जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले के बाद दुनिया के अधिकतर देश अपने आप को परमाणु सम्पन्न राष्ट्र बनाने की होड़ में लग गये. इस अंधी रेस की वजह से आज दुनिया में 15,000 से ज़्यादा परमाणु हथियार मौजूद हैं. इन हथियारों में इतनी ताकत है कि इनसे सैकड़ों बार पृथ्वी को नष्ट किया जा सकता है.

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दुनिया में फ़ैलते आतंकवाद की वजह से हमेशा खतरा बना रहता है कि आतंक से जुड़े लोगों के हाथ कोई परमाणु हथियार ना लग जाये. जब से अमेरिका की गद्दी पर ट्रम्प काबिज़ हुए हैं, तब से दुनिया में किसी बड़ी लड़ाई होने का खतरा मंडराने लगा है. सभी जानते हैं कि ट्रम्प किस तरह के अग्रेसिव बिहेवियर वाले इंसान हैं. इसके अलावा यह भी खतरा है कि वो उस राष्ट्र के शासक हैं, जो परमाणु हथियारों की संख्या के आधार पर दुनिया में दूसरा स्थान रखता है.

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ऐसे में दुनिया के अंदर परमाणु हमलों के शुरू होने का अंदेशा काफ़ी बढ़ जाता है. American Chemical Society ने एक रिसर्च करके बताया है कि अगर परमाणु हमला होता है और परमाणु बमों का इस्तेमाल किया जाता है, तो कितनी दूरी पर इनका प्रभाव किस तरह से पड़ता है. कुछ सावधानी और सतर्कता बरतकर इन हमलों में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.

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रिसर्च करने वाली टीम ने बताया कि एक मेगा टन वजनी बम से क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है. यह मात्रा उन बमों से काफ़ी कम है, जो इस समय रूस और अमेरिका के पास है. एक टन वजनी परमाणु बम के विस्फोट के बाद उस स्थान से 13 मील की रेडियस तक सभी जीव-जंतु अस्थायी रूप से अंधे हो जायेंगे. इसके साथ ही 5 मील के दायरे में आने वाले सभी जीवों को भीषण ज्वाला का सामना करना पड़ेगा. उन्हें अगर तत्काल मेडिकल केयर में ना पहुंचाया जाये, तो जान खतरे में पड़ सकती है.

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हिरोशिमा पर हुए हमले में वहां का तापमान 3 लाख डिग्री सेल्शियस तक पहुंच गया था. यह तापमान आज कल श्मशान में शवों को जलाने में यूज़ होने वाले ओवन के तापमान से 300 गुना ज़्यादा है.

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एक टन वजनी बम से होने वाले हमले में 180 टन का बल उत्पन्न होगा. जिसकी वजह से 255 मील प्रति घंटा की स्पीड से हवाएं चलने लगेंगी. इस वजह से बहुमंजिला इमारतें भर-भराकर गिरने लगेंगी और दहशत के मारे इधर-उधर भाग रहे लोग उनके नीचे आ कर अपनी जान गंवा बैठेंगे. 

कई विद्वानों का कहना है कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो, पृथ्वी का अंत निश्चित है. ऐसे माहौल में अंडरग्राउंड घरों में पनाह लेना सबसे सेफ़ होगा.