ऑफ़िस जाते समय आपने चौक के पास उस जादूगर को देखा होगा, जो कभी बच्चे को ज़मीन से ऊपर उठा देता है, तो कभी दो से चार सिक्के बना देता है. हम सब जानते हैं कि ये कोई जादू-वादू नहीं बस हाथ की सफ़ाई और नज़र का धोखा है. नज़र का ऐसा ही धोखा तस्वीरों के साथ भी देखने को मिलता है, जो पहली नज़र में कुछ उलझी हुई जान पड़ती है, पर जैसे ही आप इन्हें गौर से देखते हैं आपको इन तस्वीरों की सच्चाई समझ में आने लगती है. आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही तस्वीरें लेकर आये हैं, जो पहली नज़र पक्का आपका दिमाग़ हिला देंगी.

छी…छी… मत करो, पहले ध्यान से देखो.

ये लड़का कहीं भी अपनी टांगे घुसा देता है.

कुछ हादसा, कुछ हकीक़त.

ये चल क्या रहा है?

अईला!

ये हवाएं जुल्फ़ों में तेरी…

हंसना मना है.

ऐसे-कैसे गुरू?

भागो भूत!

दिन दहाड़े बन गया इसका उल्लू.

ले भाई तोड़ दी इस गर्दन.