समाज बदल रहा है और हर दिन होने वाले नए बदलाव हमें एक सकारात्मक भविष्य की तरफ ले जा रहे हैं. यही संदेश दे रही थीं, हरियाणा के कैथल में धनौरी गांव में एक साथ दुल्हन बनीं 11 युवतियां, जो घोड़ियों पर सवार होकर गांव के सरकारी स्कूल में बने मंडप तक पहुंचीं और घुड़चढ़ी की रस्म निभाईं. इस पल को देखने के लिए भारी भीड़ मंडप स्थल पर जमा थी. इसमें धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियां भी शामिल थीं.

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करीब नौ घंटे चले इस वैवाहिक कार्यक्रम में प्रत्येक व्यक्ति ने निजी आयोजन की भांति ज़िम्मेदारी निभाई. इस पहल का श्रेय जाता है ग्राम सुधार युवा संगठन के प्रधान जोगेंद्र ढांडा और समारोह संयोजक चंद्रभान सिंगला को. जोगेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रभान सिंगला के मार्गदर्शन में संस्था का मकसद मात्र बेटियों के हाथ पीले करना नहीं है, बल्कि वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाए रखने के लिए वर-वधू के साथ ही सास-ससुर, जेठ-जेठानी, देवर-ननद व परिवार के अन्य सदस्यों को घरेलू कलह जैसी बुराई को मिटाने का संकल्प कराना भी है.

नोएडा में डिग्री कॉलेज चला रही धनौरी गांव की बेटी कौशल्या ने इस दिशा में संस्था को हर स्तर पर सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि यह नारी सशक्तकरण की दिशा में एक सराहनीय और सशक्त पहल है.

भिवानी ने की थी पहल

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इस तरह की रस्म छह साल पहले पहली बार भिवानी में एक दुल्हन की घुड़चढ़ी से शुरू हुई थी. उसके बाद भी यदा-कदा बेटियों के प्रति संवेदनशील लोग ऐसे आयोजन करते रहे. अभी हाल ही में फतेहाबाद में एक दुल्हन बग्घी में सवार होकर बैंड-बाजा के साथ बारात लेकर पहुंची और विवाह रचाया. 

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