अगर पिछले तीन सप्ताह से ख़बरों पर आपकी नज़र है, तो आपने देखा होगा कि सेना के जवानों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गये कई वीडियो वायरल हुए. शुरुआत बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने की, जिन्होंने सेना में घटिया भोजन दिये जाने का आरोप लगाया था. तेज़ बहादुर के उस वीडियो ने सेना के सीनियर अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी. हालांकि, ये हक़ीक़त है कि हमारे देश के जवानों को अधिकारियों और हाई कमान की उदासीनता से हर दिन दो-चार होना पड़ता है.

इस वीडियो के वायरल होने के बाद शुरू में बीएसएफ की प्रतिक्रिया आलोचनात्मक थी. बीएसएफ ने प्रारंभ में तेज बहादुर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. मगर अब बीएसएफ हरक़त में आ गई है. बीएसएफ ने सैनिकों और उनके हालात के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है. ट्विटर पर बीएसएफ ने गाइडलाइन की एक लंबी फेहरिस्त जारी की है.
#Bordermen#Grievance #Redressal #system of #BSF pic.twitter.com/TRaOtGkp8b
— BSF (@BSF_India) January 31, 2017
आइये, संक्षेप में समझें ये गाइडलाइन्स-

बीएसएफ की इस बार की प्रतिक्रिया काफ़ी विस्तारपूर्वक और प्रशंसनीय है. यह सच में काबिले-तारीफ है कि बीएसएफ ने जवान के वीडियो को गंभीरता से लिया और आरोप के खिलाफ़ तुरंत जांच शुरू कर दी. बीएसएफ ने अपने इन प्रयासों से साफ़ तौर पर ये संकेत दे दिया है कि उनके अंदर परिवर्तन और विकास का साहस है और वो बेहतरी के लिए हमेशा तैयार है.
गौरतलब है कि इस समय सोशल मीडिया पर जवानों की चिंता अपने चरम पर है. हर दिन सेना की गड़बड़ियों को सोशल मीडिया पर जवान उजागर कर रहे हैं. इससे अच्छा होगा कि सरकार और सेना इन गड़बड़ियों को जड़ से मिटा दे, ताकि किसी को भी सोशल मीडिया पर गड़बड़ियों को शेयर करने का मौका ही ना मिले.