Oldest Theatres in India: क्या कभी आपने सोचा है कि मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, टीवी, आदि के बिना हमारे लिए इज़ी लाइफ़ ज़ीना और एंटरटेनमेंट करना कितना मुश्किल भरा हो सकता है!!! आपने कभी ये सोचा है कि जब टीवी, मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर नहीं थे, तब हमारे पूर्वज खुद को एंटरटेन कैसे करते थे? उस समय एंटरटेनमेंट के लिए काफ़ी लिमिटेड चॉइस होती थी. उसमें से सबसे ज़्यादा पॉपुलर था ‘रंगमंच या थिएटर (Theatre)‘. तो इस आर्टिकल में हम देखने जा रहे है कि, क्या होता है रंगमंच? साथ ही जानेंगे भारत के सबसे पुराने रंगमंचों के बारे में. 

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क्या होता है रंगमंच या थिएटर?

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रंगमंच की जब भी हम बात करते हैं तो हमारे जेहन में नौटंकी, नाटक, संगीत, ड्रामा, तमाशा, कविता या शायरी सम्मेलन आदि घूमने लगती हैं. वास्तव में रंगमंच वर्ड, ‘रंग’ और ‘मंच’ दो शब्दों से मिलकर बना है. यानी कि किसी मंच या प्लॅटफॉर्म से अपनी कला, संगीत, नाटक, नौटंकी, तमाशा आदि को लोगों के सामने परफॉर्म करना. 

जहां इसे भारत सहित एशिया के कुछ देशों में ‘रंगमंच‘ के नाम से पुकारते हैं तो वहीं, पश्चिमी देशों में इसे ‘थियेटर (Theatre)’ कहते हैं. ‘थियेटर’ वर्ड रंगमंच का ही इंग्लिश ट्रांसलेट वर्ड है. जहां परफ़ॉर्म किया जाता है उसे रंगमंच सहित समूचे भवन को प्रेक्षागृह, रंगशाला, प्रेक्षागार, नाट्यशाला, थियेटर या ओपेरा के नाम से पुकारा जाता है. 

भारत के 10 सबसे पुराने थियेटर्स की कहानी (10 Oldest Theatres in India)

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इस डिजिटल युग के आने से हम सदियों से चली आ रही हमारी विरासत भूलते जा रहे हैं. कुछ ऐसा ही भारत में स्थित रंगमंचों के साथ हो रहा है. हम पुराने सिनेमा हॉल के बारे में भूलते जा रहे हैं कि उन दिनों में सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली जगह हुआ करते थे. कुछ ढह रहे हैं और कुछ अभी भी अच्छी तरह से बने हुए हैं और सफलतापूर्वक चल रहे हैं. आज के समय में देश में ऐसे कम ही थिएटर बचे हैं जो बरसों से आज तक सही सलामत खड़े हुए हैं.

चलिए आज आपको भारत के सबसे पुराने 10 थियेटर्स के बारे में बताते हैं:

1. चैपलिन सिनेमा, कोलकाता

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1907 में जमशेदजी फ़्रामजी मदन ने चैपलिन सिनेमा की स्थापना की थी. उस समय इसका नाम ‘एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस’ था. ये भारत का सबसे पहला सिनेमा हॉल है. उस समय इस रंगमंच या थिएटर में उत्तम कुमार के पिता प्रोजेक्टर चलाया करते थे. कुछ समय बाद, इसे मिनर्वा सिनेमा हॉल के नाम से भी जाना गया.

कोलकाता नगर निगम द्वारा इसे ओवरहाल करने और 1980 के दशक में इसका नाम चैपलिन करने से पहले दशकों में इस थिएटर की कंडीशन काफ़ी खराब हो गई थी. कई वर्षों तक बंद पड़े रहने के कारण से 2013 में कोलकाता नगर निगम ने चैपलिन सिनेमा थिएटर को ध्वस्त कर दिया. (Oldest Theatres in India)

2. डिलाइट सिनेमा, दिल्ली

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डिलाइट सिनेमा को 1955 में बनाया गया था. डिलाइट सिनेमा एक सिंगल स्क्रीन थिएटर था और 2006 में उसको रिनोवेट किया गया. इसके बाद में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल को डबल स्क्रीन में बदल दिया गया. एक समय ऐसा भी था, जब डिलाइट सिनेमा को दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत माना जाता था. (Oldest Theatres in India)

3. रीगल सिनेमा, दिल्ली

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रीगल सिनेमा ऐसा रंगमंच है, जो 1932 में बना और नई दिल्ली का सबसे बड़ा थियेटर था. रीगल ये बॉलीवुड और हॉलीवुड फ़िल्मों के लिए प्रीमियम प्लेस था. 1940 में रीगल में ऐकडेमिक पुरस्कार विजेता ‘गॉन विद द विंड’ का भारतीय प्रीमियर भी हुआ था. राज कपूर और नरगिस से जुड़ी फ़िल्मों का प्रीमियर भी इसी थिएटर में हुआ करता था.

4. प्रिया सिनेमा, कोलकाता

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प्रिया सिनेमा दक्षिण कोलकाता के सबसे पुराने और वर्तमान लोकप्रिय सिंगल स्क्रीन थिएटर में से एक है. वास्तव में, ये पूर्वी भारत (Eastern India) का पहला थिएटर था जहां कम्प्यूटराईज़ टिकट बुकिंग और ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम की शुरुआत की गई थी. स्टेज शो और म्यूज़िकल प्रोग्राम के लिए प्रिया सिनेमा आज भी हॉटस्पॉट है. (Oldest Theatres in India)

5. सम्राट सिनेमा, जयपुर

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भारत की पिंक सिटी जयपुर में मूवी लवर्स के लिए सम्राट सिनेमा एक ऐसी जगह है, जो न केवल आपको पॉपुलर बॉलीवुड फिल्में देखने का विकल्प देती है, बल्कि आपको कुछ लॉन्ग-रनिंग फ़िल्में देखने का मौका भी देती है. इस थिएटर में स्थानीय और भारतीय संस्कृति का समावेश किया गया है जो इसे औरों से यूनीक बनाता है. इस रंगमंच का इतिहास अपने आप में काफ़ी पुराना है. 

6. कैपिटल सिनेमा, मुंबई

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कैपिटल सिनेमा मुंबई के सबसे पुराने थिएटरों में से एक है. कैपिटल सिनेमा कभी गॉथिक मूवी प्ले हाउस के लिए हॉटस्पॉट रहा करता था. और अब बी-ग्रेड हिंदी फ़िल्मों के लिए एक प्लेस बना हुआ है. कैपिटल सिनेमा ने सिनेमा के कई युग देखे हैं. ये जगह 1879 से है और यहां डिस्प्ले होने वाली पहली फ़िल्म ‘द फ़्लैग लेफ़्टिनेंट’ नामक एक ब्रिटिश फिल्म थी. कैपिटल सिनेमा 1879 में बना एक Heritage grade II Victorian Structure भी है.

7. रॉयल थिएटर, मुंबई

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1911 में बना रॉयल थिएटर ये स्टेज शो और डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के लिए एक स्पेशल प्लेस था. 1930 के दशक तक उसने बॉलीवुड फ़िल्मों की स्क्रीनिंग करना शुरू किया. यहां लगभग 600 लोगों के बैठने की क्षमता है और ये सबसे पुरानी टॉकीज में से एक है, जो आज भी हॉटस्पॉट बना है. (Oldest Theatres in India)

8. सफ़ायर थिएटर, चेन्नई

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सफ़ायर थिएटर कॉम्प्लेक्स भारत का पहला सबसे बड़ा मल्टी-थियेटर कॉम्प्लेक्स है, जो दक्षिणी शहर चेन्नई में स्थित है. माउंट रोड (अब अन्ना सलाई) पर स्थित थिएटर कॉम्प्लेक्स में तीन स्क्रीनिंग हॉल, सफ़ायर, ब्लू डायमंड और एमराल्ड शामिल हैं. आपको बता दें कि सफ़ायर थिएटर भारत का सबसे पहला 70 mm थिएटर भी है.

9. एवरेस्ट टॉकीज, बैंगलोर

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एवरेस्ट टॉकीज, ये स्टैंडअलोन सिंगल स्क्रीन थिएटरों में से एक है जो, डॉक्यूमेंट्रीज़ के लिए पॉटबॉयलर प्ले करता है. इस थिएटर को 1930 के दशक में सिविल इंजीनियर चौरियप्पा द्वारा बनाया गया था और ये तब से आज तक अच्छे से काम कर रहा है.

10. संतोष थिएटर, बैंगलोर

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इस पुराने सिनेमा हॉल में 1,250 सीटों की क्षमता है और संतोष थिएटर की ख़ास बात ये भी है कि यहां आज भी बैठने के लिए लकड़ी से बनी चेयर्स, पुराने ज़माने के लैंप और पानी के फ़ाउंटेन हैं, जिस वजह से डिजिटल दुनिया में भी एतिहासिक पल जीने का मौका यहां मिलता है. ये थियेटर पुराने सिनेमाई दिनों की याद दिलाता है.

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देश में आज भी कई पुराने थियेटर्स हैं, जिनमें से कुछ चल रहे हैं, कुछ ध्वस्त हो गए हैं तो, कुछ घाटे में चल रहे हैं, लेकिन अभी भी चल रहे हैं. और कुछ तो सिर्फ़ इतिहास के पन्नों में रह गए हैं. हमारे देश में सिनेमा का लंबा दौर रहा है और समय की कसौटी पर खरे उतरने वाले ये थिएटर भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील के पत्थर माने जाते हैं. (Oldest Theatres in India)

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