21वीं सदी के भारत में एक ऐसी वेबसाइट भी है, जो आपकी पसंद, ज़रूरत और पॉकेट के हिसाब से बहुएं देती है

Akanksha Thapliyal

चलिए क्विज़-क्विज़ खेलते हैं. इनमें से सही वाक्य बताईये:

चलिए अब तीसरे वाले पर बात करते हैं. 21वीं सदी के भारत में एक ऐसी वेबसाइट भी है, जो आपकी पसंद, ज़रूरत और पॉकेट के हिसाब से बहुएं देती है. गूगल पर mysonikudi.com सर्च करेंगे, तो एक महंगी सी वेबसाइट खुलेगी. वेबसाइट खुलते ही आपकी आंखों के सामने 13वीं सदी का भारत खुल जाएगा.

इस वेबसाइट की केटेगरी में ‘आज्ञाकारी’, ‘संस्कारी’, ‘घरेलू’, ‘गोरी स्किन’, ‘बचत वाली’, ‘इंग्लिश बोलने वाली’, ‘5 स्टार तौर-तरीकों वाली’ बहुएं मिल रही हैं. अगर कैटेगरी देख कर आपको गुस्सा न आए, तो थोड़ा आगे बढ़ कर इन श्रेणियों की बहुओं का बायो-डाटा भी देख सकते हैं.

जैसे घरेलू वाली केटेगरी में कोई मैडम संयोगिता हैं. इस सदी से बिलकुल परे उनके ‘Special Features’ हैं ‘कम ख़र्च वाली, आज्ञाकारी, वंडर शेफ़’. इस घरेलू बहू की प्रोफ़ाइल में लिखा गया है:

‘मेरा एकमात्र लक्ष्य एक अच्छा परिवार ढूंढना है, ताकि मैं एक अच्छी बहू बन सकूं. मैं कभी भी पार्टी-शार्टी करने वाली लड़की नहीं थी, सीधे कॉलेज से घर. शादी के बाद मैं नौकरी नहीं करूंगी.’

अगर अभी तक आपको इन लड़कियों पर तरस नहीं आया, तो ज़रा इनकी प्रोफ़ाइल पर आये महापुरुषों के ‘Comments’ भी देखिये.

कोई प्रफ़ुल हैं, जो कह रहे हैं हैं कि ये लड़की बिलकुल झूठी है. मैं इसके कॉलेज में था और तब ये टाइट-टाइट कपड़े पहनती थी. इस वेबसाइट का एक Facebook पेज भी है, जिसमें ऐसे Posts हैं कि आपका लॉजिक इन्हें देखते ही मर जाए.

जितना गुस्सा मुझे इस पेज पर आया, उतना ही ज़्यादा मैं ये सोचने पर मजबूर हो गयी कि कहीं ये पेज Humor के ज़रिये अपने देश की सबसे बड़ी समस्या को तो सामने लाने की कोशिश तो नहीं कर रहा है? इस वेबसाइट पर लिखी भाषा को जब आप पढ़ते हैं, तो सबसे पहले दिमाग़ में यही बात आती है कि क्या सही में आज के वक़्त कोई इस तरह की सोच को प्रमोट कर सकता है? क्या कोई सही में वो सब चीज़ें कह सकता है, जिसके लिए सालों से महिलाएं लड़ती आयी हैं. भारत के छोटे से गांव की एक युवती भी शायद ये सोच नहीं रखती कि उसे बस अपने पति के लिए अच्छा खाना बनाना है. वो भी आगे बढ़ने, एक बेहतर जीवन का सपना देखती है.

मैं अभी भी आशा करती हूं कि ये देश की बहुत बड़ी समस्या पर एक व्यंग्यात्मक तरीके से दर्शाने का तरीका हो. अगर ऐसा नहीं है, तो भगवान भला करे! 

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