इतिहास अपने अंदर कई अच्छे तो कई भयानक राज़ समेटे हुए है. इसमें राजाओं की वीरता और साहस तो है ही लेकिन कुछ ऐसे राजा भी थे जिनके साहस के आगे अंग्रेज़ कांपते थे. इन्हीं में से एक बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला थे, जिनको आख़िरी आज़ाद नवाब भी कहा जाता है. इसके पीछे का कारण ये है कि इनके मरणोपरांत ही अंग्रेज़ों ने भारत में अपने पैर पसारना शुरू किया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_ed7ced6d-7e33-4216-9f0c-0af1d2200989.jpg)
ये भी पढ़े: ये हैं भारतीय इतिहास की 10 सबसे अद्भुत घटनाएं, जिनमें छुपे हैं इतिहास के कई रहस्य
कहा जाता है जब तक सिराजुद्दौला ज़िंदा रहे अग्रेंज़ों की रुह उनके क़हर से कांपती थी. इसकी ग़वाह है ‘ब्लैक होल ऑफ़ कलकत्ता’ की वो ख़ौफ़नाक घटना, जो कोलकाता के ‘फ़ोर्ट विलियम’ के एक छोटे से कमरे में दफ़न है. हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बने फ़ोर्ट विलियम को ब्रिटिश राज के दौरान इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर बनवाया गया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_59242cc6-dd76-403e-ab17-5ce66bac9cf1.jpg)
फ़ोर्ट विलियम में एक 18 फ़ीट लंबा और 14 फ़ीट चौड़ा एक कमरा बनवाया गया, जिसमें दो बहुत छोटे रोशनदान थे, जिसके चलते उस कमरे का नाम ‘ब्लैक होल’ रखा गया. इस कमरे को अंग्रेज़ों ने अपराधियों को सज़ा देने के लिए बनवाया था, मगर वो क्या जानते थे, कि ये उन्हीं की क़ब्र बनेगा.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_eff8f47c-5441-46d2-b53d-10b3e2b6d6f3.jpg)
इस क़िले के बनने के बाद ही अंग्रेज़ अपने पैर पसारने लगे और उन्होंने अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाना शुरू कर दिया. इस बात का पता जब नवाब सिराजुद्दौला को चला तो उन्होंने अंग्रेज़ों को ऐसा न करने के लिए आगाह किया, लेकिन अंग्रज़ों ने नवाब की बात को हवा में उड़ा दिया. इससे नाराज़ होकर नवाब ने 5 जून 1756 को एक बहुत बड़ी सेना के साथ फ़ोर्ट विलियम पर हमला करने की तैयारी कर ली.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_a4254a97-49d1-4aea-92de-4dd1a5701bb3.jpg)
ये भी पढें: इन 22 फ़ोटोज़ में है बंटवारे का वो दर्दनाक मंज़र जिसने दो मुल्कों को ही नहीं, लोगों को भी बांट दिया
19 जून 1756 को नवाब सिराजुद्दौला ने फ़ोर्ट विलियम पर धावा बोल दिया. उस समय अंग्रेज़ों के पास बहुत बड़ी सेना नहीं थी, जिसके चलते कुछ अंग्रेज़ जलमार्ग से भाग निकले, इसके बाद भी कमांडर जॉन जेड हॉलवेल के नेतृत्व में क़रीब 200 अंग्रेज़ सैनिक क़िले में बचे रहे. मगर ये सैनिक उतने नहीं थे जो नवाब की सेना का सामना कर पाते. अंग्रेज़ों को परास्त कर नवाब ने 20 जून को उसी ‘ब्लैक होल’ में 146 अंग्रेज़ों को बंदी बना लिया (जिनमें स्त्रियां और बच्चे भी शामिल थे).
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_3ed22113-0c01-4d19-b15c-9ceadce192d0.jpg)
इसके बाद जब 23 जून, 1756 को कमरा खोला गया तो केवल 23 लोग ही ज़िंदा थे, बाकि 123 लोग मर चुके थे. ज़िंदा बचे लोगों में अंग्रेज़ कमांडर जॉन जेड हॉलवेल भी शामिल था. इन लोगों के भी मरने पर इन्हें वहीं एक गड्ढा खोद कर दफ़न कर दिया गया. आज इस जगह पर ‘ब्लैक होल मेमोरियल है’.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/07/60ed84048a373a7f865967b1_affa804c-7b34-481a-9fbc-6e5c733b3167.jpg)
आपको बता दें, फ़ोर्ट विलियम फ़िलहाल थल सेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय है. इस क़िले को अंग्रेज़ों की ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ ने अपने फ़ैक्ट्रियों को सुरक्षित रखने के लिए बनवाया था, क्योंकि 17वीं सदी के आख़िरी दशक में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने अंग्रेज़ों पर क़हर बरपा रखा था.