दुनिया के हर देश की संस्कृति से लेकर खान-पान, रहन-सहन और भाषा सब कुछ एक-दूसरे से अलग होती है. यही चींज़े इन देशों की पहचान भी होती हैं. दुनिया भले ही कितनी भी विभिन्नताओं से भरी क्यों न हो, लेकिन कई चीज़ें ऐसी भी हैं जो एक-सामान होती हैं. भाषा एक चीज़ है जो दो देशों को जोड़ने का काम करती है. जब कोई इंसान किसी दूसरे देश में जाता है तो वो सबसे पहले उस देश के लोगों को जानने के लिए वहां की भाषा को समझने की कोशिश करता है. ये भाषा ही है जो दो अनजान लोगों को जोड़ने का काम करती है. भारत और तुर्की भी दो ऐसे देश हैं, जो अलग होते हुए भी भाषा ने इन्हें जोड़ने का काम किया है.
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तुर्की का भारत से बेहद पुराना नाता रहा है. हिंदी और तुर्किश ऐसी दो भाषाएं हैं, जिनके कई शब्द एकसमान हैं. हिंदी, संस्कृत और उर्दू से मिलकर बनी है. वहीं तुर्किश, तुर्किक भाषा से उत्पन्न हुई है. तुर्किश भाषा के कई शब्द ऐसे हैं जो हू-ब-हू हिंदी भाषा के शब्दों से मिलते हैं. इनके हिंदी और अंग्रेज़ी अनुवाद भी सामान ही हैं.
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