प्रेम तो सभी ने किया, लेकिन इतिहास के पन्नों में कुछ प्रेम कहानियां ऐसी दर्ज हुईं, जिन्हें वर्तमान क्या भविष्य में भी लोग याद रखेंगे. इनमें लैला-मजनू, शीरीं फ़रहाद, रोमियो-जूलियट व हीर रांझा जैसी अमर प्रेम कहानियां शामिल हैं. इनमें एक नाम सलीम-अनारकली का भी आता है. ये प्रेम कहानी भी अधूरी रह गई, क्योंकि सलीम के पिता ने अनारकली को दीवार में चुनवा दिया था. आइये, इस कड़ी में हम उस ऐतिहासिक मक़बरे के बारे में आपको बताते हैं, जहां सलीम ने अनारकली के अवशेषों को दफ़नाया था.  

कौन थी अनारकली? 

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अनारकली का असली नाम ‘नादिरा बेग़म’ था, जिन्हें शर्फुन्निसा के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि नादिरा बेग़म ईरान से लाहौर व्यापारियों के एक कारवां के साथ आई थीं. वहीं, नादिरा अपनी ख़ूबसूरती के लिए दूर-दूर तक मशहूर थीं. इनकी ख़ूबसूरती की वजह से ही सलीम यानी जहांगीर इनके दीवाने हो गए और इनसे प्यार कर बैठे. वहीं, एक इतिहासकार ने लिखा है कि अनारकली की ख़ूबसूरती और उनके गुलाबी रंग की वजह से उनका नाम अनारकली पड़ा. 

दफ़नाया गया ज़िंदा  

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William Finch (एक ब्रिटिश ट्रैवलर) जो 1608 और 1611 के बीच लाहौर आए थे, उन्होंने अपने यात्रा वृतांत में लिखा कि अनारकली, अकबर की पत्नियों में से एक थीं. वहीं, Syed Abdul Lateef नामक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक Tareekh-i-Lahore (1892) में लिखा है कि अनारकली, अकबर का दिल खुश करने वाली महिला (Concubines) थी. वहीं, अकबर ने राजकुमार सलीम के साथ अवैध संबंध के आरोप में उन्हें जिंदा लाहौर के क़िले की दीवार में दफ़ना दिया था. 

अनारकली का मक़बरा  

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रिपोर्ट के अनुसार, जब सलीम यानी जहांगीर गद्दी पर बैठे, तो उन्होंने अपनी प्रेमिका अनारकली के नाम से एक मक़बरा लाहौर में बनवाया. इस मक़बरे में अनारकली की क़ब्र भी है. वहीं, इस स्थान को अनारकली के नाम से भी जाना जाता है. अनारकली की क़ब्र पर जहांगीर द्वारा फ़ारसी में लिखा गया है, “यदि मैं केवल एक बार अपनी प्रिय को देख सकता हूं, तो मैं कयामत तक अल्लाह का आभारी रहूंगा.” माना जाता है कि जहांगीर ने अनारकली के अवशेषों को यहीं दफ़नाया था, हालांकि इससे जुड़ी सटीक प्रमाण का अभाव है.  

दो तारीख़ें  

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रिपोर्ट्स के अनुसार, अनारकली की क़ब्र पर दो तारीख़ें लिखी गई हैं. एक 1008 हिजरी (1599 ई.) और दूसरी 1025 हिजरी (1615 ई.). पहली तारीख़ अनारकली की मौत की है और दूसरी तब कि जब मक़बरा बनाकर पूरा किया गया था.  

वास्तुकला 

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ये एक गुंबदनुमा मक़बरा है, जो कुछ थोड़ा आगरे के ताजमहल जैसा बनवाया गया था. इस मकबरे के अंदर एक हॉल भी है. इसमें 8 मेहराबदार दरवाज़े हैं. साथ ही ऊपर की मंज़िल पर 8 खिड़कियां भी हैं. अंदर ही अनारकली की क़ब्र है, जिसपर अल्लाह के 99 नाम उकेरे गए हैं.