Kerala’s Chamayavilakku Festival: भारत विविधताओं का देश है. यहां पर खाना हो या त्यौहार सबमें विविधता देखने को मिलती है. हर राज्य में अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं. इन त्यौहार की मान्याताएं और रीति-रिवाज़ भी अलग होते हैं. किसी में महिलाओं का होना ज़रूरी होता है तो किसी में पति-पत्नी का साथ बैठना. किसी में जमकर नाच-गाना होता है किसी में स्वादिष्ट पकवान बनते हैं.

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त्यौहारों का दूसरा नाता नए और सुंदर कपड़ों से होता है, जिसमें बच्चे से लेकर बड़े तक नए कपड़े पहनते हैं और सबसे ज़रूरी बात अपने-अपने कपड़े पहनते हैं. मगर एक राज्य ऐसा है जहां का एक त्यौहार इतना निराला है कि वहां पुरुष महिलाओं के कपड़े में तैयार होकर जाते हैं. इसके अलावा, इस त्यौहार में समाज के उस हिस्से को भी बराबर की इज़्ज़त दी जाती है, जिसे हम नकार देते हैं, वो है किन्नर समाज. इसमें किन्नर समाज भी पूरे हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लेता है और मां का पूजन करता है.

Kerala's Chamayavilakku Festival
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सुनकर अजीब लगेगा, लेकिन केरल में चमायाविलाक्कू (Kerala’s Chamayavilakku Festival) नाम का त्यौहार मनाया जाता है, जहां पुरुषों को ऐसा करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है?

केरल के कोल्लम ज़िले के कोट्टमकुलकारा में देवी मंदिर में एक परंपरा है, जिसे चमायाविलक्कू उत्सव कहा जाता है. इस उत्सव के लिए पुरुष अपनी दाढ़ी-मूंछ मुंडवाकर महलिाओं की तरह पूरा साजो-श्रृंगार करते हैं. कहते हैं कि, ये उनकी प्रार्थनाओं का देवी मां से जवाब मांगने का तरीक़ा होता है.

Kerala's Chamayavilakku Festival
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Kerala Tourism Website के अनुसार,

ये अनोखा त्यौहार मलयालम महीने के मीनम की 10वीं और 11वीं तारीख़ को मार्च के दूसरे भाग में मनाया जाता है. इस त्यौहार को कोट्टनकुलंगारा चमयाविलक्कू यानि रोशनी का एक कार्निवल कहा जाता है. इस दिन पुरुष हाथों में दीपक लेकर महिलाओं की तैयार होकर देवी मां के आगे अनूठी रस्म निभाते हैं.

Kerala's Chamayavilakku Festival
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इस रस्म को निभाते हुए पुरुष चमायाविलक्कू (पारंपरिक दीपक) हाथ में लेकर पीठासीन देवता के प्रति भक्ति में लीन होकर मंदिर के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और अपनी मोनकामना पूरी करते हैं. इस त्यौहार में ट्रांसजेंडर समुदाय का बड़ा जमावड़ा देखने को मिलता है क्योंकि ये वो जगह जहां उन्हें अपनी पहचान का जश्न मनाने का मौक़ा मिलता है. साथ ही कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है.

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एक अधिकारी अनंत रूपनगुडी ने ट्वीट कर मेकअप प्रतियोगिता के विजेता के बारे में बताया, जिन्हें प्रतियोगिता में मेकअप के लिए पहला पुरस्कार मिला था.

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आपको बता दें, इस त्यौहार को हर साल 25 मार्च के आस-पास केरल के कोल्लम के पास स्थित देवी मां के मंदिर में मनाया जाता है.