इंडियन एयरफ़ोर्स (IAF) का मुख्य कार्य भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना और युद्ध के दौरान हवाई युद्ध करना है. भारतीय वायुसेना को आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश साम्राज्य की सहायक वायु सेना के रूप में स्थापित किया गया था. वर्तमान में भारतीय वायु सेना में 170,576 एक्टिव सैनिक हैं. इंडियन एयरफ़ोर्स 1950 के बाद से अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ 4 युद्धों में शामिल हो चुकी है. आज ‘ऑपरेशन विजय’, ‘ऑपरेशन मेघदूत’, ‘ऑपरेशन कैक्टस’ और ‘ऑपरेशन पूमलाई’ इंडियन एयरफ़ोर्स की पहचान बन चुके हैं.

newsreaders

एयर चीफ़ मार्शल ‘भारतीय वायु सेना’ के प्रमुख माने जाते हैं, जो कि एक चार सितारा अधिकारी होते हैं. वायु सेना की अधिकांश परिचालन कमान के लिए ‘एयर चीफ़ मार्शल’ ही ज़िम्मेदार होते हैं. भारतीय वायुसेना के इतिहास में अर्जन सिंह एकमात्र ऐसे अधिकारी रहे, जिन्हें 26 जनवरी 2002 को भारत के राष्ट्रपति ने वायु सेना में ‘मार्शल’ पद प्रदान किया था. अर्जन सिंह इंडियन एयरफ़ोर्स (IAF) के पहले और एकमात्र पांच सितारा रैंक अधिकारी हैं.

livemint

दरअसल, सन 1947 में भारत की आज़ादी के बाद भारतीय वायुसेना का नाम ‘रॉयल इंडियन एयरफ़ोर्स’ रखा गया था. लेकिन 1950 में गणतंत्र में परिवर्तन के साथ इसके नाम से ‘रॉयल’ शब्द हटा दिया गया. इसके बाद इंडियन एयरफ़ोर्स (IAF) नाम अस्तित्व में आया. लेकिन अब एक बार फिर से ‘इंडियन एयरफ़ोर्स’ का नाम बदलने जा रहा है.

afcat

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अगले कुछ सालों में इंडियन एयरफ़ोर्स का नाम बदलने वाला है. इसका नाम इंडियन एयरफ़ोर्स (Indian Air Force) से इंडियन एयर एंड स्पेस फ़ोर्स (Indian Air and Space Force) होने जा रहा है. भारत सरकार जल्द ही इस नाम को स्वीकृति दे सकती है.

afcat

नाम बदलने की असल वजह

दरअसल, भारतीय वायुसेना चाहती है कि उसे केवल दुनिया की एक ताक़तवर वायुसेना के तौर पर ही नहीं, बल्कि भरोसेमंद एयरोस्पेस पवार के रूप में भी जाना जाय. इसीलिए इंडियन एयरफ़ोर्स जल्द ही पूरी क्षमता और स्वतंत्रता से निर्णय लेने वाला ‘स्पेस कमांड’ बनाने की तैयारी भी कर रही है. इस दौरान इंडियन एयरफ़ोर्स के ख़ुद के 100 सैटेलाइट अंतरिक्ष में तैनात होंगे.