जानिए कौन है रतन टाटा की भतीजी लीया टाटा? जो भविष्य में संभाल सकती हैं ‘टाटा ग्रुप’ की कमान

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भारत में आज टाटा ग्रुप (Tata Group) का नाम ही काफ़ी है. इसकी शुरुआत सन 1868 में जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) ने की थी. पिछले 155 सालों टाटा ग्रुप भारत में एकछत्र राज कर रहा है. भारत में अभी ‘टाटा’ का मतलब ‘भरोसा और विश्वास’ है. आज रतन टाटा (Ratan Tata) के स्वामित्व में ये कंपनी हर वर्ग के लोगों का भरोसा जीतकर दुनियाभर में काफ़ी मशहूर हो गई है. टाटा ग्रुप के उत्पाद और सेवायें दुनिया के 150 से अधिक देशों में तक पहुंच चुके हैं.

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सन 1904 में जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) की मौत के बाद उनके बड़े बेटे दोराबजी टाटा (Dorabji Tata) कंपनी के चेयरमैन बने. सर दोराबजी ने 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील (टिस्को) की स्थापना की, जिसे आज ‘टाटा स्टील’ के नाम से जाना जाता है. दोराबजी ही वो शख़्स थे जिन्होंने पहली बार ‘टाटा ग्रुप’ के व्यावसाय विदेशों तक फ़ैलाया. इसके बाद सन 1938 में जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई रतनजी दादाभाई टाटा के बेटे जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (J. R. D. Tata) कंपनी के चेयरमैन बने.

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जे.आर.डी. टाटा (J. R. D. Tata) को आधुनिक भारत का शिल्पकार (Architect) भी कहा जाता है. टाटा ग्रुप को असल पहचान दिलाने वाले जे.आर.डी. टाटा ही थे. उन्होंने ही ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़’, ‘टाटा मोटर्स’, ‘टाइटन इंडस्ट्रीज़’, ‘वोल्टास’ और ‘एयर इंडिया’ की स्थापना की थी. सन 1932 में भारत को उसकी पहली विमान सेवा Tata Air Services (Tata Airlines) देने वाले भी जे.आर.डी. टाटा ही थे. सन 1977 तक वो ‘टाटा ग्रुप’ के चेयमैन रहे. आख़िर में सन 1991 में रतन टाटा (Ratan Tata) टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने. साल 2017 में पहली बार ‘टाटा फ़ैमिली’ से बाहर के नटराजन चन्द्रशेखरन को टाटा ग्रुप का चेयरमैन नियुक्त किया गया था.

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टाटा फ़ैमिली की अगली पीढ़ी आम तौर पर सार्वजनिक जगहों पर कम ही दिखाई देती है. इनमें से कई ‘टाटा समूह’ की कंपनियों के साथ लो-प्रोफ़ाइल तरीके से काम करते हैं. रतन टाटा ने पिछली साल एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए अपने परिवार की युवा पीढ़ी के 3 भाई-बहनों को ‘टाटा ग्रुप’ की सहायक कंपनी ‘टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट’ में शामिल किया था. इनमें लीया टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा के नाम शामिल हैं. ये तीनों रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) के बच्चे हैं.

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कौन हैं लीया टाटा?

लीया टाटा (Leah Tata) के पिता नोएल टाटा भी मशहूर बिज़नेसमैन हैं. जबकि उनकी मां अलू मिस्त्री भारत के मशहूर बिज़नेसमैन पालोनजी मिस्त्री की बेटी हैं. लीया टाटा ने मैडिड के IE Business School से मार्केटिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की है. लीया ने साल 2006 में ‘टाटा ग्रुप’ के ‘ताज़ होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस’ में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वो पिछले 10 सालों से टाटा ग्रुप के होटल उद्योग में लीडरशिप पदों पर काम कर चुकी हैं.

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नोएल टाटा (Noel Tata) के 3 बच्चों में से सबसे बड़ी 37 वर्षीय लीया टाटा (Leah Tata) को भविष्य में ‘टाटा ग्रुप’ की चेयरमैन के रूप में देखा जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो वो ‘टाटा ग्रुप’ के इतिहास में चेयरमैन बनने वाली पहली महिला होंगी.

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