जब महिला-सशक्तिकरण की बात नहीं होती थी, तब भारत की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनी पुनीता अरोड़ा

Komal

पुनीता अरोड़ा वो महिला हैं, जिन्होंने सालों पहले ही साबित कर दिया था कि फ़ौज में भी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं. आज तो लड़कियों की प्रतिभागिता फ़ौज में बढ़ गयी है, पर पुनीता उस वक़्त आर्मी में आयीं थीं, जब फ़ौज को महिलाओं का क्षेत्र नहीं समझा जाता था. पुनीता ने जब डॉक्टरी की पढ़ाई की, तब मेडिकल कॉलेजों में बहुत कम ही लड़कियां पढ़ा करती थीं.

13 अक्तूबर, 1932 को भारतीय नौसेना की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था. पंजाबी परिवार में जन्मीं जनरल पुनीता अरोड़ा जब एक साल की थीं, तब विभाजन के समय वे अपने माता-पिता के साथ भारत आईं थीं.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में वे मां-बाप के साथ बस गईं. उनकी शुरुआती पढ़ाई यूपी से ही हुई. सहारनपुर के सोफ़िया स्कूल में वे 8वीं तक पढ़ीं, उसके बाद गुरु नानक गर्ल्स इंटर कालेज में पढ़ाई की.

जब पुनीता 11वीं कक्षा में पहुंचीं, तो उन्होंने विज्ञान का विषय इसी सोच के साथ लिया था कि वे देश सेवा करेंगी. 1963 में पुणे के आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज में उन्हें प्रवेश मिला. वह एएफएमसी के दूसरे बैच की टॉपर थीं.

2004 में पुनीता अरोड़ा, भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला बनीं. पुनीता ने अपनी ड्यूटी का काफी वक्त पंजाब में गुज़ारा, 2002 में उन्हें विशिष्ट सेवा पदक मिला. उनके 36 साल के कार्यकाल में उन्हें कुल 15 पदक मिले, अब वे रिटायर्ड हो चुकी हैं. 

आपको ये भी पसंद आएगा
Success Story: बिहार की इस बिटिया ने 5 दिन में 5 सरकारी नौकरी हासिल कर रच दिया है इतिहास
पिता UPSC क्लियर नहीं कर पाए थे, बेटी ने सपना पूरा किया, पहले IPS फिर बनी IAS अधिकारी
मिलिए ओडिशा की मटिल्डा कुल्लू से, जो फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन में जगह पाने वाली एकमात्र भारतीय ‘आशा वर्कर’ हैं
पिता ठेले पर बेचते हैं समोसा-कचौड़ी, बेटी ने जीता ‘ब्यूटी कॉन्टेस्ट’, प्रेरणादायक है प्रज्ञा राज की कहानी
मिलिए नेपाल की प्रगति मल्ला से, जिन्हें मिल चुका है दुनिया की बेस्ट ‘हैंड राइटिंग’ का ख़िताब
बिहार के एक किसान की 7 बेटियों ने पुलिस ऑफ़िसर बनकर पेश की एक अनोखी मिसाल