जापान का एक ऐसा आईलैंड जहां महिलाएं नहीं जा सकती, करना पड़ता है कठिन नियम का पालन

Kratika Nigam

Mysterious Island Of Japan Okinoshima: दुनिया में ऐसी बहुत ही जगह हैं, जो रहस्यों और मान्यताओं से घिरी हैं. ये मान्याताएं इतनी प्रबल हैं कि इन्हें टालना असंभव है. अपने इन्हीं मान्यताओं के चलते ये लोगों के बीच में आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं. ऐसा ही जापान एक आईलैंड है, जिसका नाम ओकिनोशिमा (Okinoshima) है. इस आईलैंड पर जाने के लिए बहुत कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है साथ ही महिलाएं तो यहां जा ही नहीं सकती हैं.

Image Source: okinoshima-heritage

ये भी पढ़ें: शोरगुल से दूर दुनिया का सबसे शांत कमरा, जहां दिल की धड़कन तक सुन लोगे

चलिए जानते हैं, रहस्यमयी ओकिनोशिमा आइलैंड (Mysterious Island Of Japan Okinoshima) के वो कड़े नियम कौन-से हैं और महिलाओं का जाना क्यों वर्जित है?

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल Fukuoka के Munakata Coast पर स्थित ओकिनोशिमा आइलैंड 700 वर्ग मीटर में फैला है. चौथी से नौवीं शताब्दी तक ये कोरियाई प्रायद्वीप और चीन के बीच व्यापार का केंद्र हुआ करता था. इस आईलैंड पर मुनाकाता ताइशा ओकित्सु मंदिर मौजूद है, जिसमें शिंतो देवता की पूजा होती है. 17वीं शताब्दी के दौरान यहां जहाज़ों की सुरक्षा के लिए पूजा की जाती थी. शिंतो जापानी जड़ों वाला एक प्राचीन धर्म है.

Image Source: parismatch

आमतौर पर ये माना जाता है कि, महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध शिंतो मान्यताओं के कारण हो सकता है, जो महिलाओं के मासिक धर्म को अशुद्ध मानते हैं. महिलाओं के अलावा, अन्य लोगों को भी साल में एक बार होने वाले उत्सव में ही प्रवेश करने को मिलता है. इस दौरान, सिर्फ़ 200 पुरुषों को ही प्रवेश की अनुमति होती है. मान्यता है कि, उत्सव के दौरान होने वाले शुद्धिकरण समारोह में सभी पुरूष अपने पूरे कपड़े उतारकर नग्न अवस्था में समुद्र में स्नान करते हैं, जिससे उनकी आत्मा शुद्ध होती है.

Image Source: googleapis

ये भी पढ़ें: जानिए दुनिया की सबसे छोटी हवाई यात्रा के बारे में जो सिर्फ़ 53 सेकंड में पहुंचती है डेस्टिनेशन तक

जापान के दो सबसे पुराने ऐतिहासिक ग्रंथ Kojiki और Nihon Shoki में ओकिनोशिमा का उल्लेख है, Kojiki के अनुसार,

सूर्य देवी अमेतरासु ने एक तलवार से तीन बेटियों का निर्माण किया और उन्हें जापान भेजा, जहां मुनकता वंश द्वारा उनकी पूजा की जाती थी.

यहां के लोग इन देवताओं की पूजा आज भी मुनकता के तीन मंदिरों मुनकता ताईशा में करते हैं. ये पूजा समुद्री यात्राओं में किसी भी बाधा को रोकने के लिए की जाती है.

Image Source: wanderingtanuki

धार्मिक कारणों के चलते ही महिलाओं के आने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इतना ही नहीं, महिलाओं के अलावा यहां आने वाले हर व्यक्ति को कड़े नियम मानने होते हैं. वो नियम हैं:

वहां से कोई भी चीज़ अपने साथ न लाएं.

अपनी यात्रा के बारे में किसी को न बताएं.

इस आईलैंड से घास तक लाने की सख़्त मनाही होती है.

Image Source: shikoku-tourism

आपको बता दें, त्यौहार के अलावा अन्य दिनों में केवल पुजारियों, शोधकर्ताओं, सैन्य कर्मियों और पत्रकारों को द्वीप में प्रवेश करने की अनुमति है.

आपको ये भी पसंद आएगा
ताइवान में खुला पहला हिंदू मंदिर, 13 तस्वीरों में आप भी कर लीजिए इस भव्य मंदिर के दर्शन
जापान में निकली भव्य कांवड़ यात्रा की 10 Photo देखिए, लगे बोल-बम के नारे, बिहार से गया था गंगाजल
कहानी Comfort Women की, जिन्होंने World War II के दौरान जापानी सैनिकों का कहर झेला
रास बिहारी बोस: वो क्रांतिकारी नेता, जिन्होंने जापानियों को भारतीय स्वाद का दीवाना बना दिया था
जापानियों की इन 8 आदतों को अपना लिया तो समझ लो ज़िंदगी में बहुत कुछ सीख लिया
समुराई योद्धाओं को बर्दाश्त नहीं थी हार, जानिए ये दुनिया के सबसे महान योद्धा क्यों माने जाते थे