Lakme, वो ब्यूटी प्रोडक्ट जो सालों से भारतीय महिलाओं का मनपसंद कॉस्मेटिक्स ब्रांड रहा है. 1952 से Lakme के सौंदर्य प्रसाधन भारतीय महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाते आ रहे हैं. आपको ये तो पता ही होगा कि ये ब्रांड Lakme को Lakme बनाने वाले थे जेआरडी टाटा.
1952 में शुरू होने वाला Lakme ब्रांड भारत के सबसे सफ़ल ब्रांड के रूप में जाना जाने लगा था, बाद में जिसे हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (HLL) को बेचा गया क्योंकि जेआरडी टाटा ने सोचा कि HLL कंपनी इसके साथ बेहतर न्याय कर पाएगी. एक सर्वे के अनुसार, Lakme को भारत में टॉप 50 सबसे भरोसेमंद ब्रांड्स में से एक माना गया है.
ये तो बात हुई Lakme की शुरुआत और उसकी लोकप्रियता की, अब बात करते हैं कि इसका आईडिया सबसे पहले किसके दिमाग में आया था. अब आप कहेंगे कि ये जेआरडी टाटा के दिमाग़ की उपज है. लेकिन यहां आप ग़लत है. आज इस आईडिया को भारत में लाने वाले भारत की एक ख़ास शख़्सियत के बारे में आपको बताने वाले हैं हम.
उस शख़्सियत का नाम है जवाहर लाल नेहरू. क्यों चौंक गए न? कोई भी चौंक जाएगा इस बात से. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि देश के पहले प्रधानमंत्री और स्वतन्त्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले जवाहर लाल नेहरू और इस ब्यूटी ब्रांड का कोई लेना-देना भी हो सकता है. पर ये सच है.
जवाहरलाल नेहरू ने जेआरडी टाटा के सामने एक भारतीय कॉस्मेटिक ब्रांड शुरू करने का विचार पेश किया था.
ये घटना 1950 के समय की है, जब भारतीय महिलायें विदेशी ब्यूटी प्रोडक्ट्स भारी मात्रा में आयात कर रहीं थीं और भारतीय रुपया विदेश जा रहा था और विदेशी मुद्रा बाज़ार में बढ़ोतरी हो रही थी. ये देख नेहरू जी को विचार आया कि क्यों न एक भारतीय मेकअप ब्रांड शुरू किया जाए. उस टाइम नेहरू को ये एहसास भी हुआ कि बाज़ार में कोई भी भारतीय मेकअप ब्रांड नहीं था, जो विदेशी प्रोडक्ट्स का मुकाबला कर सके. उस समय कुछ सोर्सेज़ के ज़रिये नेहरू तक ये बात भी पहुंची कि वीमेन एसोसिएशन की एक समस्या ये भी है कि बाज़ार में उनके लिए सस्ते ब्यूटी प्रोडक्ट्स नहीं हैं.
नेहरू जी को ये भी पता था कि भारत में इस तरह का ब्रांड शुरू करने के लिए जेआरडी टाटा से बड़ा नाम कोई और हो नहीं सकता था. उनको जेआरडी टाटा पर पूरा विश्वास था. इसलिए उन्होंने अपना ये आईडिया जेआरडी टाटा के साथ शेयर किया और टाटा ने खुले हाथों से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और बन गया भारत का अपना पहला ब्यूटी ब्रांड Lakme. नेहरू के लिए एक भारतीय ब्रांड शुरू करना इसलिए भी ज़रूरी था क्योंकि लोकतंत्र के नियमों के हिसाब से विदेशी प्रोडक्ट्स को बैन करना भी असंभव था.
लेकिन ये इतना भी आसान नहीं था, इसके शुरू होने से पहले कई चुनौती भी कड़ी थीं. पहली चीज़ तो ये थी कि ब्रांड की आईडेंटिटी क्या रखी जाए, जो उच्च मध्यम वर्गीय महिलाओं को आकर्षित करे. दूसरा ये कि ऐसा प्रोडक्ट बनाया जाए, जो “Indian Skin” को सूट करे, जिसमें विदेशी प्रोडक्ट्स सक्षम नहीं थे.
एक फ़्रेंच ओपेरा के बाद मिला Lakme नाम
ये तो सबको ही पता है कि जेआरडी टाटा को मार्केट रिसर्च में महारथ हासिल थी. और ब्यूटी प्रोडक्ट को बनाने वाले केमिकल इंजीनियर्स ढूंढने में उनको ज़्यादा खोज बीन करने की ज़रूरत नहीं पड़ी. लेकिन ब्रांड को नाम देना एक बड़ी समस्या थी उनकी लिए. लेकिन उनका ये काम भी आसान कर दिया एक लोकप्रिय फ़्रेंच ओपेरा ने, जहां से उनको ब्रांड का नाम मिला, ‘Lakme’.
‘Lakme’ नाम रखने का एक बड़ा कारण ये था कि उस फ़्रेंच ओपेरा का नाम ‘Lakme’ रखा गया था, जो कि ओपेरा ऑर्गनाइज़र्स को संस्कृत के शब्द लक्ष्मी से मिला था. और शायद ही कोई सोच सकता था इस शानदार नाम के बारे में क्योंकि देवी लक्ष्मी को धन और सौंदर्य की देवी के रूप में पूजा जाता है.
कंपनी के अनुसार, अपने देश का पैसा विदेशों में जाने देने से रोकने के साथ-साथ भारतीय महिलाओं की सुन्दरता को बरक़रार रखने के लिए प्रोडक्ट का नाम ऐसा होना चाहिए जो हर वर्ग की महिला को आकर्षित करे. और उस वक़्त जो महिलायें विदेशी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहीं थीं, उसके सामने लक्ष्मी लिपस्टिक और लक्ष्मी काजल को लाना और बेचना एक जटिल काम था. इसलिए जेआरडी टाटा ने अपने ब्रांड को कुछ अलग नाम देने के बारे में सोचा. वो भी ऐसा नाम जो देसी और विदेशी प्रोडक्ट के बीच में अंतर करने में मददगार हो. ऐसा करने का मुख्य कारण भारतीय महिलाओं का ध्यान विदेशी प्रोडक्ट्स से हटाकर देसी प्रोडक्ट्स की और आकर्षित करना था.
आखिरकार, 1952 में Lakme ने टाटा ऑयल मिल्स की सहायक कंपनी के रूप में अपना परिचालन शुरू किया. साल 1961 में Naval H. Tata की पत्नी Simone Tata ने कंपनी को बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर ज्वाइन किया और 1982 में वो कंपनी की चेयरपर्सन बन गयीं. लेकिन 1996 में टाटा ने Lakme को हिन्दुस्तान लीवर को 2000 करोड़ में बेच दिया.
और आखिरकार देवी लक्ष्मी के नाम से निकला ‘Lakme’, जो आज हर इंडियन महिला की पहली पसंद है.