सिक्किम की पहली महिला एम्बुलेंस ड्राइवर ने फिर साबित किया कि महिलाएं नहीं हैं किसी से कम

Komal

महिलाओं ने हमेशा ये साबित किया है कि कोई भी काम ऐसा नहीं है, जो वो नहीं कर सकतीं. वो फ़ौज हो या इंजीनियरिंग, कहीं भी महिलाएं पीछे नहीं रही हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है सिक्किम की 25 वर्षीय, उर्मिला शर्मा.

उर्मिला ने 2015 में स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट में ड्राइवर की पोस्ट के लिए आवेदन किया और सफ़लतापूर्वक ये नौकरी पा भी ली. उर्मिला सिक्किम की पहली महिला एम्बुलेंस ड्राइवर हैं.

ये पूछने पर कि उनका काम कितना मुश्किल है, वो मुस्कुरा कर जवाब देती हैं कि आसान तो कोई काम नहीं होता. जब किसी काम को ड्यूटी समझ कर किया जाये, तो हर मुश्किल को पार करने की हिम्मत भी मिल ही जाती है. उर्मिला का कहना है कि उन्हें लोगों की सेवा कर के ख़ुशी मिलती है. उन्हें कभी भी ड्यूटी पर जाना पड़ जाता है और आए दिन इमरजेंसी से जूझना पड़ता है.

उर्मिला का कहना है कि सिक्किम सरकार ने भी महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए अच्छे कदम उठाए हैं, जिनकी बदौलत आज महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है.

उर्मिला युवाओं को सन्देश देना चाहती हैं कि शिकायतें करते रहने से कुछ नहीं होता है, असफ़लता भी जीवन का हिस्सा है, जिससे हताश नहीं होना चाहिए. कोई भी काम छोटा नहीं होता, ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए.

उर्मिला बताती हैं कि ज़िन्दगी ने उन्हें जो कुछ भी दिया, उन्होंने खुली बाहों से उसका स्वागत किया है, यही उनकी सफ़लता का राज़ है. 

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