भारत पर कई तरह के शासकों के राज किया. हर शासक ने अपने हिसाब से नियम क़ानून बनाये और अपना ख़ज़ाना भरने के लिये कर लगाये. आज के समय में यक़ीन करना मुश्किल है कि कभी तीर्थ यात्रा टैक्स भी लगाया जाता था. भारत में ही एक ख़ास जाति के लिये बेहद अजीब क़िस्म का कर लगाया गया था. 19वीं शताब्दी के शुरुआत में भारत के दक्षिण में स्थित केरल (Kerala) में स्त्रियों को मूला-करम (Mula Karam/Breast Tax) लगता था. अगर कोई महिला कपड़े से स्तन ढकती थी तो उसे और उसके परिवार को ये कर चुकाना पड़ता था.
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निम्न जाति की महिलाओं को स्तन ढकने की मनाही
BBC के एक लेख के अनुसार, केरल में जातिवाद की जड़ें इतनी गहरी थी कि निचली जातियों की महिलाओं और पुरुषों को स्तन ढकने नहीं दिया जाता था. Beyond Pink World के लेख की मानें तो नादर (Nadar) और एड़वा (Ezhava) समुदाय की महिलाओं को ऊंची जातियों के पुरुषों के सामने छाती ढकने की अनुमति नहीं थी. कपड़े, समृद्धि का निशानी माने जाते थे और ऊंची जातियों के पुरुषों को निम्न जाति के लोगों का छाती ढकना अपमानजनक महसूस होता था. निम्न जातियों पर कई तरह के कर लगाये गये थे और ऊंची जातियों के लोग उनका शोषण करके ब्राह्मण (Brahmin) और नायर (Nair) समुदाय के लोग अच्छे से गुज़र-बसर करते थे. BBC के लेख की मानें तो ऊंची जातियों की महिलाओं को भी मंदिर में जाकर सीने का वस्त्र हटाना पड़ता था. ये सभी तरह के कर त्रावणकोर (Travancore) के शासक ने लगाये थे और राजा के मंत्रियों ने निम्न जातियों का जीना मुहाल कर रखा था.
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नंगेली की कहानी
नंगेली (Nangeli) एड़वा समुदाय की महिला थी. वो त्रावणकोर के चेरथला (Cherthala) में रहती थी. नंगेली चीरूकन्दन (Chirukandan) से विवाहित थी. नांगेली ने राजा का आदेश न मानते हुये अपनी छाती ढकना शुरू किया. समुदाय की अन्य महिलाओं जानती थी कि नांगेली को इस करनी की सज़ा मिलेगी. क्षेत्र के आला अधिकारियों को नंगेली के कांड की सूचना मिली. Pravathiyar (ग्रामाधिकारी) नंगेली के घर पहुंचे और नंगेली को स्तन न ढकने को कहा और स्तन कर मांगा. नांगेली टस से मस नहीं हुई. अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए ग्रामाधिकारियों ने नंगेली के छाती से कपड़ा हटा दिया. नंगेली इस अपमान को सह न सकी और अगले ही क्षण उसने हंसिये से अपने स्तन काट डाले, एक पत्ते पर रखा और अधिकारियों से कहा, ‘तुम्हें यही चाहिये था ना, ये लो.’
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नंगेली का काफ़ी ख़ून बह गया था और उसकी कुछ ही देर में मौत हो गई. नांगेली के पति, चीरूकन्दन ने भी नांगेली की ही चिता पर कूदकर अपनी जान दे दी. नंगेली की क़ुर्बानी ने विरोध का ज्वाला जगा दी और पूरे क्षेत्र में स्तन ढकने के अधिकार की क्रांति (Channar Mutiny) शुरू हो गई. त्रावणकोर के राजा को ये कर हटाना पड़ा.
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जिस स्थान पर नंगेली रहती थी उस स्थान का नाम Mulachiparambu (स्तन का स्थान) रखा गया. BBC के लेख के मुताबिक़, इस स्थान पर नांगेली का परिवार नहीं रहता और इस स्थान का नाम अब ‘मनोरमा जंक्शन’ है.
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नंगेली की कहानी पर आधारित एक शॉर्ट फ़िल्म-