भारत को अंग्रेज़ों से अज़ाद कराने के लिये कई देशभक्तों और सैनिकों ने अपनी जान क़ुर्बान कर दी थी. इन्हीं सैनिकों में से एक जनरल शाहनवाज़ ख़ान भी थे. वो आज़ाद हिंद फ़ौज़ अधिकारी व स्वतंत्रता सेनानी थे. कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिये उन्होंने ब्रिटिश आर्मी छोड़ दी थी. यही नहीं, द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद ही अंग्रेज़ सरकार ने कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों, कर्नल प्रेम सहगल और शाहनवाज़ ख़ान के ऊपर मुक़ादमा भी चलाया था.  

thebetterindia

आज़ादी को इतने साल हो गये, लेकिन जनरल शाहनवाज़ ख़ान के बहुत से ऐसे क़िस्से हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं. एक ऐसा ही क़िस्सा शाहरुख़ ख़ान से भी जुड़ा है. कहते हैं कि किंग ख़ान की मां लतीफ़ फ़ातिमा के लिये शाहनवाज़ ख़ान उनके पिता से कम नहीं थे. दरअसल, बाप-बेटी के इस रिश्ते की शुरुआत 40 के दशक में हुई थी. लतीफ़ फ़ातिमा और उनकी फ़ैमिली दिल्ली में एक एक्सीडेंट में फ़ंस हुई थी. मुश्किल दौर में शाहनवाज़ ही थे, जिन्होंने उनके परिवार को बचाया और अस्पताल तक ले गये.  

cinestaan

इस घटना के बाद वो लगातार लतीफ़ फ़ातिमा से संपर्क बनाये हुए थे. यही नहीं, उन्होंने फ़ातिमा को गोद भी ले लिया था. पिता का धर्म निभाते हुए शाहनवाज़ ने मीर ताज मोहम्मद से लतीफ़ फ़ातिमा की शादी भी कराई. दोनों की उनके बंगले पर ही हुई थी. आपको बता दें कि मीर ताज मोहम्मद भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. इसके साथ ही उन्हें शाहनवाज़ का क़रीबी भी माना जाता है. इस तरह से शाहनवाज़ शाहरुख़ ख़ान के नाना हुए.  

TBI

जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता सेनानी का जन्म रावलपिंडी में हुआ था. उनके पिता भी टिक्का ख़ान भी ब्रिटिश आर्मी का हिस्सा थे. क़िस्मत से एक दिन ऐसा आया जब सिंगापुर में उन्हें नेता सुभाष चंद्र बोस से मिलने का मौक़ा मिला. इसके वो INA में शामिल हो गये. देश के लिये लड़ते-लड़ते शाहनवाज़ 1983 में दुनिया को अलविदा कह दिया और उन्हें स्वतंत्रता सेनानी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.