World War II(द्वितीय विश्व युद्ध) के दौरान लोगों ने कई हवाई लड़ाइयां देखीं जो दिल दहला देने वाली थीं. वहीं कुछ सैनिक तो उड़न तश्तरियों या फिर एलियन द्वारा हमला किए जाने की भी बात कहते नज़र आए थे, जिन पर आज भी बहस जारी है. मगर एक घटना ऐसी भी है जिसके बारे में जान आपको भी हैरानी होगी बिलकुल वैसे ही जैसे उसके चश्मदीद रहे सैनिकों को हुई थी.

हम बात कर रहे हैं उस फ़ाइटर प्लेन की जो बिना किसी पायलट के ही हवा में उड़ा और एक एयरबेस पर लैंड भी हो गया था.   

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इसे जर्मनी पर एक बम गिराना था

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इस रहस्यमयी फ़ाइटर प्लेन को लोग B-17 Flying Fortress के नाम से जानते हैं. ये अमेरिका की एयरफ़ोर्स का हिस्सा था. इसे जर्मनी की एक ऑयल फै़क्ट्री पर बॉम्ब गिराना था. मगर ये बेल्जियम में कैसे लैंड हो गया. इधर इस बेल्जियम एयर बेस के सैनिक इस फ़ाइटर प्लेन के बारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे उधर उस प्लेन का इंजन बंद होने का नाम नहीं ले रहा था. 

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सैनिक डर के मारे नहीं जा रहे थे पास

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एयरबेस पर मौजूद इंग्लैंड के मेजर John V. Crisp और उनके साथियों ने क़रीब 20 मिनट तक उसे देखा कि कोई शायद इससे बाहर निकलकर आएगा. मगर कोई नहीं निकला तब मेजर Crisp ने आगे बढ़कर उसे चेक करने का फ़ैसला किया. वो आर्मी में थे तो उन्हें पता नहीं था कि इसका एंटरेंस डोर किधर है तो उन्हें दरवाज़ा तलाशने में समय लग गया. किसी तरह जब उन्हें पता चला तो उसे खोल वो अंदर दाखिल हुए. अंदर दाखिल होते ही उनके होश उड़ गए.

कॉकपिट में नहीं था कोई भी आदमी

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कॉकपिट खाली था और पूरे प्लेन में न तो पायलट और न ही क्रू-मेंबर का कोई निशान ही था. उन्होंने पायलट लॉग बुक को देखा तो उसमें लिखा था कि प्लेन में ख़राबी है. उसके पास ही उन्हें दो चॉकलेट के पैक मिलने जिन्हें किसी ने आधा खाकर फेंका था. प्लेन में पैराशूट भी वैसे के वैसे ही रखे थे. इसके बाद मेजर बाहर आए और साथी देशों को इसके बारे में इत्तला दी.

इसका इंजन हो गया था फ़ेल

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उनके संदेश को पाकर अमेरिका की एयरफ़ोर्स ने उन्हें कॉल किया और अपने कुछ साथियों को वहां भेजा. उन्होंने जांच की तो पाया कि ये प्लेन उनका ही है, जबकि उसका क्रू इंग्लैंड में चाय की चुस्कियां ले रहा है. फिर जब उन्होंने तफ़्तीश की तो पाया कि पायलट Harold R. DeBolt और क्रू इसके इंजन फ़ेल होने पर उसे ऑटोपायलट पर लगाकर कूद गए थे. जब उन्होंने B-17 को छोड़ा तो वो ब्रुसेल्स की तरफ जा रहा था और उसका एक ही इंजन काम कर रहा था.

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मगर हैरानी वाली बात है कि बेल्जियम में ये बिना पायलट के लैंड कैसे हुआ और जब ये वहां उतरा तो उसके बाकी के इंजन सही सलामत कैसे थे? इसे इतनी देर तक कौन उड़ाता रहा ये गुत्थी आज तक कोई हल नहीं कर पाया.  

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