लोगों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात रहती है. यूं तो काफ़ी समय से ये संस्था लोगों के बीच काम कर रही है, लेकिन आधुनिक पुलिस बल की तैनाती ज़्यादा पुरानी बात नहीं है. अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में 1800 के दशक के बाद पुलिस ने वर्दी पहनना शुरू किया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें सैलरी मिलने लगी.

इसके पहले पुलिस आमतौर पर स्वयंसेवी मजिस्ट्रेट या धनी जमींदारों द्वारा किराए पर ली गई निजी सुरक्षा होती थी. आम नागिरक तो ख़ुद ही अपने विवादों का निपटारा हिंसा या फिर किसी अन्य माध्यम से कर लेते थे. हालांकि, समय के साथ पुलिस की वर्दी से लेकर उनके व्यवहार में कई बदलाव किए गए और आज एक आधुनिक पुलिस व्यवस्था हमारे सामने है.

ऐसे में आज हम औद्योगिक क्रांति से पहले की पुलिस की वर्दी और उनके काम करने के तरीकों को देखने जा रहे हैं.

1. पहले स्थानीय मिलिशिया करते थे पुलिसिंग 

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पहले कानूनों को लागू करने का काम नागरिकों, निर्वाचित शेरिफ या कांस्टेबलों या फिर किराए के अधिकारियों पर छोड़ दिया गया था. 1400 के दशक के अंत में स्पेन में एक संगठित पुलिस बल था, लेकिन वे राजा द्वारा भुगतान किए गए भाड़े के सैनिक थे. मध्य युग में इंग्लैंड और फ्रांस में जो पुलिस व्यवस्था कायम हुई, वे ज्यादातर अवैतनिक कांस्टेबल थे जिनके पास ज़्यादा शक्ति नहीं थी.

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2. प्राचीन मिस्र की पुलिस ने बंदरों को प्रशिक्षित किया था

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प्राचीन मिस्र में मंदिर, अमीर जमींदारों के घर और खुले बाजारों में सुरक्षा के लिए निजी सशस्त्र रक्षक थे. शुरुआती पहरेदारों ने चोरों का पीछा करने में मदद करने के लिए प्रशिक्षित बंदरों (और कुत्तों) का भी इस्तेमाल किया. प्राचीन मिस्र में मेडजे नामक एक कुलीन अर्धसैनिक पुलिस बल भी था, जो राज्य की सीमाओं और महलों की रक्षा करता था. 

3. रोम ने फ़ायर फ़ाइटर्स के तौर पर पुलिस को किया संगठित

प्राचीन रोम ने विजिल्स, या ‘शहर के पहरेदार’ नामक एक समूह का गठन किय. विजिल्स प्रशिक्षित पुरुषों का एक उच्च संगठित समूह था, जिसे उसके काम के बदले भुगतान भी किया जाता था.  विजिल्स मुख्य रूप से अग्निशामक के रूप में काम करते थे, क्योंकि इस वक़्त छोटी सी आग भी पूरे शहर को जलाकर खाक कर सकती थी. हालांकि, वो चोरों को पकड़ने, शांत स्थापित करने और इमारतों को खाली करवाने जैसे पुलिस के काम भी करते थे. 

4. इंग्लैंड में कांस्टेबलों की तैनाती से पहले, नागरिक हिंसा के ज़रिए विवादों का निपटारा करते थे

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यूरोप में मध्य युग में ज़्यादातर विवादों का निपटारा लोग हिंसा के ज़रिए कर लेते थे. नॉर्मन विजय के बाद, एंग्लो-सैक्सन राजशाही ने पैरिश कांस्टेबल कॉन्सेप्ट पेश किया. ये शहर का एक ऐसा अधिकारी था, जो चोरी रोकने से लेकर दंड देने और सुरक्षा व्यवस्था कायम करने समेत आवारा लोगों को शहर के बाहर करने तक का काम करता था. इन अवैतनिक पैरिश कॉन्स्टेबलों की व्यवस्था इंग्लैंड में 19वीं शताब्दी तक चली थी.

5. 19वीं सदी के पेरिस में इतिहास की पहली वर्दीधारी पुलिस तैनात हुई

फ्रांसीसी क्रांति की शहरी उथल-पुथल के बाद, पेरिस के छोटे नागरिक पुलिस बल को नेपोलियन I द्वारा पुनर्गठित किया गया था.17 फरवरी, 1800 को लगभग सभी फ्रांसीसी शहरों में पुलिस बलों के साथ, पुलिस प्रीफेक्चर बनाया गया था. इसके 30 साल बाद पुलिस अधिकारी के लिए सार्जेंट डी विल, या ‘सिटी सार्जेंट’ शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ और पेरिस में पहली बार पुलिस यूनिफ़ॉर्म में दिखाई दी.


6. लंदन में पहला आधुनिक पेड पुलिस बल, 1829

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फ़्रांस द्वारा पुलिस की यूनिफ़ॉर्म पेश करने के कुछ महीनों बाद इंग्लैंड में सितंबर 1829 में मेट्रोपॉलिटन पुलिस अधिनियम लागू हुआ. इसके तहत पहली बार संगठित नागरिक पुलिस बल की स्थापना हुई, जिसे वेतन पर रखा गया. दरअसल, उस वक़्त स्वयंसेवी चौकीदार इंग्लैंड में तेज़ी से बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम थे. ऐसे में नया पुलिस बल न सिर्फ़ अपराधियों को दंडित करने के लिए बनाया गया, बल्कि अपराध रोकने के लिए बना था. 

बता दें, लंदन की क्रांतिकारी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ब्रिटिश राजनीतिज्ञ सर रॉबर्ट पील के दिमाग की उपज थी. लोगों को ऐसा न लगे कि अब सेना कानून लागू कर रही है, इसके लिए पुलिस की वर्दी को लाल के बजाय नीला रखा गया. साथ ही, उनके हाथ में एक डंडा और सीटी भी दी गई.

7. अमेरिकी पुलिस बलों को ज़बरदस्ती पहनानी पड़ी यूनिफ़ॉर्म

लंदन पुलिस की सफलता ने अमेरिकी शहरों में पुलिस बलों को प्रेरित किया. 1838 में बोस्टन, 1844 में न्यूयॉर्क और 1854 में फिलाडेल्फिया में इसे लागू किया गया. हालांकि, उस वक़्त लोगों ने पुलिस का मज़ाक बनाना शुरू कर दिया, तो इन बलों ने वर्दी पहनने से इन्कार कर दिया. हालांकि, 1854 में NYPD ने यूनिफ़ॉर्म को अनिवार्य कर दिया.इस दौरान कई प्रारंभिक बलों ने गृहयुद्ध की बची हुई वर्दी का इस्तेमाल किया, जिसने प्रतिष्ठित नीले, सैन्य-एस्क लुक की शुरुआत की, जो 19 वीं शताब्दी में पुलिस बलों पर हावी थी. 

8. अमेरिकी शेरिफ ने दशकों तक वर्दी नहीं पहनी थी

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अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में शेरिफ ने वर्दी का विरोध किया था. समुदाय के सदस्यों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयास में उन्होंने वर्दी के बजाय अपने कपड़ों पर बस एक बैज पहनना पसंद किया. मानेटी काउंटी, फ्लोरिडा जैसी जगहों पर ये सिलसिला 1955 तक जारी रहा था. 

9. 1960 के दशक के अंत में पुलिस ने अचानक ब्लेज़र पहनना शुरू कर दिया

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प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कथित हिंसा के खिलाफ भारी सामाजिक उथल-पुथल और प्रतिक्रिया का सामना करने के बाद कुछ पुलिस विभागों ने वर्दी पहनना छोड़ दिया. 1968-1969 में मेनलो पार्क, कैलिफ़ोर्निया में पुलिस ने अपने गहरे नीले रंग की वर्दी में फ़ॉरेस्ट ग्रीन ब्लेज़र, ब्लैक स्लैक्स, सफ़ेद शर्ट और कोट पहनना शुरू किया. मैडिसन, विस्कॉन्सिन में, नए पुलिस प्रमुख ने ब्लेज़र/स्लैक्स शैली लागू की. शहरों ने पुलिस से गश्त पर अपनी टोपी हटाने और धूप का चश्मा उतार कर लोगों से आंखें मिलाने के लिए कहा जाने लगा. 

इसका सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा. पुलिस हिंसा में कुछ वक़्त के लिए कमी आई, लेकिन ज़्यादा समय ये तरीका काम नहीं आया. ऐसा महसूस किया गया कि लोगों ने पुलिस के ब्लेज़र को सम्मान देना बंद कर दिया. पुलिस पर हमले बढ़ने लगे और ब्लेज़र प्रयोग करने वाले सैकड़ों पुलिसकर्मी वापस वर्दी पहनने लगे. 

10. रिचर्ड निक्सन ने व्हाइट हाउस पुलिस को यूरो-स्टाइल यूनिफ़ॉर्म में रखा

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1970 में, राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने यूरोपीय पुलिस और सैन्य बलों द्वारा पहनी जाने वाली औपचारिक वर्दी से प्रेरित होकर व्हाइट हाउस पुलिस को तैयार करने का फैसला किया. दोबारा डिज़ाइन की गई वर्दी में सफेद अंगरखा, सोने के बटन, एपॉलेट्स और ऊंची टोपियां थीं. व्यवहार में, वे एक सशस्त्र मार्चिंग बैंड की तरह दिखते थे. 

बता दें, जैसे-जैसे पुलिस बलों ने आधुनिकीकरण करना शुरू किया, उनमें मिशन और पोशाक दोनों में अधिक एकता होने लगी. ज़्यादातर देशों में आज स्थायी यूनिफ़ॉर्म, वेतन, काम के नियम लागू हैं.