Temples in India where Non Hindus are not allowed: आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां सिर्फ़ हिंदू धर्म के लोग ही प्रवेश कर सकते हैं? भले ही आप न जानते हों, लेकिन भारत में ऐसे मंदिर मौजूद है, जिनमें गैर-हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते. आज हम आपको ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं.

Temples in India where Non Hindus are not allowed –

1. गुरुवायुर मन्दिर

wikimedia

ये मंदिर केरल के त्रिशूर में स्थित है. इसका इतिहास क़रीब पांच हज़ार साल पुराना है. गुरुवायुरप्पन मंदिर में इष्‍टदेव हैं, जिन्‍हें कृष्‍ण का बाल रूप कहा जाता है. इस जगह को भगवान कृष्‍ण और भगवान विष्‍णु का निवास माना जाता है. यहां सिर्फ़ हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैं.

2. जगन्नाथ मंदिर

hindustantimes

ओडिशा के पुरी में ये मंदिर भगवान विष्‍णु के 8वें अवतार को समर्पित है. यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजे हुए हैं. यहां बोर्ड भी लगे हैं कि गैर-हिंदू मंदिर में प्रवेश न करें. यहां तक कि साल 1984 में इंदिरा गांधी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, क्योंकि, उनकी शादी एक पारसी से हुई थी.

3. कपालेश्वर मंदिर

chennaitourism

चेन्नई का ये मंदिर सातवी शताब्दी में बना था. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर द्रविड़ सभ्यता से संबंध रखता है. यहां भी गैर-हिन्‍दुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है.

4. दिलवाड़ा मंदिर

rajasthanstudio

राजस्थान के माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर जैन धर्म को समर्पित है. ये जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्‍थलों में से एक है. 11वीं और 13वीं शताब्दी के मध्य बने इस मंदिर में फ़ोटोग्राफी वर्जित होने के साथ गैर-हिंदुओं की एंट्री पर मनाही है.

5. विश्‍वनाथ मंदिर

cloudfront

काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. गैर-हिंदुओं को यहां एंट्री नहीं है. हालांकि, विदेशी गैर-हिंदुओं को एंट्री मिल जाती है. लेकिन उत्तरी दिशा में बने ज्ञान कुपोर कुएं के आस-पास गैर-हिंदुओं को जाने की अनुमति नहीं है.

6. लिंगराज मंदिर

holidify

ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित इस मंदिर में केवल हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैं. पहले यहां विदेशियों को आने की इजाज़त थी, लेकिन साल 2012 में एक विदेशी पर्यटक ने कर्म-कांड में बाधा पहुंचाई थी, जिसके बाद से गैर-हिंदुओं के मंदिर परिसर में एंट्री पर रोक लगा दी गई.

ये भी पढ़ें: सिर्फ़ काशी विश्वनाथ ही नहीं, वाराणसी के इन 8 मंदिरों का इतिहास और वास्तुकला है अद्भुत