Munshi Premchand Motivational Quotes: हिन्दी और उर्दू के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गांव में हुआ था. उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद की आरम्भिक शिक्षा फ़ारसी में हुई. सन 1898 में मैट्रिक की परीक्षा के पास करने के बाद वो स्थानिक स्कूल में अध्यापक नियुक्त हो गये. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. सन 1910 में इंटरमीडिएट और सन 1919 में बी.ए. करने के बाद प्रेमचंद शिक्षा विभाग में इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हो गये.

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मुंशी प्रेमचंद ने सन 1921 में असहयोग आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी के सरकारी नौकरी छोड़ने के आह्वान पर 23 जून 1921 को अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद उन्होंने लेखन को ही अपना व्यवसाय बना लिया और ‘मर्यादा’ और ‘माधुरी‘ जैसी पत्रिकाओं में संपादक पद पर कार्यरत रहे. इसके बाद उन्होंने सरस्वती प्रेस ख़रीद लिया और ‘हंस’ और ‘जागरण’ जैसी पत्रिकाएं प्रकाशित कीं. इस बीच उन्होंने उपन्यासकर व कहानीकार के रूप में 300 से अधिक कहानियां लिखीं. आख़िरकार लंबी बीमारी के चलते 8 अक्टूबर, 1936 को उनका निधन हो गया.

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