विंग कमांडर राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहली भारतीय हैं. अंतरिक्ष यात्री में कदम रखने वाले वो विश्व के 138वें यात्री हैं. भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट और विंग कमांडर राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल, 1984 को सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम (Soviet Interkosmos Programme) के तहत सोयुज़ टी-11 (Soyuz T-11) नामक अंतरिक्ष यान से चंद्रमा (Moon) के लिये उड़ान भरी थी. राकेश शर्मा आज भी अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले एकमात्र भारतीय नागरिक हैं. हालांकि, भारतीय मूल की कल्पना चावला, सुनीता विलयम्स और शिरीषा बंदला भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं.
Wing Commander Rakesh Sharma
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असल ज़िन्दगी में कौन हैं राकेश शर्मा
राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पंजाब के पटियाला शहर में हुआ था. राकेश की स्कूलिंग हैदराबाद के ‘सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल’ से हुई है. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद की ‘उस्मानिया यूनिवर्सिटी’ से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. राकेश को बचपन से ही विज्ञान में काफ़ी रूचि थी. बिगड़ी चीज़ों को आसानी से ठीक करना हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक चीज़ों पर बारीकी से नज़र रखना, ये उनकी आदत में शुमार था. वो बचपन में आसमान में उड़ते हवाई जहाज़ को तब तक देखा करते थे जब तक वह उनकी आंखो से ओझल ना हो जाए. यहीं से उनके मन में आसमान में उड़ने की तमन्ना जाग उठी थी.
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भारत पाक युद्ध से हुये मशहूर
राकेश शर्मा ने ग्रेजुएशन करने के बाद जुलाई 1966 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy) जॉइन किया. इसके बाद सन 1970 में 21 मात्र साल की उम्र में बतौर पायलट ‘भारतीय वायु सेना’ में शामिल हुये. 1971 के ‘भारत-पाकिस्तान युद्ध’ के दौरान राकेश शर्मा ने अपने विमान ‘मिग एयरक्राफ़्ट’ से दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे. इस शर्मा ने दिखाया था कि कठिन परिस्थितियों में भी किस तरह शानदार काम किया जा सकता है. भारत को इस युद्ध में मिली जीत के राकेश शर्मा नेशनल हीरो बन गये.
Wing Commander Rakesh Sharma
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जब अंतरिक्ष में जाने के लिए चुने गये
राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) ने सन 1971 से 1984 तक ‘इंडियन एयर फ़ोर्स’ को उंचाईयों पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की. सन 1984 में राकेश शर्मा को उनकी मेहनत का फल मिला कर उन्हें ‘स्क्वाड्रन लीडर’ के पद पर पदोन्नत किया गया. इसके बाद 20 सितंबर 1982 को ‘भारतीय वायु सेना’ और ‘सोवियत इंटरकोसमोस अंतरिक्ष कार्यक्रम’ के बीच एक संयुक्त कार्यक्रम के हिस्से के रूप में उन्हें अंतरिक्ष यात्री बनने और अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना गया था.
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कैसी थी अंतरिक्ष की यात्रा?
‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ और ‘सोवियत इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम’ के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 को 2 अन्य सोवियत अंतरिक्षयात्रियों के साथ ‘सोयूज टी-11’ में सवार होकर याअंतरिक्ष के लिए रवाना हुये थे. इस दौरान वो अंतरिक्ष में 8 दिन तक रहे थे. राकेश शर्मा ने अपनी इस उड़ान के दौरान अंतरिक्ष से उत्तरी भारत की फ़ोटोग्राफ़ी की और अंतरिक्ष में गुरूत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास भी किया.
Wing Commander Rakesh Sharma in Space
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सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? इस पर राकेश शर्मा ने उत्तर दिया- ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’. उस दौर में धरती से इंदिरा गांधी का ये सवाल और अंतरिक्ष से राकेश शर्मा के इस जवाब ने हर हिन्दुस्तानी को रोमांचित कर दिया था. अंतरिक्ष से लौटने पर उन्हें ‘Hero of the Soviet Union’ के सम्मान से नवाजा गया था.
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‘अशोक चक्र’ से सम्मानित
भारत सरकार ने विंग कमांडर राकेश शर्मा (Wing Commander Rakesh Sharma) को उनकी बहादुरी और उपलब्धियों के लिए सन 1984 में ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया था. भारतीय वायुसेना से बतौर ‘विंग कमांडर’ सेवानिवृत्त होने के बाद राकेश शर्मा साल 1987 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से जुड़ गये. साल 1992 तक उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के नासिक डिवीजन में ‘चीफ़ टेस्ट पायलट’ के रूप में कार्य किया.आख़िरकार साल 2001 में उन्होंने उड़ान (Flying) से सेवानिवृत्त हो गये.
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अब क्या कर रहे हैं राकेश शर्मा?
राकेश शर्मा अब 73 साल के हो चुके हैं. वो अपने परिवार के साथ तमिलनाडु के कुन्नूर में रहते हैं. राकेश शर्मा ने आख़िरी बार साल 2006 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ की एक समिति में भाग लिया. इस समिति ने ही ‘भारतीय अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम’ को स्वीकृति दी थी. विंग कमांडर शर्मा वर्तमान में बेंगलुरु स्थित कैडिला लैब्स के ‘नॉन एक्सेक्यूटिव चेयरमैन’ हैं.
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राकेश शर्मा का परिवार
विंग कमांडर राकेश शर्मा ने साल 1982 में मधु शर्मा से शादी की थी. राकेश और मधु के 2 बच्चे हैं. बेटा कपिल शर्मा फ़िल्म निर्देशक हैं. कपिल ने जॉन अब्राहम, चित्रांगदा सिंह और प्राची देसाई स्टारर ‘आई, मी और मैं’ फ़िल्म डायरेक्ट की थी. जबकि बेटी मानसी शर्मा आर्टिस्ट हैं.
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राकेश शर्मा की ज़िंदगी पर ‘सारे जहां से अच्छा’ नाम की एक बॉलीवुड फ़िल्म भी बन रही है. ये फ़िल्म साल 2018 से प्री-प्रोडक्शन में है.