Shiva and Bhang : हिंदू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) की काफ़ी मान्यता है. भारत के साथ दुनियाभर में कई जगहों पर भगवान शिव के भक्त हैं और लोगों के मन में उनके प्रति अटूट श्रद्धा है. अक्सर भगवान शिव को भांग से जोड़ा जाता है. यही नहीं, महाशिवरात्रि को लोग उन पर भांग और धतूरा चढ़ाते हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव को भांग से आखिर इतना प्यार क्यों था. भारत में सैंकड़ों सालों से भांग का सेवन किसी ना किसी रूप में किया जा रहा है. वैदिक शास्त्रों में, भांग पांच पवित्र पौधों में से एक है और ख़ुशी, दया और आज़ादी का सोर्स है.

एक कहानी के मुताबिक, भगवान शिव की एक बार अपने परिवार के साथ बहस हो गई थी और वो इसलिए एक खेत में चले गए थे, जहां वो भांग के पौधे के नीचे सो गए. नींद से उठने के बाद उन्होंने कुछ मात्रा में भांग खाई और तुरंत उन्हें तरोताज़गी का अपने शरीर में एहसास हुआ. इस चीज़ ने उन्हें भांग को अपने पसंदीदा भोग के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया.

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इस कहानी का एक दूसरा वर्ज़न भी है. हालांकि, ये समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है, जब देवता और राक्षस अमरता का पेय अमृत पाने के लिए समुद्र का मंथन करने आए थे. इस मंथन का एक प्रतिफल ज़हर हलाहला था, जो ब्रह्मांड का सबसे ज़हरीला ज़हर था, जिसके धुएं से देवता और राक्षस दोनों मारे जा सकते थे.

शिवा ने उस विष को सबको बचाने के लिए पी लिया था और उसके बाद कूल डाउन होने के लिए उन्हें भांग ऑफ़र की गई थी.

यही कारण है कि शिव को न केवल भांग से जोड़ा जाता है, बल्कि वस्तुतः भांग के सर्वव्यापी भगवान के रूप में जाना जाता है.