पिता UPSC क्लियर नहीं कर पाए थे, बेटी ने सपना पूरा किया, पहले IPS फिर बनी IAS अधिकारी

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यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा दुनिया की दूसरी सबसे मश्किल परीक्षा मानी जाती है. देश में हर साल लाखों युवा IAS IPS, IRS और IFS अधिकारी बनने का सपना लेकर ‘सिविल सर्विसेज़’ की परीक्षा में बैठते हैं. इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए युवा सालों साल कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन परीक्षा में बैठे लाखों युवाओं में से केवल 1000 परीक्षार्थियों के ही सपने साकार हो पाते हैं. इस परीक्षा में सफ़ल कैंडिडेट्स को रैंक के हिसाब से IAS, IPS, IRS और IFS अधिकारी के तौर पर देश की सेवा करने का मौक़ा मिलता है.

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आज हम आपको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा पास कर इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) अधिकारी बनने वाली मुद्रा गैरोला (IAS Mudra Gairola) के बारे में बताने जा रहे हैं. मुद्रा के लिए इस परीक्षा को पास करना केवल अपने सपने को साकार करना ही नहीं था, बल्कि अपने पिता के उस अधूरे सपने को भी पूरा करना था जिसे वो नहीं कर पाए थे. चलिए मुद्रा गैरोला की इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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उत्तराखंड के चमोली ज़िले के कर्णप्रयाग की रहने वाली मुद्रा गैरोला (Mudra Gairola) ने बचपन से ही होनहार स्टूडेंट रही हैं. 10वीं बोर्ड परीक्षा में 96% और 12 वीं बोर्ड परीक्षा में 97% अंक हासिल करने वाली मुद्रा को तब देश की पहली आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने सम्मानित किया था. मुद्रा ने स्कूली पढ़ाई के मुंबई से बाद बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी (BDS) का कोर्स किया. इस कोर्स में भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था.

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दरअसल, बात सन 1973 की है, जब मुद्रा गैरोला (Mudra Gairola) के पिता अरुण गैरोला (Arun Gairola) ने UPSC की परीक्षा दी, लेकिन वो परीक्षा में सफल नहीं हो सके. वो हमेशा से चाहते थे कि उनके घर से कोई आईएएस अधिकारी बने. ऐसे में मुद्रा ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर अपने पिता के इस सपने को साकार करने का फ़ैसला किया.

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मुद्रा गैरोला ने इसके बाद दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी की. साल 2018 में उन्होंने पहली बार UPSC की परीक्षा दी. इस दौरान प्रीलिम्स और मेन क्लियर कर लिया था, लेकिन इंटरव्यू में रह गईं. इसके बाद साल 2019 में एक बार फिर से उन्होंने UPSC की परीक्षा दी. इस बार भी उनका चयन नहीं हुआ. साल 2020 में भी वो माइनस परीक्षा पास नहीं कर पाईं. लेकिन मुद्रा ने हार नहीं मानी और मेहनत जारी रखी. आख़िरकार साल 2021 में मुद्रा ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर 165वीं रैंक के साथ UPSC परीक्षा पास की.

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मुद्रा गैरोला के मन में आईपीएस अधिकारी बनने की ख़ुशी से कहीं ज़्यादा आईएएस अधिकारी न बनने की टीस थी. ऐसे में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. साल 2022 में उन्होंने एक बार फिर UPSC की परीक्षा दी और इस बार 53वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गईं. मुद्रा गैरोला की विफलता के बाद सफ़लता की ये कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणादायक है जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

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