भारत के अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों भाषाओं और संस्कृतियों के लोग रहते हैं. हर भाषा और संस्कृति अपने आपको बचाने के लिए कला का सहारा लेती है. फ़िल्मों में कई कलाएं एक साथ देखी जा सकती हैं जैसे- Dancing, Singing, Acting, Lighting आदि. इसलिए फ़िल्में हमारी कलाओं को संजोने और संवारने का एक माध्यम हैं.

फ़िल्में Traditions और Emotions को भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने में मददगार होती हैं. फ़िल्मों में लोगों का Interest और उनसे होने वाली कमाई को देखते हुए, भारत में कई भाषाओं और बोलियों में फ़िल्में बनने लगी हैं. इन भाषाओं की अपनी फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ हैं.

मज़ेदार बात ये है कि दुनियाभर की ज़्यादातर फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ के नाम ‘Hollywood’ की ही तर्ज़ पर हैं, मतलब इनके नाम के अंत में ‘Wood’ लगा हुआ है.

ये हैं भारत की कुछ ऐसी फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ जो अपनी भाषा, बोली और संस्कृति को अपने लोगों तक पहुंचा रही हैं और संजो रही हैं.

1. Sandalwood

नाम अच्छा है न? ‘कन्नड़’ भाषा की फ़िल्म इंडस्ट्री को Sandalwood कहते हैं. ये नाम इसलिए है, क्योंकि कर्नाटक में Sandal यानि चंदन की लकड़ियों का बड़ा व्यापार है. दीपिका पादुकोण ने कन्नड़ फ़िल्म ‘ऐश्वर्य’ से ही फ़िल्मों में डेब्यू किया था. इस फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कुछ मशहूर नाम गिरीश कर्नाड (मशहूर निर्देशक और नाटककार), रजनीकांत, प्रकाश राज और कमल हसन हैं.

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2. Jollywood 

अगर इसके नाम से ‘Jolly LLB’ फ़िल्म याद आ गई, तो मुस्कुराइए कि आप ग़ज़बपोस्ट पे हैं. Jollywood, ‘असमिया’ और झारखण्ड की ‘नागपुरी’ बोली की फ़िल्म इंडस्ट्री को कहते हैं. ‘दिल हूम हूम करे’ गीत के मशहूर गायक, संगीतकार और गीतकार भूपेन हज़ारिका मूल रूप से असम के थे. उन्होंने ‘असमिया’ में फ़िल्में भी बनाई थीं.

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3. Ollywood

‘उड़िया’ भाषा की फ़िल्म इंडस्ट्री Ollywood के नाम से जानी जाती है. हिंदी सिनेमा के मशहूर संगीतकार आर. डी. बर्मन ने उड़िया फ़िल्मों में भी संगीत दिया था. इसके अलावा Bollywood के कुछ मशहूर विलेन भी उड़िया फ़िल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमें शक्ति कपूर, आशीष विद्यार्थी, मुकेश ऋषि और राहुल देव प्रमुख हैं.

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4. Pollywood

पंजाबी गाने तो सुनते ही हैं आप, Lyrics समझ में न आए तो भी भंगड़ा करते हैं, जैसे-तैसे ही सही. ‘पंजाबी’ भाषा की अपनी फ़िल्म इंडस्ट्री है, जिसे Pollywood या Punjwood कहते हैं. बॉलीवुड के मशहूर कलाकार जिमी शेरगिल ने कई Romantic पंजाबी फ़िल्मों में काम किया है. इसके अलावा जूही चावला और गुल पनाग भी Pollywood से जुड़ी रही हैं. 

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5. Bhojiwood 

निरहुआ, रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे स्टार इसी इंडस्ट्री से निकले हैं. अब तो आप समझ गए होंगे कि भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री को ही Bhojiwood या Bhollywood कहते हैं.’भोजीवुड’ को ‘भौजीवुड’ मत समझिएगा. भौजी का मतलब तो भाभी होता है जी.

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6. Chhollywood 

पढ़ने में परेशानी हुई? अरे! ‘छॉलीवुड’ लिखा है. ये ‘छत्तीसगढ़ी’ भाषा की फ़िल्म इंडस्ट्री है. पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘कहि देबे संदेस’ 1965 में रिलीज़ हुई थी. जिसके गीतों के लिए उस समय हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय गायकों मोहम्मद रफ़ी, महेंद्र कपूर और मन्ना डे ने अपनी आवाज़ दी थी.

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7. Kollywood 

तमिल फ़िल्मों की इंडस्ट्री को ‘Kollywood’ कहते हैं. इसका नाम चेन्नई के Film Hub कहे जाने वाले Kodambakam के नाम पर Kollywood रखा गया. हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय बच्चन ने तमिल फ़िल्म ‘इरुवर’ से ही अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. बॉलीवुड में पहली फ़िल्म ‘बूम’ के फ्लॉप होने के बाद कैटरीना ने भी तमिल फ़िल्म ‘Malliswari’ में काम किया था.

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8. Tollywood 

तेलुगू और बांग्ला भाषा की फ़िल्म इंडस्ट्री को Tollywood कहते हैं. ‘Tollywood’ भारत की किसी फ़िल्म इंडस्ट्री का पहला ऐसा नाम है जिसे ‘Hollywood’ से Copy किया गया था. Wilford E. Deming ने ये नाम ‘Hollywood’ और पश्चिम बंगाल के ‘Tollygunj’ को मिलाकर दिया था.

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9. Dhollywood

‘गुजराती’ फ़िल्म इंडस्ट्री को Dhollywood या Gollywood कहा जाता है. ‘Dhollywood’ और ‘Dhallywood’ में Confuse मत होइए, क्योंकि ‘Dhallywood’, ढाका यानि बांग्लादेशी फ़िल्म इंडस्ट्री का नाम है.

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10. Mollywood 

 बाहुबली वाले राजमौली की वजह से नहीं, बल्कि ‘मलयालम’ भाषा की फ़िल्मों की वजह से इस इंडस्ट्री का नाम Mollywood है. अनिल कपूर, अमरीश पुरी, सुनील शेट्टी और जूही चावला जैसे हिंदी के सितारों ने भी मलयालम फ़िल्मों में काम किया है.

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अगर आप ये जानते थे तो बहुत अच्छा. अगर नहीं जानते थे तो अब जान गए. इन भाषाओं की फ़िल्मों का व्यापार या दर्शकों की संख्या भले Bollywood या Tollywood जितनी न हो, मगर इन फ़िल्मों से आपको क्षेत्रीय संस्कृति और परंपरा की ख़ुशबू आएगी. भाषा नहीं आती, तो Subtitle वाली फ़िल्में खोजिये और देखिये. तभी न पता चलेगा कि हमारा भारत महान क्यों है?