भारत में सरकारी कर्मचारी की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है. रिटायरमेंट के बाद सरकार द्वारा पूर्व कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है. आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद उम्र के अंतिम पड़ाव में होने की वजह से लोग अधिकतम 15 से 20 साल तक ही पेंशन ले पाते हैं. लेकिन राजस्थान के 100 वर्षीय बोयतराम डूडी (Boyatram Dudi) बीते 66 सालों से लगातार सरकारी पेंशन पा रहे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

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दरअसल, राजस्थान के झुंझुनूं ज़िले के रहने वाले बोयतराम डूडी (Boyatram Dudi) एक पूर्व सैनिक हैं. वो दूसरे विश्व युद्ध की जंग लड़ चुके हैं. बोयतराम डूडी इकलौते भारतीय हैं जो सबसे अधिक समय से सरकारी पेंशन ले रहे हैं. केवल 19 रुपये से शुरू हुई उनकी पेंशन आज 35 हज़ार रुपये तक पहुंच चुकी है.

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असल ज़िंदगी में कौन हैं बोयतराम डूडी?

बोयतराम डूडी (Boyatram Dudi) का जन्म 21 जुलाई, 1923 को राजस्थान के झुंझुनूं ज़िले के भोड़की गांव में हुआ था. 19 साल की उम्र में उन्होंने भारतीय सेना ज्वाइन कर ली थी. उन्हें भारतीय सेना की राजस्थान राइफ़ल्स में पोस्टिंग मिली थी. लेकिन ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के दौरान डूडी को लीबिया और अफ़्रीका भेज दिया गया. इस दौरान उन्होंने बड़ी बहादुरी से 6 मोर्चों पर जंग लड़ी.

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बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बोयतराम डूडी की बटालियन के 80 फ़ीसदी सैनिक शहीद हो गए थे. ​लेकिन डूडी ने बड़ी निडरता के साथ दुश्मनों का सामना किया. बोयतराम डूडी को उनकी इस बहादुरी के लिए 4 सेना मेडल भी मिले. युद्ध ख़त्म होने के बाद जब वो भारत लौटे तो उन्होंने महात्मा गांधी व पंडित जवाहरलाल नेहरू से मुलाक़ात भी की.

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बोयतराम डूडी (Boyatram Dudi) सन 1957 में भारतीय सेना से रिटायरमेंट ले लिया था. रिटायरमेंट के बाद उन्हें केवल 16 रुपये की मासिक पेंशन मिला करती थी, जो अब बढ़कर 35 हज़ार रुपये हो चुकी है. इस तरह से बोयतराम सर्वाधिक समय 66 सालों तक पेंशन लेने वाले पहले पूर्व सैनिक बन गये हैं.

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बोयतराम डूडी (Boyatram Dudi) की उम्र आज 100 साल हो चुकी है. लेकिन उम्र के इस पड़ाव में भी वो रोजाना क़रीब 5 किलोमीटर तक पैदल चलते हैं. सुबह जल्दी उठना उनकी दिनचर्या में शामिल है. बोयतराम आज भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपने खेतों में काम करते हैं.

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