देशभर में 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के जश्न की तैयारियां चल रही हैं. आज़ादी का ये दिन हिंदुस्तानियों के लिये किसी त्योहार से कम नहीं है. हर साल धूम-धाम से स्वतंत्रता दिवस समोरह को सेलिब्रेट किया जाता है. हांलाकि, हिंदुस्तान की एक जगह ऐसी भी है जहां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं मनाया जाता है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर की.

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इस शहर में स्वतंत्रता दिवस तारीख़ के हिसाब से नहीं, बल्कि तिथि के अनुसार मनाया जाता है और ये सिलसिला पिछले 36 सालों से चला आ रहा है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. मंदसौर शहर के मशहूर पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस को 8 दिन पहले यानि शनिवार को ही मना लिया गया.

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8 दिन पहले स्वतंत्रता दिवस मनाने की वजह क्या है?

जानकारी के मुताबिक, पशुपतिनाथ मंदिर इंदौर से क़रीब 250 किमी दूर मंदसौर में शिवना नदी के पास बना हुआ है. ये हिंदुस्तान का प्राचीन शिव मंदिर है. यहां के लोग स्वतंत्रता दिवस ख़ास तारीख़ नहीं, बल्कि हिंदू पंचांग के आधार पर मनाते हैं. ‘ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद’ के अध्यक्ष उमेश जोशी का कहना है कि 15 अगस्त 1947 को जिस दिन देश अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ, उस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पढ़ी थी. बस इसी तिथि को याद रखते हुए साल विशेष पूजा करते हुए हम आज़ादी का जश्न मनाते हैं.  

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हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार श्रावण कृष्ण चतुर्दशी शनिवार को पड़ी थी. परंपरा को कायम रखते हुए इस बार भी पशुपतिनाथ मन्दिर में स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट किया गया. कोरोनाकाल को ध्यान में रखते हुए पूजा के लिये सिर्फ़ पांच पुरोहित बुलाये गये थे, जिन्होंने अष्टमुखी शिवलिंग का श्रृंगार करते हुए पूजा की. 

आपको बता दें कि 1985 से पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता आ रहा है.