लोग पैसों के लिए क्या नहीं करते? अपने घरों को छोड़कर दूर देश में पड़े रहते हैं. घर के खाने को छोड़कर बाहर का अनहेल्दी खाते रहते हैं. और एक बॉलीवुड वाले हैं, जो करोड़ों रुपये बेवजह ही खर्च करते रहते हैं. एक ही कहानी को लेकर दो-दो फ़िल्में बना देते हैं. ऐसा करने के पीछे का दूसरा कारण कहानियों की कमी भी हो सकता है, जिसके चलते ये अपने पैसों को बेफ़ज़ूल खर्च करते हैं. 

ज़रा इन फ़िल्मों के बारे में जान लीजिए:

1. खेलें हम जी जान से और चिटगांव

दोनों फ़िल्में अप्रैल 1930 के चिटगांव शस्त्रागार पर आधारित थीं. 2010 में आई फ़िल्म ‘खेलें हम जी जान से’ में अभिषेक बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी और 2012 में आई फ़िल्म ‘चिटगांव’ में मनोज बाजपेयी ने. इन दोनों फ़िल्मों ने टिकट खिड़की पर अच्छी कमाई की थी.

2. उजड़ा चमन और बाला

‘उजड़ा चमन’ और ‘बाला’ दोनों ही कम बालों की समस्या का शिकार एक व्यक्ति की कहानी है. ये दोनों फ़िल्में नवंबर में रिलीज़ होंगी. एक्टर सनी सिंह की ‘उजड़ा चमन’ 8 नवंबर को रिलीज़ होगी, वहीं आयुष्मान खुराना की ‘बाला’ 15 नवंबर को रिलीज़ होगी.

3. कैदी बैंड और लखनऊ सेंट्रल

‘कैदी बैंड’ और ‘लखनऊ सेंट्रल’ दोनों की कहानी एक ही थी. दोनों में कैदी जेल से भागने की योजना बनाते समय एक म्यूज़िक बैंड बनाते हैं. 2017 में आई दोनों फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफ़ल रही थीं.

4. फ़ूलू और पैडमैन

इन फिल्मों में ‘फ़ुलू’ और ‘पैड मैन’ भी शामिल हैं. फ़ुलू में शरब हाशमी मुक्य भूमिका में थे और पैडमैन में अक्षय कुमार. दोनों फ़िल्में पीरियड्स से जुड़े सबजेक्ट पर बनी थी.

5. OMG- Oh My God! और पीके

उमेश शुक्ला की ‘OMG- Oh My God!’ 2012 में रिलीज़ हुई थी. ये समाज के अंधविश्वासों पर कॉमेडी के तड़के के रूप में एक करारा जवाब थी. वहीं आमिर ख़ान स्टारर पीके में भी इसी कहानी को दोहराया गया था. इसमें भी अंधविश्वास और बाबाओं पर कटाक्ष किया गया था.

6. द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह और 23 मार्च 1931: शहीद

दोनों फ़िल्मों ने भारतीय क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरक कहानी बताई. द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह में अजय देवगन और 23 मार्च 1931: में बॉबी देओल मुख्य भूमिका में थे.

7. मातृ और मॉम

दोनों फ़िल्मों में बेटी का बलात्कार होता है और फिर मां अपनी बेटी का बदला लेती है. दोनों फ़िल्मों में बदला लेने की कहानी थी. ‘मातृ’ में रवीना टंडन और ‘मॉम’ में श्रीदेवी मुख्य भूमिका में थीं. 

8. तलवार और रहस्य

दोनों फ़िल्में आरुषि मर्डर केस पर आधारित थीं और दोनों 2015 में रिलीज हुई थीं. ‘रहस्य’ में केके मेनन की मुख्य भूमिका थी और ‘तलवार’ में इरफ़ान ख़ान की मुख्य भूमिका में थे. 

9. देवदास और देव डी

शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर तीन फ़िल्में बन चुकी हैं जिसमें पहली दिलीप कुमार अभिनीत ‘देवदास’ थी. इसके बाद शाहरुख़ ख़ान ने भी इसी नाम पर दूसरी फ़िल्म की. और इन दोनों का जो मॉर्डन रुपांतरण थी, वो थी ‘देव डी’. इसमें अभय देओल, माही गिल और कल्कि कोचलीन मुख्य भूमिका में थे.

10. बादशाहो और इंदू सरकार

दोनों ही फ़िल्में 1975 में देश में लगी इमरजेंसी पर आधारित थीं. एक में उस समय के लोगों की स्थिति दिखाई गई थी, तो दूसरे में उस समय हुई बैंक रॉबरी. ‘इंदू सरकार’ में कीर्ति कुल्हारी, अनुपम खेर और नील नितिन मुकेश मुख्य भूमिका में थे और ‘बादशाहो’ में अजय देवगन, इमरान हाश्मी, इलियाना डिक्रूज़ और ईशा गुप्ता.  

पैसों की बर्बादी से अच्छा थोड़ा स्टडी करके नई कहानी परोस दो. ताकि आपका और दर्शकों को समय बचे.

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