जे. जयललिता (J. Jayalalithaa) दक्षिण भारत की राजनीति की मजबूत नेता थीं. उनकी धमक दिल्ली तक भी थी. वो इतनी पॉवरफ़ुल थीं की एक ज़माने में उन्हें किंगमेकर भी कहा जाता था. उन्होंने एक्टिंग की दुनिया से राजनीति में कदम रखा था. वो 6 बार तमिलनाडु की सीएम बनी. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें बहुत ही संघर्ष करना पड़ा.

उनकी कई तस्वीरें हैं जो इंटरनेट पर छाई रहती हैं. उन्हीं में से एक है काली साड़ी में हैरान-परेशान जयललिता जी की एक तस्वीर. ये तस्वीर उस ज़माने के अख़बारों में वायरल हो गई थी.

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जयललिता की ये तस्वीर 1989 की है जब वो तमिलनाडु विधानसभा के एक सत्र में हिस्सा ले रही थीं. बात 25 मार्च 1989 की है विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया जा रहा था. जयललिता तब विपक्ष की नेता थीं. वो तमिलनाडु की पहली महिला थीं जिन्हें ये पद मिला था. 

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मुख्यमंत्री थे करुणानिधि (M. Karunanidhi) और वित्त मंत्री भी वही थे. वो बजट पेश कर रह थे कि जयललिता ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. इसी बीच किसी ने करुणानिधि पर फ़ाइल फेंक दी और उनका चश्मा टूट गया. पक्ष और विपक्ष के बीच हाथापाई शुरू हो गई. DMK के नेताओं ने जयललिता को घेर लिया. 

जयललिता ने खाई थी ये कसम

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इसी बीच DMK नेता दुरई मुरगन ने उनकी साड़ी पकड़कर खींच ली और किसी ने जयललिता के सिर पर मारा. जयललिता फटी साड़ी और खस्ता हालत में विधानसभा से बाहर निकलीं. तब उन्होंने जाते-जाते कसम खाई थी कि वो विधानसभा में तभी कदम रखेंगी जब सीएम बन जाएंगी. उनकी ये तस्वीर आज भी देख कर उनके चाहने वाले रोने लगते हैं. इस तस्वीर को इंडियन एक्सप्रेस के फ़ोटोग्राफ़र शिवारमन ने क्लिक किया था.

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रिकॉर्ड सीटों से जीता था इलेक्शन

बाद में उन्होंने जयललिता जी के ऑफ़िस जाकर इस स्टोरी का फ़ॉलोअप भी लिया था. जिसमें जयललिता ने बताया था कि कैसे विधानसभा में उनके साथ अभद्रता हुई. इस घटना के बाद जयललिता ने ज़ोर-शोर से राजनीतिक प्रचार करना शुरू कर दिया. उनके साथ हुए इस दर्दनाक हादसे का उन्हें 1991 में हुए इलेक्शन में फ़ायदा भी हुआ. लोगों की सहानुभूति उनके साथ थी.

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तब वो रिकॉर्ड 225 सीटें जीतकर विधानसभा पहुंचीं थी. AIADMK ने ये इलेक्शन कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. इस सरकार में जयललिता जी को सीएम बनाया गया था. सीएम बनने के बाद उन्होंने महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत सी योजनाएं लागू कीं. वो चाहती थीं कि इस पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं भी इज़्ज़त से रह सकें.