मंजरी जरुहर: घरवालों ने करा दी 19 की उम्र में शादी और फिर इस तरह बनीं बिहार की पहली महिला IPS

J P Gupta

Manjari Jaruhar: ‘जय गंगाजल’ की SP आभा माथुर तो याद ही होंगी. प्रियंका चोपड़ा बिहार के एक ज़िले की तेज़-तर्रार महिला पुलिस अधिकारी के रोल में दिखी थीं. आज हम आपको जिस महिला आईपीएस ऑफ़िसर के बारे में बताने जा रहे हैं उनकी कहानी कुछ-कुछ इसी फ़िल्म से मिलती-जुलती है.

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ये कोई और नहीं बिहार (Bihar) की पहली महिला IPS ऑफ़िसर मंजरी जरुहर हैं. इनके IPS बनने की कि कहानी देश की हर बेटी के लिए एक ऊर्जा का काम करती है, जो कुछ कर गुज़रने की ठान लेती हैं. 

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19 साल की उम्र में हो गई थी शादी

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आम लोगों की तरह ही इन्हें भी बचपन से ही कहा गया था कि उन्हें एक अच्छी गृहणी बनने के गुण होने चाहिए. स्कूल में भी कढ़ाई-बुनाई सिखाई गई, घर पर मां ने भी खाना आदि बनाने निपुण होने की सलाह हर कदम पर दी. 19 साल की उम्र में मंजरी जरुहर की शादी भी हो गई, लेकिन शादी ज़्यादा दिन टिकी नहीं. 

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आत्मनिर्भर होने का किया फैसला

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शायद नियति उनसे कुछ और करवाना चाहती थी. हुआ भी ऐसा, शादी टूटने के बाद मंजरी ने किसी पर निर्भर होने से अच्छा अपने जीवन की बागडोर ख़ुद संभालने का फ़ैसला किया. उनके परिवार में बहुत से IAS और  IPS अधिकारी थे, जिनकी फ़ैमिली बड़ी इज़्ज़त और धाक थी. मंजरी जी ने भी ठान लिया कि अब IPS ऑफ़िसर ही बनना है. 

बनी बिहार की पहली महिला IPS ऑफ़िसर

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इस इरादे के साथ वो दिल्ली आ गईं. यहां एक कोचिंग सेंटर में इसकी तैयारी करने लगीं. 1976 में इनकी मेहनत रंग लाई और ये सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा पास करने में कामयाब रहीं. वो बिहार की पहली और इंडिया की पहली 5 महिला IPS ऑफ़िसर्स में से एक थीं. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने लेखन में भी हाथ आज़माया और इनकी एक बुक पब्लिश भी हो चुकी है.

ऐसे मिला महिलाओं को न्याय दिलाने का साहस

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वो भले ही आज रिटायर्ड हो गई हैं लेकिन उनकी गिनती आज भी बिहार पुलिस के तेज़ तर्रार महिला ऑफ़िसर्स में होती है. अपने करियर में आगे बढ़ने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली ये भी एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया. मंजरी जी कहती हैं अपने पूरे करियर में महिलाओं की दुर्दशा, ख़ासकर जब वे पितृसत्तात्मक समाज और क्रूर प्रथाओं का शिकार हुई, उनका गहरा प्रभाव उनपर पड़ा. उन्हें कई बार ऐसा लगता था कि जैसे ये महिलाएं उन्हें घूर रही हैं और उनकी तरफ न्याय की आंस लगाए बैठी हैं. 

महिलाओं को दिया ये संदेश

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इस तरह की महिलाओं ने ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए साहस दिया. दूसरी महिलाओं को आगे बढ़ने और ग़लत के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए वो कहती हैं- ‘यदि आपके जीवन में कुछ ग़लत हुआ है, तो इसे एक चुनौती के रूप में लें और इससे बाहर निकलें. पछताने, अपमानित और निराश महसूस करने से बचें. अपने नकारात्मक विचारों को पीछे छोड़ दें और जीवन में आगे बढ़ें.’

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