Konark Sun Temple: हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जिनसे कई रहस्य जुड़े हुए हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक कोर्णाक मंदिर भी है. 13वीं शताब्दी में बना उड़ीसा स्थित ये मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है.

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मंदिर की बनावट रथ स्टाइल में है, जिसे देखने पर ऐसा लगता है जैसे मानो सूर्य देवता रथ में बैठ कर जा रहे हों. कहते हैं कि मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने कराया था. ये मंदिर अपनी अद्भुत शिल्पकला के लिये दुनियाभर में प्रसिद्ध है. रिपोर्ट के अनुसार, 15वीं शताब्दी के आस-पास मुस्लिम सेना ने मंदिर पर आक्रमण कर दिया था, जिससे वहां के पुजारियों ने सूर्य देवता की मूर्ति को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रख दिया.  

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इसके बाद जब 20वीं सदी में ब्रिटिश शासनकाल में Restoration के दौरान मंदिर की खोज की गई. सूर्य देवता के इस अनोखे मंदिर के रहस्य को अब तक कोई सुलझा पाया है. कहा जाता है कि मंदिर के शीर्ष पर एक चुंबकीय पत्थर रखा हुआ है. उस चुंबक की वजह समुद्र से गुज़रने वाला कोई भी समुद्री जहाज उसकी ओर खिंचा चला आता है. कहते हैं कि मंदिर के शीर्ष पर ये चुंबक इसलिये रखा है, ताकि चारों दीवारों का बैलेंस बना रहेगा.  

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आज तक नहीं हुई मंदिर में पूजा 

स्थानीय लोगों के अनुसार, आज तक इस मंदिर में पूजा नहीं हुई है. कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण के दौरान प्रमुख वास्तुकार के बेटे ने मंदिर में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद से मंदिर में किसी तरह की पूजा-अर्चना पर रोक लगा दी गई थी. ये भी कहा जाता है कि जब भी कोई मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करे, तो सभी प्रकार की मोह-माया बाहर छोड़ कर आये.

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कोणार्क मंदिर जाने वाले पर्यटक ख़ास तौर पर यहां सूर्य उदय और अस्त देखने जाते हैं. यहां आकर सूर्य उदय और सूर्य अस्त देखने का मज़ा ही कुछ और है. जिसने भी रोचक मंदिर के बारे में सुना है वो यहां जाने से ख़ुद को रोक नहीं पाया है.