भारत में सिनेमा के बिना ज़िंदगी अधूरी है. बॉलीवुड फ़िल्मों के प्रति हमारा ये प्रेम दशकों पुराना है. आज भले ही OTT का ज़माना हो, लेकिन फ़िल्म देखने का असली मज़ा तो थियेटर में ही है. फ़िल्म देखने का जो मज़ा थियेटर में है वो कहीं और नहीं है. भारत में ऐसे कई सिनेमाहॉल रहे हैं जहां एक फ़िल्म सालों साल चली है. थियेटर से हमारा यही प्यार आज हमें सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेक्स के दौर में ले आया है.

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आज हम आपको दिल्ली के 11 ऐसे सिनेमाहॉल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद के भारत को जिया है.

1- रीगल सिनेमा 

सन 1932 में निर्मित दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ‘रीगल सिनेमा’ देश के सबसे पुराने सिनेमाहॉल में से एक है. 2 साल पहले इसे नया रूप देने के लिए बंद कर दिया गया. इस हॉल में एक साथ 694 लोगों के बैठने की क्षमता थी. ये दिल्ली का पहला सिनेमाहॉल था जहां हिंदी और इंग्लिश फ़िल्में प्रदर्शित हुई थीं.

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2- प्लाज़ा सिनेमा 

दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित ‘प्लाज़ा सिनेमा’ की स्थापना 1933 में हुई थी. ये दिल्ली का दूसरा सबसे पुराना सिंगल स्क्रीन सिनेमाहॉल है. ये सिनेमाहॉल कई साल पहले सिंगल स्क्रीन से मल्टीस्क्रीन में बदल चुका है. ये अब ‘पीवीआर प्लाज़ा’ के नाम से जाना जाता है.

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3- मोती सिनेमा 

दिल्ली के चांदनी चौक इलाक़े में स्थित ‘मोती’ सिनेमाहॉल की स्थापना 1938 में हुई थी. एक जमाने में दिल्ली के सबसे मशहूर सिनेमाहॉल में से एक मोती सिनेमा कई साल पहले बंद हो चुका है, लेकिन लोग आज भी यहां राज कपूर और शाहरुख़ ख़ान की उपस्थिति को भूले नहीं हैं. 

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4- नोवल्टी सिनेमा 

दिल्ली के श्यामा प्रासाद मुखर्जी मार्ग पर स्थित ‘नोवल्टी’ सिनेमाहॉल सन 1930 में स्थापित हुआ था. ये दिल्ली के सबसे पुराने सिनेमाहॉल में से एक है. पहले ये Elphinston सिनेमा के नाम से जाना जाता था. मार्च 2020 में ‘नोवल्टी सिनेमा’ को नवनिर्माण कार्य के लिए तोड़ दिया गया था. 

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5- रिट्ज सिनेमा 

दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाक़े में स्थित ‘रिट्ज’ सिनेमाहॉल की स्थापना 1937 में हुई थी. ये दिल्ली के सबसे पुराने सिनेमाहॉल में से एक है. इसमें एक साथ 900 लोगों के बैठने की क्षमता है. मार्च 1993 में इसका दोबारा से निर्माण कराया गया था.

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6- गोलचा सिनेमा 

दिल्ली के दरियागंज में स्थित ‘गोलचा’ सिनेमाहॉल की स्थपना सन 1954 में हुई थी. ये आज भी दिल्ली के प्रसिद्ध सिनेमाहॉल में से एक है. ये दिल्ली का दूसरा सबसे पुराना सिनेमाहॉल है जो अब भी चल रहा है. गोलचा में एक साथ 815 लोगों के बैठने की क्षमता है.

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7- डेलाइट सिनेमा 

दिल्ली के असफ़ अली रोड पर स्थित ‘डेलाइट’ सिनेमाहॉल की स्थापना सन 1955 में हुई थी. साल 2006 में इसका नवनिर्माण किया गया था. मल्टीप्लेक्स के दौर में भी ये सिनेमाहॉल काफ़ी मशहूर है.

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8- शीला सिनेमा 

दिल्ली के पहाड़गंज की डीबी गुप्ता रोड पर स्थित ‘शीला’ सिनेमाहॉल की स्थापना सन 1961 में हुई थी. ये भारत का पहला 70mm स्क्रीन वाला सिनेमाहॉल है. इस सिनेमाहॉल में एक साथ 980 लोगों के बैठने की क्षमता थी, जो अब तक की सबसे अधिक है. 

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9- फ़िल्मिस्तान 

दिल्ली के सदर बाज़ार स्थित रानी झांसी रोड पर स्थित ‘फ़िल्मिस्तान’ सिनेमाहॉल की स्थापना 1957 में हुई थी. साल 2000 में इसका नवनिर्माण किया गया था. हालांकि, कुछ साल पहले बंद हो चुका है. इस हॉल में एक साथ 854 लोगों के बैठने की क्षमता थी.

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10- इंपीरियल सिनेमा 

दिल्ली के पहाड़गंज में स्थित ‘इंपीरियल’ सिनेमाहॉल की स्थापना 1950 में हुई थी. ये सिनेमाहॉल ‘बी ग्रेड मूवी’ और ‘मैटिनी शो’ के लिए मशहूर रहा है. 

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11- अम्बा सिनेमा 

दिल्ली के जीटी करनाल रोड स्थित ‘अम्बा’ सिनेमाहॉल की स्थापना सन 1962 में हुई थी. ये सिनेमाहॉल अब भी इस इलाक़े में काफी मशहूर है.

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इनमें से आपने किस सिनेमाहॉल में फ़िल्म देखी है?