फ़िल्म बाहुबली-2 रिलीज़ हुए करीब चार हफ़्ते हो चुके हैं. सबने फ़िल्म की खूब तारीफ़ की, किसी ने कमियां भी निकालीं. फ़िल्म ने 1500 करोड़ के बिज़नेस का रिकॉर्ड भी बना लिया. बाहुबली की हर चीज़ पर लोगों ने गौर किया है, कहानी पर अटकलें लगाई, एक्शन सीन और कहानी की खूब वाह-वाही हुई, लेकिन क्या फ़िल्म की किरदारों की बिन्दी के पीछे छिपा राज़ जानते हैं आप? फ़िल्म के सभी मुख्य किरदारों के माथे पर बिन्दी या तिलक अलग था और सबके पीछे एक बड़ी वजह जो उनके किरदार को उचित सिद्ध कर रही है.
रानी शिवागामी
शिवागामी, माहिष्मती की रानी थीं, उनकी बात पत्थर की लकीर थी. उनके फ़ैसले निष्पक्ष होते थे. शिवागामी के माथे पर लाल रंग की बिन्दी और उस पर सोने के रंग के कुछ अंश दिख रहे थे. सोने का रंग निष्पक्ष समानता और लाल रंग साहस और शक्ति को दर्शा रहा था.
महेंद्र बाहुबली
महेंद्र बाहुबली भगवान शिव का भक्त था. उसके माथे पर बना सांप, महेंद्र की भगवान शिव के लिए भक्ति और प्यार दर्शा रहा है. शुरुआत में फ़िल्म के लेखक उसका नाम नन्दी रखने की भी सोच रहे थे.
देवसेना
अमरेंद्र बाहुबली की पत्नी बनने से पहले देवसेना एक लड़ाकू राजकुमारी थी. उसके माथे की बिन्दी में पुरुष और स्त्री के चिह्न मिले हुए दिख रहे हैं. यानि वो दोनों को समान समझती थी.
बिज्जल देव
बिज्जल देव के माथे पर त्रिशूल बना था, जिसका मतलब तीन गुण से है, यानि निर्माण, संरक्षण और विनाश. लेकिन बिज्जल देव की बुद्धी फिरी हुई थी, तो उन्होंने इसका अर्थ मोह, षड्यंत्र और विनाश से ही निकाला.
भल्लाल देव
भल्लाल देव के माथे पर उगता हुआ सूरज बना होता था. जो माहिष्मती सामराज्य पर उसके राज को दर्शाता है. जैसे सूर्य धीरे-धीरे आपना प्रताप पूरी धरती पर फैलाता है, वैसे भल्लाल देव का सामराज्य भी फैल रहा था.
अमरेंद्र बाहुबली
अमरेंद्र बाहुबली के माथे पर अर्धचांद दिखाई पड़ता है, जो उनके दयालु व्यक्तित्व , शांत स्वभाव और संतुलित जीवन को दिखाता है.
कटप्पा
कटप्पा के माथे पर बना तिलक उसकी गुलामी दर्शाता है. वो किस विवशता के साथ माहिष्मती की गुलामी कर रहा था, वो आप बाहुबली की हत्या से लगा सकते हैं.