सिडनी की शिक्षिका ने Live Interview में कहा कि पति से मार खाना है सौभाग्य की बात

Sanchita Pathak

शादी समाज की नज़रों में एक पवित्र बंधन है. हर धर्म और संप्रदाय में इस रस्म को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. पर जैसा की सर्वविदित है, शादी जैसे बंधन को भी कुछ असामाजिक तत्व शर्मसार करते हैं. यहां भी पुरुषों ने बाज़ी मारी है और इस बंधन को शर्मसार करने में वे महिलाओं से बहुत ज़्यादा आगे हैं. पर ऑस्ट्रेलिया के एक कट्टरपंथी मुस्लिम समूह हिज़्ब उत-तहरीर की दो औरतों ने जो किया है, उससे पूरे मानव समाज की नज़रें झुक गई हैं.

एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सर से पांव तक ढकी दो औरतें दिखाई दे रही हैं. इन औरतों के सामने टेबल पर कुछ किताबें और कुछ कागज़ात भी रखे हैं, जिससे ये साबित होता है कि ये पढ़ी-लिखी औरते हैं.

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सिडनी में एक प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका हैं, Reem Allouche, वीडियो में इन मोहतरमा ने कहा है कि पति द्वारा मार खाना तो सौभाग्य की बात है. चेहरे पर शिकन की एक भी रेखा नहीं. बड़ी ही सरलता से इन्होंने इतनी बड़ी बात कह दी.

30 मिनट के इस वीडियो में Reem के साथ एक दूसरी स्त्री भी हैं, Atika Latifi. हिजाब पहने हुए ये औरतें अंग्रेज़ी में बातें कर रही हैं. फक्र के साथ ये कह रही हैं कि घरेलू हिंसा एक ‘Symbolic Act’ है. बात यहीं ख़त्म नहीं हुई, Reem अपने साथ ‘Sivaak’ लेकर आई थीं, जो एक छोटी लकड़ी जैसा ही था. इस लकड़ी जैसी चीज़ की आज़माइश भी वीडियो में की गई है. ये कुछ वैसा ही था कि कैसे किसी पति को अपनी बीवी पर हाथ उठाना चाहिए.

ये वीडियो Radical इस्लामिक ग्रुप हिज़्ब उत-तहरीर के Facebook Page पर Upload किया गया है. Reem ने बड़ी ही सरलता से ये कहा कि पति के पास हक़ है कि वो अपनी बीवी को सीधा करने के लिए उस पर Sivaak से प्रहार कर सकता है.

Reema ने आगे कहा कि ये बस एक ‘Symbolic Act’ है, जब कि Atika ने मार खाने को एक ख़ूबसूरत दुआ बताया.

पर दोनों ही औरतें इस बात पर सहमत थीं कि उन्हें तभी मार पड़नी चाहिए, जब वे कोई गुनाह या पाप करें. यहां गुनाह यानि कि अल्लाह या अपने पति का अनादर करना है. कम-से-कम इन महिलाओं ने इतना तो कहा कि, ‘अगर बीवी खाना न बना पाए, तो पति को उस पर हाथ उठाने का हक़ नहीं है’. दोनों ‘बुद्धिजीवियों’ ने ये नहीं बताया कि अगर पति कोई गुनाह करे तो क्या करना चाहिए.

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Atika ने अरबी में कुछ पढ़ा, जिसका अर्थ कुछ यूं बताया गया कि पति के पास पत्नी को मारने का हक़ है, पर मार-पीट करना अंतिम उपाय नहीं है. पहला उपाय यह है कि पति अपनी पत्नी को समझाए, फिर उसे बिस्तर पर अकेला छोड़ दे और फिर उस पर हाथ उठाए. पर मार-पीट भी ऐसी न हो कि बीवी दर्द से मर जाए. ये 3 Step बताए गए हैं, बीवी को काबू करने के.

वीडियो देखकर चौंकने वाली कोई भी बात नहीं थी. ये तो सर्वविदित है कि एक औरत ही औरत की दुश्मन होती है. पर एक प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका द्वारा ऐसे शब्द सुनना, हैरान करने से ज़्यादा दुखी करता है. ख़ुद को प्रताड़ित करने की बात ख़ुद अपनी ज़बान से कोई कैसे निकाल सकता है? इसका मतलब तो ये ही हुआ कि ये दोनों औरतें मानती हैं कि आदमी कभी गलती कर ही नहीं सकता? ये वीडियो असल में समाज का आईना है, जहां औरतें ही ख़ुद को पुरुषों से कम समझती हैं. इंसानियत के नाम पर काला धब्बा हैं वो लोग जो घरेलू हिंसा को जायज़ ठहराते हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=VSbxPs3cPR4
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