मिस्र की सभ्यता क़रीब 5000 साल पुरानी है, लेकिन कई मायनों में प्राचीन मिस्र में रोज़मर्रा की ज़िंदगी आश्चर्यजनक रूप से आधुनिक थी. हालांकि, हम इस देश को ममी, फ़राओ और पिरामिड के लिए ही जानते आए हैं, जबकि यहां बेहतर शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था जैसी सुविधाएं भी मौजूद थी. महिला-पुरुष के बीच बहुत हद तक समानता थी.    

ऐसे में आज हम आपको इस प्राचीन सभ्यता के बारे में कुछ ऐसी जानकारियां बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते होंगे.  

1. बीयर के शौक़ीन थे  

प्राचीन मिस्र वासियों को सिर्फ़ बीयर से प्यार नहीं था, बल्क़ि उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का ये हिस्सा थी. प्राचीन मिस्र में बच्चों और वयस्कों दोनों द्वारा बीयर का सेवन किया जाता था. रोटी की तरह बीयर भी उनके आहार का हिस्सा थी. यहां तक कि मज़दूरी के रूप में उन्हें जो अनाज मिलता था, उसका इस्तेमाल भी रोटी और बीयर बनाने में किया जाता था.  

दिलचस्प ये है कि वो बीयर को पीते नहीं बल्कि खाते थे. क्योंकि ये एकदम गाढ़ी और स्वाद में मीठी होती थी. साथ ही, इसमें नशा भी कम होता था. उनके बीयर प्रेम का अंदाज़ा इससे ही लगा लीजिए कि उनके पास इसके लिए कई देवी-देवता थे. वो सूर्य को बीयर का निर्माता मानते थे.   

2. स्वच्छता से इतना प्यार था कि डियोडोरेंट का अविष्कार कर डाला  

प्राचीन मिस्र के लोगों को साफ़-सुथरा रहना काफ़ी पसंद था. वो साफ़-सफ़ाई को बीमारी से बचने का ज़रिया मानते थे. वे जानवर और वनस्पित तेल में क्षारीय लवण का इस्तेमाल कर साबुन बनाते थे. स्त्री और पुरुष दोनों ही शरीर से हर तरह के बाल को साफ़ कर देते थे. यहां तक कि उनकी कब्रों में भी चिमटी के साथ-साथ सोने के रेज़र मिले हैं. उन्हें दुर्गंध से भी नफ़रत थी. इसलिए उन्होंने लिली, लोहबान और इलायची जैसी सामग्री का उपयोग करके कई अलग-अलग परफ़्यूम्स बनाए. माना जाता है कि मिस्र निवासियों ने ही सबसे पहले साइट्रस और दालचीनी से डियोडोरेंट बनाया था.  

3. उन्हें लगता था कि वो दिल से सोचते हैं  

मिस्र के लोग वैसे तो बहुत सी चीज़ों के जानकार थे, लेकिन वो कुछ बातों में ग़लत भी थे. मसलन, उन्हें लगता था कि इंसान दिमाग़ से नहीं, दिल से सोचता है. दरअसल, उन्हें अंगों के जैविक कार्यों के बारे में ठीक जानकारी नहीं थी. प्राचीन मिस्त्र के लोग दिल को आदमी का अहम हिस्सा मानते थे. उन्हें लगता था कि ये मानव का केंद्र है. दिमाग़ को लेकर उनके पास ज़्यादा जानकारी नहीं थी. यही वजह है कि शव को ममी बनाते वक़्त वो इसे निकाल लेते थे.  

4. मूर्तियां भी देती थीं महत्वपूर्ण मुद्दों पर न्याय  

प्राचीन मिस्र में मामलों पर निर्णय लेने वाली दो न्यायिक अदालतें थीं. एक लोवर कोर्ट था, जो मामूली विवादों से निपटाता था, जबकि बड़ी अदालत लूट और हत्या जैसे अपराधों से निपटती थी. आधिकारिक तौर पर कानूनी प्रणाली का मुखिया फ़ैरो था. उसका निर्णय अंतिम माना जाता था. हालांकि, जटिल मामलों को ऑरेकल या उनका प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्तियों के आगे रखा जाता था. इस प्रक्रिया में देवता दोनों में से एक का चुनाव करते हुए आगे या पीछे हटते हुए या पेपिरुस के टुकड़े या ओस्ट्रासन पर लिखे किसी एक उत्तर की ओर इशारा करते हुए निर्णय प्रदान करते थे.  

5. 6 साल की उम्र तक बच्चे कपड़े नहीं पहनते थे  

प्राचीन मिस्र में जब तक बच्चे 6 साल के नहीं हो जाते थे, तब तक वे कपड़े नहीं पहनते थे. हालांकि, नग्न होने के बावजूद वे गहने पहनते थे. बड़े होने पर अपने माता-पिता के जैसे कपड़े पहनते थे. कपड़े पहनने की शैली उनके सामाजिक स्तर पर निर्भर करती थी.  

6. फ़र्टिलिटी तय करने के लिए लहसुन के यूज़ करते थे  

प्राचीन मिस्र वासियों को ये तो पता था कि सेक्स करने से बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन वो दोनों बातों के बीच कनेक्शन नहीं समझ पाए. उन्होंने सोचा कि एक महिला का गर्भ एलिमेंटरी कैनाल से जुड़ा हुआ है. ऐसे में वो महिला की Vagina में लहसुन की एक फली रखते थे. अगर महिला की सांस में लहसुन की गंध आई, तो वो गर्भधारण करने लायक है. वैसे, उन्हें ये भी लगता था कि स्पर्म, टेस्टिकल के बजाय हड़्ड्यों में बनता है.  

7. टाइम पास के लिए बोर्ड गेम खेलते थे  

प्राचीन मिस्र में लूडो की तरह का एक बोर्ड गेम इस्तेमाल किया जाता था. इसका नाम सीनेट था, जो दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता था. प्रत्येक में पांच प्यादे होते हैं, जो बोर्ड के चारों ओर घूमते हैं. इसमें एक ग्रिड होता था, जो तीन वर्गों और 10 वर्गों में बंटा होता था. यानी बोर्ड में कुल 30 खाने होते थे. खिलाड़ियों को संभवतः गेमिंग पासा फेंकना होता था, ताकि ये पता किया जा सके कि उनके मोहरे कितनी दूर चलेंगे. सबसे पहले सभी पांच टुकड़ों को अंत तक ले जाने वाला विजेता होता था.  

8. मर्दों का किया जाता था ख़तना  

प्राचीन मिस्र में जन्म के वक़्त ही ख़तना नहीं होता था, बल्कि इसे मर्दानगी का एक संस्कार के तौर पर देखा जाता था. माना जाता है कि ये संस्कार सिर्फ़ अभिजात वर्ग के लिए ही था. एक थ्योरी ये भी है कि ख़तना गुलामी का प्रतीक था. जिन सैनिकों को पकड़ लिया जाता था, उन्हें टॉर्चर करने के लिए ख़तना किया जाता था. हालांकि, कुछ भी हो पर ये संस्कार मिस्र में मौजूद था. इसका सबूत 4000 ईसा पूर्व से मंदिर की पेंटिंग है, जिसमें एक पुजारी को ये संस्कार करते देखा जा सकता है.   

9. मेकअप का काफ़ी चलन था   

मिस्र में मेकअप करना आवश्यक था. ये लोग सुरमा का प्रयोग ज़रूर करते थे. वो मानते थे कि हरा और काला सुरमा उन्हें सूर्य की किरणों, मक्खियों तथा हानिकारक संक्रमणों से बचाए रखता था. इसके अलावा ये सूर्यदेव (होरस) को श्रद्धांजलि और नमन करने का एक तरीका भी था.  

10. मंदिरों का बैंक की तरह इस्तेमाल करते थे  

प्राचीन मिस्र के मंदिर न केवल पूजा स्थल थे, बल्कि उन्होंने इनका इस्तेमाल राज्य का धन संग्रहीत करने के लिए भी किया. यहां मुद्रा शुरू होने से पहले वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी. साम्राज्य के लिए अनाज, धन का मुख्य स्रोत था और मंदिरों में अन्न भंडार की व्यवस्था थी.  

11. ज़्यादातर शाकाहारी थे  

नील नदी के मुहाने रहने के बावजूद प्राचीन मिस्र के लोग ज़्यादा मछली का सेवन नहीं करते थे. जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मिस्र के लोगों का मुख्य आहार शाकाहारी भोजन था. शोधकर्ताओं ने मिस्र के 45 ममियों के अवशेषों में कार्बन आइसोटोप का परीक्षण किया और पाया कि उनका भोजन मुख्य रूप से गेहूं और जौ पर आधारित था. वे अजवाइन, खजूर, अनार, और लहसुन जैसे फल और सब्ज़ियां भी खाते थे.  

12. लिनन के कपड़े बनाने के लिए फ़्लैक्स का इस्तेमाल करते थे  

फ्लैक्स प्लांट्स नील नदी के किनारे प्राकृतिक रूप से विकसित होते हैं और बीज से पूर्ण विकसित पौधा बनने में लगभग 100 दिन लगते हैं. प्राचीन मिस्र वासी तंतुओं की कटाई करते, उन्हें धागे में पिरोते और तंतुओं को कपड़े में बांधते थे. कपड़े की बुनाई और रंग जितना गहरा होगा, पहनने वाले की सामाजिक स्थिति उतनी ही अधिक होती थी. लिनन के कपड़े बनाने के पीछे वजह मिस्र का गर्म माहौल भी था. रेगिस्तानी एरिया में ऐसे कपड़े शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं.  

13. आज़ाद थीं प्राचीन मिस्र की महिलाएं  

पूरी दुनिया के विपरीत, मिस्र की महिलाएं ज़मीन खरीद सकती थीं और अपनी वसीयत लिख सकती थीं. अगर वो बाहर काम करती थीं, तो उन्हें समान वेतन दिया जाता था. वो तलाक़ भी दे सकती थीं और फिर से शादी भी कर सकती थीं. वो शादी से पहले कॉन्ट्रैक्ट भी कर सकती थीं, जिसमें शादी में लाई गई वस्तुओं के बारे में अपने विचार रख सकती थीं.  

14. शिक्षा पर सिर्फ़ अमीरों का अधिकार था  

प्राचीन मिस्र में शिक्षा उच्च वर्ग के नागरिकों के पुरुष बच्चों के लिए आरक्षित थी. इन लड़कों को चित्रलिपि पढ़ना और लिखना सिखाया जाता था. गणित और भूगोल सिखाई जाती थी. आगे चलकर उन्हें चिकित्सा, इतिहास और विज्ञान जैसे अन्य विषयों को पढ़ाया जाता था.  

15. उनके पास दंत चिकित्सक और स्त्री रोग विशेषज्ञ भी थे  

प्राचीन मिस्र का हेल्थ सिस्टम आश्चर्यजनक रूप से उन्नत था. उनके पास दंत चिकित्सा, स्त्री रोग और सर्जरी करने वाले चिकित्सक थे. उनके पास हर बीमारी के लिए एक अलग चिकित्सक होता था. इलाज सभी को मिलता था. यहां तक कि दासों को चिकित्सा दी जाती थी.   

प्राचीन मिस्र की सभ्यता के बारे में इन तथ्यों को जानकर आपको भी हैरानी हुई होगी. अगर हमारी ये पेशकश आपको पसंद आई हो, तो कमंट्स बॉक्स में ज़रूर बताएं.   

Source: Ranker