हम ये बात बिल्कुल कन्फ़र्म कह सकते हैं कि समय के साथ समाज ने अपनी सोच को बड़े पैमाने पर अपडेट किया है. इस बात पर अगर यक़ीन न हो तो सेंसर बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफ़िकेशन (CBFC) द्वारा बैन की गई फ़िल्मों का डाटा खंगाल कर देख़ लो. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. 90 के दशक से लेकर अब की बात करें, तो आप पाएंगे कि CBFC द्वारा बैन की गई फ़िल्मों के नंबर में काफ़ी हद तक गिरावट आई है. पहले के ज़माने में जो फ़िल्म धर्म, सेक्स या किसी टैबू टॉपिक पर आधारित होती थी, उस पर थिएटर में रिलीज़ होने से तुरंत रोक ला दी जाती थी. हालांकि, अभी भी हमें लंबा रास्ता तय करना है. 

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यहां हम आपके लिए अतीत में बनी उन 10 बेस्ट मूवीज़ की लिस्ट लाए हैं, जिनको CBFC ने बैन कर दिया था. लेकिन आप उन्हें OTT प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रीम कर सकते हैं. 

1. एंग्री इंडियन गॉडेस

‘एंग्री इंडियन गॉडेस’ को कभी इंडियन थिएटर में बैन का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन इस फ़िल्म पर इतने सेंसर लगा दिए गए कि फ़िल्ममेकर्स ने ख़ुद ही इसे रिलीज़ न करने का मन बना लिया. यहां तक मेकर्स ने फ़िल्म में लगाए गए कट्स का एक पूरा वीडियो भी फ़ेसबुक पर रिलीज़ किया था. सेंसर बोर्ड के मुताबिक फ़िल्म में मर्दों का वस्तुकरण और भारतीय देवियों की तस्वीरों समेत ऐसी कई चीज़ें थीं, जो लोगों पर ग़लत प्रभाव डाल सकती थीं. इस मूवी को आप Netflix पर देख सकते हैं.

2. अनफ़्रीडम

अनफ़्रीडम मूवी को कई वजहों के चलते बैन होना पड़ा था. इसका मुख्य कारण फ़िल्म की कहानी का समलैंगिक कपल पर आधारित होना था. इसके साथ ही कहानी में आतंकवाद का एंगल भी जोड़ा गया था. जिन लोगों को कला से प्यार है, वो इस फ़िल्म को Netflix पर एंजॉय कर सकते हैं. 

3. फ़ायर

भारत के कुछ हिस्सों में समलैंगिकता जैसे विचार से अभी भी लोगों के असहज होने के कारण, फ़िल्म ‘फ़ायर‘ का इसके रिलीज़ होने के समय (1996) जीवित रह पाना काफ़ी मुश्किल था. प्रेस और ऑडियंस से भारी आलोचनाओं को झेलने के बाद, सेंसर बोर्ड ने इस मूवी को रिलीज़ करने से मना कर दिया था. मूवी को इंडियन थिएटर्स में रिलीज़ कर पाना वाकई काफ़ी मुश्किल भरा क़दम था, क्योंकि इसमें भारत के दो बेहद संवेदनशील मुद्दे- समलैंगिकता और धर्म को दिखाया गया था. हालांकि, फ़िल्म को दुनिया के कई हिस्सों में रिलीज़ किया गया और इसे कई सारे अवार्ड्स भी मिले. ये मूवी आपको यूट्यूब पर मिल जाएगी. 

4. Gandu

क्या कभी सोचा है कि ज़िंदगी का मतलब क्या है? शायद किसी ने भी ऐसा सोचकर ही ये फ़िल्म बनाई होगी. ‘Gandu‘ फ़िल्म इसी कॉन्सेप्ट पर आधारित है. इसमें बोल्ड भाषा, नग्नता और कई ऐसी चीज़ें थीं, जो सेंसर बोर्ड को बिल्कुल नहीं रास आईं. नतीज़ा ये हुआ कि फ़िल्म को भारत में कभी नहीं रिलीज़ किया गया. लेकिन आज के समय में ये व्यूअर्स के लिए Netflix पर उपलब्ध है.

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5. क़िस्सा कुर्सी का

समलैंगिकता, सेक्स या धर्म पर आधारित ही फ़िल्में नहीं हैं, जो CBFC बैन कर चुका है. ‘क़िस्सा कुर्सी का‘ फ़िल्म को इंदिरा गांधी और संजय गांधी की ज़िंदगी में समानताएं दिखाने के लिए लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा था. भारत में इमरजेंसी के दौरान इस फ़िल्म को साल 1978 में रिलीज़ किया जाना था. ये वो दौर भी था, जब कांग्रेस का मीडिया रिलीज़ पर कंट्रोल था और इस फ़िल्म की सभी रील्स को ज़ब्त कर लिया गया था. अगर आपको अब ये फ़िल्म देखनी है, तो ये YouTube पर अवेलेबल है. 

6. वॉटर

जॉन अब्राहम प्रभावशाली स्क्रिप्ट वाली फ़िल्मों को चुनने के लिए जाने जाते हैं. जैसे ‘मद्रास कैफ़े‘, ‘परमाणु‘, ‘नो स्मोकिंग‘ आदि. जॉन की एक ऐसी ही मूवी ‘वॉटर‘ भी थी. इस फ़िल्म की कहानी एक बनारसी विधवा के जीवन का वर्णन करती है कि कैसे उसकी बिना किसी ग़लती के उसके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है. फ़िर बाद में उस विधवा को अपने जीवन का प्यार मिल जाता है. कट्टरपंथियों के विरोध के बाद फिल्म की शूटिंग पर रोक लगा दी गई थी. ये एक ऐसी फ़िल्म है जिसे देखना तो बनता है और ये आपको YouTube पर मिल जाएगी. 

7. इंशाअल्लाह, फ़ुटबाल

इस डॉक्यूमेंट्री के विषय का इसे बैन करने में इतना बड़ा हाथ नहीं था, जितना इसकी रिलीज़ डेट का था. इसकी कहानी एक कश्मीरी लड़के की ज़िंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके पिता के इंडियन आर्मी में होने के चलते उसे इंटरनेशनल फ़ुटबाल ट्रेनिंग पाने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है. फ़िल्म YouTube पर उपलब्ध है. 

8. LOEV

ये फ़िल्म एक गे कपल की ज़िंदगी पर आधारित है. फ़िल्म को साल 2015 में रिलीज़ किया गया था. लेकिन सिर्फ़ नेटफ्लिक्स पर. मेकर्स ने इसको थिएटर में रिलीज़ करने की कोशिशें की, लेकिन सारे प्रयास बेकार गए. इसमें दो पुराने दोस्तों का रीयूनियन और उनका रोमांस दर्शाया गया है, जो अब पूरी तरह से ज़िंदगी के अलग फेज़ में हैं.

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9. ब्लैक फ़्राइडे

ये फ़िल्म साल 1995 में हुए बम धमाकों और उस पर हुई इन्वेस्टिगेशन पर आधारित है. दुनिया भर में पॉज़िटिव रिव्यूज़ मिलने के बावजूद इस फ़िल्म को इंडियन सिनेमा में रिलीज़ होने से बैन कर दिया गया था. डायरेक्टर अनुराग कश्यप की फ़िल्म ‘ब्लैक फ़्राइडे’ को साल 2003 में थिएटर में रिलीज़ होना था. लेकिन इसे कभी बड़े पर्दे पर रिलीज़ ही नहीं किया जा सका. इसे हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखी जा सकती है.

10. परज़ानिया

पद्मावत‘, ‘जोधा अकबर‘ जैसी फ़िल्में इस बात का सबूत है कि भारतीय इतिहास पर आधारित मूवीज़ को कैसे लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है. फ़िल्म ‘परज़ानिया‘ को भी कुछ इससे मिलती-जुलती ही प्रतिक्रिया मिली थी. ये एक लड़के की कहानी पर आधारित है, जो गुजरात में हुए दंगों के दौरान गुम हो जाता है. हालांकि, सेंसर बोर्ड को ये फ़िल्म नहीं भाई और इसे बैन कर दिया गया. अभी इसे Hotstar पर देख सकते हैं. 

यकीनन इन फ़िल्ममेकर्स ने काफ़ी हिम्मत दिखाई है.