महाभारत (Mahabharata) भारत का एक प्रमुख धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक काव्य ग्रंथ है. महाभारत प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है. ये दुनिया का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ, महाकाव्य और हिन्दू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है. इसे हिन्दू धर्म में पंचम वेद भी माना जाता है. हम बचपन से घर और स्कूल में ‘महाभारत’ की कहनी सुनते आ रहे हैं. इसके अलावा हम ‘महाभारत’ की कहानी कई फ़िल्मों और टीवी धारावाहिकों में भी देख चुके हैं. आज भी हमें ‘महाभारत’ के प्रमुख पात्रों श्रीकृष्ण, भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, अर्जुन, भीम, कर्ण, दुर्योधन, कुंती, द्रौपती, शकुनि मामा के बारे में पूरी जानकारी है.

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महाभारत का युद्ध हस्तिनापुर की राजगद्दी के लिए पांडवों और कौरवों के बीच हक़ की लड़ाई को लेकर लड़ा गया था. प्राचीन काल में पांडवों और कौरवों का साम्राज्य हस्तिनापुर से लेकर गांधार (अफ़ग़ानिस्तान के कंधार) तक फ़ैला हुआ था. महाभारत की कहानी में एक मोड़ ऐसा भी आता है जब पांडवों को जुए में अपना सब कुछ हारकर जंगलों में भटकने पर मजबूर होना पड़ता है. इस दौरान पांडव अपने रहने के लिए कौरवों से 5 गांव मांगते हैं. लेकिन कौरवों ने पांडवों के इस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया था. यहीं से दुनिया के सबसे बड़े युद्ध की शुरुआत होती है.

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अगर दुर्योधन (कौरव) ने पांडवों का प्रस्ताव मानकर समझौते के तहत उन्हें वो 5 गांव दे दिए होते तो कुरुक्षेत्र की मिट्टी को लहूलुहान कर देने वाले महाभारत युद्ध के दर्शन न होते. क्या आप जानते हैं पांडवों द्वारा कौरवों से मांगे गए वो 5 गांव आज कहां हैं और किस नाम से जाने जाते हैं?

प्राचीनकाल में पांडवों ने अपने प्रस्ताव में कौरवों से जो 5 गांव मांगे थे वो आज ‘पानीपत’, ‘सोनीपत’, ‘बागपत’, ‘तिलपत’ और ‘बरनावा’ के नाम से जाने जाते हैं. इनमें से कुछ मॉर्डन शहर बन चुके हैं तो कुछ आज भी गांव और क़स्बे ही रह गए हैं.

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इनमें से ‘पानीपत’ आज देश का प्रमुख इंडस्ट्रियल सिटी बन चुका है. जबकि ‘सोनीपत’ भी रियल स्टेट सिटी और स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर मशहूर है. दिल्ली से सटा ‘बागपत’ अपनी किसानी के लिए काफ़ी मशहूर है. फ़रीदाबाद में स्थित ‘तिलपत’ आज दिल्ली एनसीआर में शामिल हो चुका है. वहीं प्राचीनकाल का ‘वारणवर्त’ आज ‘बरनावा’ के नाम से जाना जाता है, लेकिन पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश के कारण ये गांव विकसित नहीं हो पाया.

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