हिंदी फ़िल्में समाज का आईना होती हैं, जिसमें समाज की अच्छी और बुरी दोनों तस्वीरें देखने को मिलती हैं. ये हम पर है कि किस तस्वीर को हम अपनी ज़िंदगी में लाना चाहते हैं क्योंकि अच्छी और प्रेरणादायक कहानियां ज़िंदगी को सवांर देती हैं. ऐसी कई फ़िल्में बनी हैं जो भावनात्मक रूप से लोगों से जुड़ गई हैं. भावनाओं के साथ-साथ ये फ़िल्में बहुत कुछ सिखाती भी हैं कि हमें उम्मीद का दामन थामे रखना चाहिए और अपने सपनों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ये वो फ़िल्में हैं, जो हमें ज़िंदगी को समझाती हैं, जसे हमने स्कूल में नहीं पढ़ा. तो आइए जानते हैं कौन-कन सी हैं वो फ़िल्में.

1. स्वदेश

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शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म स्वदेस ने हमें एक चीज़ सिखाई कि अपने देश और अपने लोगों के लिए कुछ करने से बड़ी ख़ुशी की बात कोई नहीं होती है. इसलिए जब भी आपको ऐसा कुछ करने का मौक़ा मिले तो ज़रूर करें.

2. तारे ज़मीन पर

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ईशान अवस्थी, 8 साल का वो बच्चा जो एक डिसलेक्सिया नाम की बीमारी से ग्रसित था और उसकी अपनी एक दुनिया थी, जिसमें उसका साथी बनते हैं उसके टीचर राम शंकर निकुंभ. और वो उसे अपनी दुनिया में लाने की बजाय उसकी दुनिया में जाकर उसे हर चीज़ सिखाते हैं. ये फ़िल्म सिखाती है कि अगर ख़ुद पर और टीचर-स्टूडेंट के बीच विश्वास हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.

3. ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा

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ज़ोया अख़्तर द्वारा निर्देशित फ़िल्म ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा तीन दोस्तों की दोस्ती पर आधारित है, जो अपनी-अपनी लाइफ़ में बिज़ी होते हैं. मगर ज़ंदगी को जीना उन्हें तब भी आता है और इसीलिए तीनों एक ट्रिप पर निकल जाते हैं.

4. मांझी- द माउंटेन मैन

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ज़िंदगी की मुश्किलों को आसान करती ये फ़िल्म मांझी नाम के व्यक्ति की कहानी है, जो पहाड़ तोड़ता है ताकि रास्ता आसान बनाया जा सके. एक बात तो समझ आ गई कि ज़िंदगी की कोई भी मुश्किल पहाड़ तोड़ने से बड़ी नहीं हो सकती.

5. इक़बाल

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ये कहानी एक ऐसे गांव के लड़के की कहानी है, जो बहरा और गूंगा है, लेकिन क्रिकेट के खेल में माहिर है. वो एक दिन देश के लिए खेलने का सपना देखता है. 2005 में आई नागेश कुकुनूर की इस फ़िल्म ने लोगों का ख़ूब दिल जीता. फ़िल्म में हमें सिखाती है कि हमें विश्वास और उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए.

6. एम.एस. धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी

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नीरज पांडे द्वारा निर्देशित, एम.एस. धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी एक बायोपिक थी जिसमें क्रिकेटर धोनी की रांची से लेकर क्रिकेट के फ़ील्ड तक की ज़िंदगी को बख़ूबी दिखाया गया. इसमें धोनी के किरदार को सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया था. इससे सीख यही मिलती है कि हमें अपने लक्ष्य पर हमेशा अड़े हहना चाहिए.

7. उड़ान

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विक्रमादित्य मोटवनी द्वारा निर्देशित फ़िल्म उड़ान अनुराग कश्यप के वास्तविक जीवन पर आधारित है. फ़िल्म में रोहन नाम के लड़के को एडल्ट फ़िल्म देखने की वजह से हॉस्टल से निकाल दिया जाता है फिर उसे अपने पिता के साथ रहना पड़ता है, जो उसे अपनी तरीक़े से चलाना चाहते हैं. फिर ग़लत सीनियर की संगत में आकर रोहन अपनी परीक्षा फ़ेल हो जाता है. इन सभी मुसीबतों का सामना करते हुए वो अपने सपने को पूरा करता है.

8. लक्ष्य

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फ़रहान अख़्तर की फ़िल्म लक्ष्य एक ऐसे लड़के की कहानी है, जो लापरवाह है, लेकिन बाद में कुछ बनने के लिए संघर्ष करता है. इसमें ऋतिक रोशन मुखय भूमिका में हैं. इनके साथ प्रीति ज़िंटा और अमिताभ बच्चन भी हैं. इस फ़िल्म को देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि हमें कुछ पाने के लिए अपने कंफ़र्ट ज़ोन से बाहर आने की ज़रूरत है.

9. गुरू

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अभिषेक बच्चन अभिनीत फ़िल्म गुरू गांव के लड़के से शहर के बिज़नेसमैन की कहानी है. फ़िल्म ने दर्शकों के बीच एक ख़ास जगह बनाई थी. फ़िल्म ने ये सिखाया कि अगर गुरुकांत के. देसाई कम संसाधनों के साथ अपने लक्ष्य को पा सकता है तो आपके लिए भी कुछ भी असंभव नहीं है. फ़िल्म में एश्वर्या राय बच्चन भी हैं.

10. रंग दे बसंती

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राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फ़िल्म ‘रंग दे बसंती’ को दर्शकों द्वारा ख़ूब सराहा गया था. ये फ़िल्म दिल्ली के कॉलेज के पूर्व छात्रों और उनकी दोस्ती की कहानी थी. सभी को ज़िंदगी से बेपरवाह और लापरवाह दिखाया गाया, लेकिन उनके दोस्त की जान जाने के बाद ये सभी ग़लत के ख़िलाफ़ लड़ते हैं और उसे न्याय दिलाने के लिए पूरी जी जान लगा देते हैं और लापरवाह की जगह ज़िम्मेदार बनकर उसे न्याय दिलाने में लग जाते हैं. 

11. आनंद

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हृषिकेश मुखर्जी की यादगार फ़िल्म आनंद दो दोस्तों की कहानी है, जिसमें राजेश खन्ना को कैंसर होता है. मगर फिर वो ज़िंदगी को पूरी तरह से जीना जानते हैं. इसके अलावा, राजेश खन्ना के कैरेक्टर ने बता दिया कि जब ज़िंदगी के कुछ पल बचे हों तो हमें ख़ुी का एक भी पल नहीं छोड़ना चाहिए और उसे बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए. फ़िल्म में अमिताभ बच्चन भी थे.

डूबते को तिनके सहारा होता है, ये फ़िल्में भी कुछ सहारे की तरह ही हैं, जो आपको नाउम्मीद होने पर उम्मीद दे जाएंगी.