बारूद का आविष्कार सबसे पहले चीन में 9वीं शताब्दी में हुआ था. वहीं, सबसे पुरानी बंदूक 1288 के आसपास में बनी मानी जाती है. हालांकि, फ़ायरिंग मैकनिज़्म के बनने से पहले इसका इस्तेमाल मैन्युअली होता था. तब हाथ से जलती हुई बाती का इस्तेमाल कर इसे फ़ायर किया जाता था.

एक बार जब मैकनिज़्म तैयार हो गया, फिर तेज़ी से इनमें सुधार किया गया. क्योंकि उस वक़्त तमाम साम्राज्य एक-दूसरे के ख़िलाफ़ युद्ध कर रहे थे. आज हम आपको ऐसी ही सबसे पुरानी बंदूकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल उस वक़्त दुश्मन के परखच्चे उड़ाने के लिए किया जाता था.

1. गैटलिंग बंदूक, यूएसए. 1861

गैटलिंग बंदूक को प्रारंभिक रैपिड फायर हथियारों का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है. इसी गन ने आधुनिक मशीन गन की नींव रखी थी. इसे 1861 में रिचर्ड गैटलिंग द्वारा डिजाइन किया गया था. गैटलिंग बंदूक का उपयोग पहली बार अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान किया गया था. इसके बाद कई लड़ाईंयों में इसका इस्तेमाल हुआ. आज कई ऑटोमेटिक रोटरी मशीन गन हैं, जो गैटलिंग बंदूक के डिज़ाइन से प्रभावित हैं.

ये भी पढ़ें: प्राचीन भारत के वो 10 घातक हथियार, जिनके आगे खड़ा होना मौत को दावत देना है

2. कोल्ट रिवॉल्वर, यूएसए. 1835

मैन्युअल रूप से घूमने वाली बंदूकें सदियों से अस्तित्व में थीं, लेकिन सैमुअल कोल्ट्स गन पहली सफ़ल रिवाल्वर थी. कोल्ट ने इसे 1835 में ब्रिटेन में सबसे पहले पेटेंट कराया था. अगले साल इसे अमेरिका में भी पेटेंट कराया गया. बाद में इस बंदूक में लगातार सुधार होता रहा. आज बंदूक बनाने में कोल्ट दुनिया की सबसे नामी कंपनियों में से एक है.

3. मस्कट मोडेले 1777, फ़्रांस

मस्कट मॉडल 1777 का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल यूरोप में हुआ. इसे शुरू में 1777 में फ्रांसीसी सेना के लिए चार्लेविले शस्त्रागार और अन्य ने बनाया गया था. प्रशिक्षित फ्रांसीसी पैदल सैनिक इससे एक मिनट में तीन फ़ायर तक कर सकते थे. साल 1800 की शुरुआत में नेपोलियन के कहने पर इस बंदूक में थोड़े-बहुत सुधार भी किए गए. बाद में 1816-22 के दौरान इसमें कुछ और बदलाव भी जोड़े गए. 

4. पकल गन, यू.के. 1718

ये बंदूक मशीन गन कहलाने वाले सबसे पहले हथियारों में से एक थी. लेकिन इसका मैकनिज़्म आधुनिक मशीन गन की तरह नहीं था. जेम्स पकल ने इसे 1718 में पेटेंट कराया था. ये मैन्युअल रूप से संचालित रिवाल्विंग सिलेंडर वाला ट्राइपॉड-माउंटेड, सिंगल बैरल फ्लिंटलॉक हथियार था. पकल ने सोचा कि इसका इस्तेमाल जहाजों पर एक एंटी-बोर्डिंग बंदूक के रूप में किया जा सकता है. ‘पकल गन’ हालांकि, निवेशकों को आकर्षित करने में विफ़ल रही और ब्रिटिश सशस्त्र बलों को भी इसकी बड़े पैमाने पर बिक्री नहीं की जा सकी. 

5. किंग लुइस XIII की फ्लिंटलॉक गन, फ़्रांस. 17वीं शताब्दी 

फ्लिंटलॉक मैकनिज़्म का अविष्कार बंदूक प्रोद्योगिकी में सबसे बड़ी प्रगति में से एक थी. पहला सही मायने में फ्लिंटलॉक फ़्रांस में 17वीं शताब्दी में बनी थी. क़रीब दो शताब्दी तक इसका इस्तेमाल हुआ, जब तक पर्क्यूशन लॉक का आविष्कार नहीं हो गया. प्रारंभिक फ्रांसीसी फ्लिंटलॉक गन किंग लुईस XIII के पास थी. इसे Pierre Le Bourgeois भाइयों ने अपनी वर्कशॉप में बनाया था.

6. जॉर्ज वॉन रीचविन की रिवाल्वर, जर्मनी. 1597 

17 वीं शताब्दी के मध्य में एक जर्मन अधिकारी, जॉर्ज वॉन रीचविन के स्वामित्व वाली बंदूक दुनिया की सबसे पुरानी मौजूदा रिवाल्वर है. बंदूक पर स्टैम्प के निशान इस बात का पक्का सबूत देते हैं कि रिवाल्वर का निर्माण Hans Stopler,ने 1597 में जर्मनी में किया था. इस रिवॉल्वर को पीतल, हड्डी और मदर ऑफ़ पर्ल से सजाया गया था. साथ ही इसे मैन्युअली घुमाना पड़ता था.

7. Tanegashima, जापान. 1543

तनेगाशिमा जापान की मैचलॉक बंदूकें थीं जो समुराई और उनके सैनिकों द्वारा उपयोग की जाती थीं. 1543 में पुर्तगालियों द्वारा जापान में पहली बार मैचलॉक बंदूकें पेश की गईं. दरअसल, कुछ पुर्तगाली एक तूफ़ान के दौरान तनेगाशिमा द्वीप पर फंस गए थे. द्वीप के स्वामी, तान्गाशिमा टोकिटाका ने पुर्तगालियों उनसे दो गन खरीदकर अपने कारीगरों से उनकी नकल करने को कहा. लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके. फिर एक पुर्तगाली शख़्स को जापान लाकर ये काम कराया गया. 

8. सम्राट चार्ल्स V की व्हीललॉक पिस्टल, जर्मनी. 1540-45

जैसे-जैसे गन तकनीक आगे बढ़ी अलग-अलग फायरिंग मैकेनिज्म बनाए गए. व्हीललॉक पिस्टल पहली बार 1500 के दशक में बनाई गई थीं. व्हीललॉक बंदूकें पहली सेल्फ़ इग्नेटिंग फ़ायर-आर्म्स थे, जिसका मतलब है कि उन्हें एक हाथ से कुशलतापूर्वक चलाया जा सकता था. किंग चार्ल्स V के लिए बनाई गई डबल-बैरल व्हीललॉक पिस्टल सबसे शुरुआती पिस्तौल में से एक है, जो लगभग 1540 – 1545 के बीच बनाई गई थी. इसे जर्मनी के पीटर पेक ने बनाया था.

9. हेइलोंगजियांग हैंड कैनन, चीन. 1288

माना जाता है कि हेइलोंगजियांग हैंड कैन दुनिया की सबसे पुरानी मौजूदा बंदूक है. हालांकि, ये वास्तव में कोई बंदूक नहीं है, बल्कि ये पहली फ़ायरआर्म्स है, जिसने आधुनिक बंदूकों की नींव रखी. ये हैंड कैनन 1970 में चीन के बनलाचेंग्ज़ी गांव में खुदाई के दौरान मिली थी. शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये 1287-88 में किसी युद्ध में इस्तेमाल की गई थी. 

Source: Oldest