Achaleshwar Mahadev Temple: देश-विदेश में भगवान शिव के करोड़ों भक्त हैं. आपने भी देखा होगा लोग शिवलिंग और भोलनाथ की प्रतिमा की पूजा करते हैं. लेकिन कभी आपने किसी को भगवान शिव के अंगूठे की पूजा करते देखा है? (Lord Shiva Thumb Is Worshiped)

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जी हां, भारत में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है. इस मंदिर का नाम अचलेश्वर महादेव मंदिर (Achaleshwar Mahadev Temple) है.

कहां है अचलेश्वर महादेव मंदिर?

अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान में माउंट आबू से क़रीब 11 किलोमीटर दूर अचलगढ़ की पहाड़ियों पर अचलगढ़ किले के पास स्थित है. मान्यता है कि भगवान शिव के अंगूठे के कारण यहां के पर्वत टिके हुए हैं. ये पर्वत नष्ट हो जाता अगर शिव जी का अंगूठा ना होता. बता दें, पुराणों में तो माउंट आबू को अर्द्ध काशी के नाम से भी जाना जाता है.

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मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

मंदिर के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग पाताल खंड के रूप में दिखाई देता है. इसके ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान उभरा है. ये शिव का दाहिना अंगूठा माना जाता है. कहा जाता है कि इसी अंगूठे ने माउंटआबू के पहाड़ को थाम रखा है. लोगों का मानना है कि जिस दिन निशान गायब हो जाएगा, उस दिन माउंटआबू के पहाड़ खत्म हो जाएंगे.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब हिमालय पर तपस्या कर रहे थे, तब पर्वत पर स्थित नंदीवर्धन हिलने लग गया. ऐसे में शिव जी की तपस्या भंग हो गई. उस दौरान नंदी भी इसी पर्वत पर थे. ऐसे में भगवान शिव ने नंदी को बचाने के लिए हिमालय से ही अंगूठा फैलाया और पर्वत को स्थिर कर दिया. तब से मान्यता है कि इस पर्वत को भगवान शिवजी ने अपने अंगूठे से उठाया हुआ है.

बता दें, इस मंदिर में प्रवेश करते ही पंच धातु की बनी नंदी की प्रतिमा भी दिखाई देती है. बताया जाता है कि इस मूर्ती का वज़न चार टन है.

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