भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सन 1956 से करेंसी नोट छापने के लिए ‘मिनिमम रिज़र्व सिस्टम’ का पालन कर रहा है, जो उसी समय बनाई गयी थी. इसके अंतर्गत रिजर्व़ बैंक को करेंसी नोट प्रिंटिंग के विरुद्ध न्यूनतम 200 करोड़ रुपये का रिज़र्व हमेशा रखना पड़ता है. इसमें 115 करोड़ रुपये गोल्ड और 85 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा के रूप में रखने होते हैं. इसके बाद ही रिज़र्व बैंक करेंसी नोट प्रिंट कर सकता है. ये रिजर्व न्यूनतम है रिजर्व़ बैंक इसे समय-समय पर बढ़ाता रहता है.

indiatvnews

ये भी पढ़ें- जानते हो भारतीय करेंसी नोट पर ‘गांधी जी’ की तस्वीर पहली बार कब छपी थी और कहां से ली गई थी?

भारत में पिछले कई दशकों से हम नोट और सिक्कों की मदद से ही लेनदेन करते आ रहे हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों से लेनदेन ‘डिजिटल पेमेंट्स’ के ज़रिए भी होने लगी है, लेकिन आज भी एक तबका ऐसा है जो कैश में ही लेनदेन करना पसंद करता है. देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट प्रचलन में हैं. इसके अलावा भारत में 1, 2, 5, 10, 20 रुपये के सिक्के भी प्रचलन में हैं.

theculturetrip

5 रुपये का नोट था पहला करेंसी नोट 

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी. आरबीआई ने आज़ादी से 9 साल पहले जनवरी 1938 में पहली बार 5 रुपये का करेंसी नोट जारी किया था. इस नोट पर ‘किंग जॉर्ज VI’ की तस्वीर लगी हुई थी. जबकि आज़ाद भारत का पहला करेंसी नोट 1 रुपये का नोट था, जिसे भारत सरकार ने सन 1949 में जारी किया था.

stressbuster

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसके बाद फ़रवरी 1935 में 10 रुपये के नोट, मार्च में 100 रुपये के नोट और जून में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के करेंसी नोट जारी किए थे. सन 1938 से लेकर 1946 के बीच भारत में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट प्रचलन में थे, लेकिन बाद में इन्हें विमुद्रीकरण कर दिया गया.

clickindia

ये भी पढ़ें- जानते हो सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर वाले नोट कब और क्यों छापे गए थे, इन्हें क्यों बंद कर दिया गया?

RBI द्वारा सन 1954 में एक बार फिर से 1,000, 5,000 और 10,000 रुपये के नोट छापे गए थे, लेकिन 1978 में इन्हें विमुद्रीकरण (बंद) कर दिया गया था. भारत में आधिकारिक तौर पर 1 पैसे, 2 पैसे, 3 पैसे, 5 पैसे, 10 पैसे, 20 पैसे और 25 पैसे के सिक्के 30 जून, 2011 तक प्रचलन में थे, लेकिन बाद में इन्हें बंद कर दिया गया. 50 पैसे के सिक्के अभी भी चलन में हैं. उन्हें छोटे सिक्के कहा जाता है जबकि अन्य मूल्यवर्ग को रुपये के सिक्के के रूप में जाना जाता है।

coinbay

सन 1947 तक भारत में ब्रिटिश किंग जॉर्ज की तस्वीर वाले करेंसी नोट चलते थे. आज़ादी के बाद रिज़र्व बैंक ने पहली बार सन 1969 में स्मरण के तौर पर गांधी जी की तस्वीर वाले 100 रुपये के नोट पेश किए थे. ये साल उनका जन्म शताब्दी वर्ष था और नोटों पर उनकी तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर भी थी. लेकिन गांधी जी की मौजूदा तस्वीर वाले करेंसी नोट पहली बार 1987 में छपे थे. गांधी जी के मुस्कुराते चेहरे वाली इस तस्वीर के साथ सबसे पहले 500 रुपये का नोट अक्टूबर 1987 में पेश किया गया. इसके बाद गांधी जी की ये तस्वीर अन्य करेंसी नोटों पर भी इस्तेमाल होने लगी.

naukrinama

ये भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं भारत में ‘0 रुपये’ के नोट कब और किस उपयोग के लिए छापे गए थे?

1996 में छपे महात्मा गांधी सीरीज़ के नोट 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने साल 1996 में एडिशनल फ़ीचर्स के साथ पहली बार महात्मा गांधी सीरीज़ के नोट जारी किये थे. इन फ़ीचर्स में बदला हुआ वॉटरमार्क, विंडोड सिक्योरिटी थ्रेड, लेटेंट इमेज और विजुअल हैंडीकैप्ड लोगों के लिये इंटेग्लियो फ़ीचर्स भी शामिल थे. 1996 से पहले 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर को वॉटरमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.

news18

भारतीय मुद्रा का नाम भारतीय रुपया (INR) है. एक रुपये में 100 पैसे होते हैं. भारतीय रुपये का प्रतीक ‘₹’ है. ये डिज़ाइन ‘₹’ देवनागरी अक्षर (र) से प्रेरित है.

dailyhunt

कैसी लगी भारतीय करेंसी नोट से जुड़ी हमारी ये कोशिश? 

ये भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं भारत में 200, 500 और 2000 रुपये का 1 नोट, किस कीमत में छपता है?