21वीं सदी में आप इस बात पर यकीन ही नहीं करेंगे कि आज से क़रीब 200 पहले दुनिया में मानव चिड़ियाघर (Human Zoo) भी हुआ करते थे. इन मानव चिड़ियाघरों (Human Zoo) में इंसानों को जानवरों की तरह रखा जाता था. इनमें लाचार इंसानों को ठीक उसी तरह पिंजरे में बंद रखा जाता था जैसे किसी जानवर को रखा जाता है. इतना ही नहीं हैवानियत ऐसी थी कि इन्हें तड़पता हुआ देखने के लिए देश-विदेशी से पर्यटक आते थे.

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सन 1800 से 1900 के बीच यूरोप में ‘Human Zoo’ काफ़ी पॉपुलर हुआ करते थे. आज से क़रीब 200 साल पहले दुनिया के कई देशों में ये सब आम बात हुआ करती थी. इस ‘ह्यूमन ज़ू’ में इंसानों की जानवरों की तरह प्रदर्शनी लगाई जाती थी, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा होती थी. ये शर्मसार कर देने वाली हकीकत यूरोप के इतिहास में दर्ज है.  

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19वीं सदी में पेरिस, हैमबर्ग, जर्मनी, एन्टवर्प, बेल्जियम, बार्सिलोना, स्पेन, लंदन, मिलान, पोलैंड और सेंट लुईस जैसी जगहों पर कई ‘ह्यूमन ज़ू’ बनाए गए थे. इस दौरान अश्वेतों को देखने के लिए व्हाइट पीपुल (श्वेत) आते थे. ‘ह्यूमन ज़ू के लिए अफ़्रीकी मूल (अश्वेतों) को किडनैप करके भी लाया जाता था और उन्हें ज़ू में जानवरों के साथ फेंसिंग या केज में रखा जाता था.

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बता दें इस इंसानी प्रदर्शनी में अफ़्रीकी ट्राइब्स से लेकर अमेरिका के मूल निवासी शामिल होते थे. सन 1889 में पेरिस शहर में लगे वर्ल्ड फ़ेयर में इन्हें देखने के लिए 1 करोड़, 80 लाख लोग पहुंचे थे. इससे साफ़ है कि उस दौर में ‘Human Zoo’ का लोगों के बीच कितना क्रेज़ था. 20वीं सदी की शुरुआत में इन्हें बंद कर दिया गया था.

Human Zoo की इन 20 भयानक तस्वीरों को देख आप समझ जायेंगे कि यहां पर इंसानों की कितनी दुर्गति होती थी-

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इंसानों पर इंसानों का ये अत्याचार बेहद निंदनीय है.