1945 की मॉडलिंग की ये फ़ोटोज़ देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि उस वक़्त महिलायें कितनी आज़ाद थीं

Akanksha Tiwari

‘साड़ी’ को कुछ जगहों पर ‘सारी’ भी कहा जाता है. ये भारतीय महिलाओं का मुख्य परिधान है. साड़ी में एक महिला की जो ख़ूबसूरती निखर कर आती है, वो शायद ही किसी और परिधान में आती है. अमूमन साड़ी 4 से 9 मीटर तक लंबी होती है. भारत के अलावा ये बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बर्मा और मलेशिया में भी काफ़ी लोकप्रिय है. साड़ी को कई तरीकों से पहना जा सकता है, वैसे इसे पहनने का सबसे आसान तरीका है कि इसे शरीर के चारों ओर लपेट कर पहन लिया जाए.

आज की कामकाजी महिलाओं के लिए साड़ी पहनना एक बहुत बड़ा काम होता है. इसलिए वो साडी नहीं पहनना चाहती हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि इसमें उनका लुक अच्छा नहीं लगेगा. असल में ऐसा नहीं है. 1945 जून, साड़ी में की गई मॉडलिंग से जाहिर होता है कि मात्र साड़ी ही एक ऐसा परिधान है जिसमें महिलाएं अत्याधिक सुंदर दिखती हैं.

1- देखिए प्लेन साड़ी और डिज़ाइन वाले ब्लाउज़ में ये मॉडल गज़ब ढहा रही है.

2- बॉर्डर वाली साड़ी भी कमाल लग रही है.

3- ब्लैक एंड वाइट पिक में भी बेहद ख़ूबसूरत लग रही है मॉडल.

4- बंगाली लुक में साड़ी और महिला दोनों अच्छे लग रहे हैं.

5- साबित हो गया साड़ी में महिलाएं अधिक ख़ूबसूरत लगती हैं.

6- तो ऐसी थी आज़ादी से पहले की मॉडलिंग.

7. वाह ! जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम है.

Source : oldindianphotos

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