए कुछ तस्वीरें खींची. मुझे ऐसा करके बहुत अलग महसूस हुआ. आज मैं भी दूसरे लोगों की तरह एक मॉडल हूं.
आज वो सिर्फ़ एक मॉडल नहीं, बल्कि अपनी जैसी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूज़र्स ने लिखा कि आपकी तरह मैं भी इस बीमारी की शिकार हूं, लेकिन मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं शॉर्ट्स पहनूं. मगर आपने मुझे ये साहस दिया.
अब मैं बस अच्छा काम करना चाहती हूं और Vogue के साथ जुड़ी रहना चाहती हूं. मैं उन लोगों को पीछे छोड़ चुकी हूं जिन्होंने मुझे ठुकरा दिया. मेरे लिए मेरी फ़ैमिली सब कुछ है उन्होंने हमेशा मुझे साहस दिया और ये बताया कि मैं भी दूसरों जैसी हूं.
Jeyza की ये कहानी वो रौशनी है, जो आपके सपने के आड़े आ रहे अंधेरे को मिटा सकती है.
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