History Of INS Kalvari: भारतीय नौसेना के इतिहास में कई सबमरीन हुई हैं, जिनमें से एक आईएनएस कलवरी (INS Kalvari) भी है. कलवरी सबमरीन नौसेना के इतिहास में सबसे घातक सबमरीन में से एक थी, जिसे 15 अप्रैल 1967 को लॉन्च किया गया था और 26 सितंबर 1967 को प्रतिस्पर्धा हुई थी. 8 दिसंबर 1967 को भारत की पहली पनडुब्बी कलवरी को सोवियत संघ के रीगा से भारत के विशाखापट्टनम लाया गया था. सबमरीन कलवरी 30 हज़ार 500 किलोमीटर का लम्बा सफ़र तय करके तीन महीने में भारत पहुंची थी.

History Of INS Kalvari
Image Source: thebetterindia

History Of INS Kalvari

आइए, INS कलवरी के बारे में जानते हैं:

भारतीय नौसेना की ये सबमरीन डीज़ल-इलेक्ट्रिक सबमरीन थी और इसका नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया था, जिसका मलयालम में मतलब ‘कलवरी’ होता है. इसका डिज़ाइन फ़्रांस की कंपनी Direction des Constructions Navales ने तैयार किया था और इसे मुंबई के Mazagon Dock Shipbuilders Limited कंपनी में मैन्यूफ़ैक्चर किया गया था.

History Of INS Kalvari
Image Source: wionews

दुनिया की सबसे घातक सबमरीन कलवरी जब भारत लाई जा रही थी उसी दौरान अमेरिका, ब्र‍िटेन और सोवियत संघ की तीन पनडुब्बियां भी थीं, जो समुद्र में डूब गई थीं. मगर कलवरी इतनी पावरफ़ुल थी कि वो इतनी मुश्किलों के बाद भी कड़ी सुरक्षा और देख रेख के साथ भारत आ पाई.

History Of INS Kalvari
Image Source: englishtribuneimages

भारतीय नौसेना में कलवरी को शामिल किया गया, जिसके 4 साल बाद भारत-पाकिस्तान 1971 की जंग में कलवरी ने अपना दमखम दिखाते हुए कराची बंदरगाह को तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन ट्राइडेंट 1971 (Operation Trident 1971) था. भारतीय नौसेना में कलवरी ने 30 साल अपनी सेवाएं दी, जिसके बाद 31 मार्च 1996 को कलवरी को रिटायर किया गया.

History Of INS Kalvari
Image Source: news18

कलवरी रिटायर हो गई, लेकिन भारतीय नौसेना के Project-75 के तहत कलवरी की श्रेणी में आने वाली सबमरीन का निर्माण किया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य स्पेशल ऑपरेशन फ़ोर्स (SOF), एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) और एंटी-शिप वॉरफ़ेयर (AShW) की देख-रेख में किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए कलवरी, खंडेरी, करांज और वेला पनडु‍ब्बियों को शामिल किया गया है.

History Of INS Kalvari
Image Source: wikimedia

आपको बता दें, 2018 में फ़्रांस में स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी को शामिल किया गया है, जिसका नाम भी कलवरी रखा गया है. ये सबमरीन समुद्र की गहराई में छुपकर काम रही है और दुश्मनों को अपना निशाना बना रही है.