मिर्ज़ापुर, वैसे तो किसी भी परिचय का मोहताज़ नहीं है. क्योंकि कालीन भइया, मुन्ना भइया, गुड्डू भइया और बबलू भइया को हर कोई जानता है. यहां तक कि उनकी भौकाली सिर चढ़कर बोलती है. इसका दूसरा सीज़न 22 अक्टूबर को Amazon Prime Video पर रिलीज़ हुआ है. और इसके फ़ैंस ने बिना देर किए पहले ही दिन इसको सलटा दिया. मगर जब भी मिर्ज़ापुर के दोनों सीज़न की बात होती है तो हम सिर्फ़ मेल कैरेक्टर की ही बात करते हैं, जबकि इसके फ़ीमेल कैरेक्टर भी उतने ही दमदार हैं जितने कि मेल.  

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दबंगई में बीना त्रिपाठी हो या गजगामिनी दोनों ही कालीन भइया हों या मुन्ना भइया किसी से कम नहीं हैं. बात की जाए दिमाग़ चलाने की तो माधुरी यादव त्रिपाठी भी बबलू भइया जैसी ही हैं तभी तो कालीन भइया की नाक के नीचे से सीएम की कुर्सी छीन ली. नज़रों से मारने के साथ-साथ दिमाग़ से मारने का दम खम रखती थीं स्वीटी गुप्ता. और रही बात बाकी के किरदारों की तो कहानी को नया और दिलचस्प मोड़ देने के लिए ये किरदार अहम कड़ी हैं. तो क्यों न, इन किरदारों को थोड़ा क़रीब से जान लीजिए.

1. गोलू गुप्ता (श्वेता त्रिपाठी)

स्वीटी की छोटी बहन गोलू गुप्ता, जो पहले सीज़न में सिर्फ़ पढ़ाई में रची बसी दिखाई गई. मगर दूसरे सीज़न में सीधी-सादी गोलू को गुड्डू भया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते देखा गया. इसमें गोलू का लुक भी पहले सीज़न से बिल्कुल अलग था, छोटे-छोटे बाल और पैंट शर्ट. इस सीज़न में गोलू का एक ही लक्ष्य है बबलू और स्वीटी का बदला त्रिपाठियों से लेना. ऐसा करने में वो कामयाब भी होती है और आख़िर में गुड्डू और गोलू मिलकर मुन्ना भइया को मौत के घाट उतार देते हैं लेकिन कालीन भइया को गोलू लगने के बावजूद शरद शुक्ला बचा लेता है.

2. बीना त्रिपाठी (रसिका दुगल)

बीना त्रिपाठी, कालीन भइया की पत्नि, मुन्ना भइया की सौतेली मां और त्रिपाठी खानदान की बहू. पहला सीज़न हो या दूसरा सीज़न दोनों में ही बीना के किरदार ने त्रिपाठी खानदान के पुरूषों को अपने दिमाग़ से चलाया. सीज़न 2 में बीना त्रिपाठियों से बदला लेने के लिए गुड्डू और गोलू से हाथ मिलाती है और कालीन भइया, मुन्ना भइया और अपने ससुर को उनकी करनी का फल देती है. 

3. माधुरी यादव त्रिपाठी (ईशा तलवार)

माधुरी यादव यानि ईशा तलवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की विधवा बेटी की भूमिका निभाई है, जो पार्टी के प्रचार के दौरान मुन्ना त्रिपाठी से मिलती है और दोनों के क़रीब आने पर दोनों की शादी करा दी जाती है. इसकी के बाद माधुरी के चाचा जो सीएम पद की कुर्सी चाहते हैं वो उसके पिता को मरवा देते हैं. तभी माधुरी कालीन भइया और अपने चाचा की बात सुन लेती है. और अपने दिमाग़ से कालीन भइया के क़दमों तले सीएम की कुर्सी छीन लेती है और ख़ुद सीएम बन जाती है. 

4. डिम्पी पंडित (हर्षिता गौर)

गुड्डू और बबलू की छोटी बहन डिम्पी का किरदार पहले सीज़न में एक घरेलू लड़की का था जिसे कॉलेज और घर के इर्द-गिर्द देखा गया था. मगर सीज़न 2 में इस किरदार के भी अलग रंग देखने को मिले. डिम्पी भी गोलू और गुड्डू के त्रिपाठियों से बदला लेने के मिशन का हिस्सा थी. मगर बीच में ही इस किरदार को पढ़ाई की तरफ़ मोड़ दिया गया. इसके बाद वो लखनऊ के हॉस्टल गई और अपनी पढ़ाई को फिर से शुरू किया. 

5. शकुंतला शुक्ला (मेघना मलिक)

त्रिपाठी की अनुमति के बिना गुड्डू द्वारा रति शंकर शुक्ला को मार दिए जाने के बाद, उसका बेटा शरद शुक्ला जौनपुर की बागडोर को संभालता है. वो पढ़ा-लिखा और होशियार है, लेकिन फ़ैसले अपनी मां शकुंतला शुक्ला के कहने पर लेता है. वो जानती है कि जीत तभी सुनिश्चित होती है जब जीत और हार दोनों किसी के कंट्रोल में हो.

6. शबनम (शेरनवाज़ जिजिना)

पहले सीज़न में जिस शादी में बबलू भइया और स्वीटी मारे जाते हैं वो शादी शबनम की ही थी. इसी किरदार को दूसरे सीज़न में बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है. हालांकि, शादी में इतना हंगामा होने के चलते शबनम के पिता जो अफ़ीम का धंधा करते हैं, वो गुड्डू पंडित के साथ धंधा नहीं करना चाहते. मगर बाद में समीकरण बदलते हैं और दोनों हाथ मिला लेते हैं. शबनम भी गुड्डू से प्यार करने लगती है.  

7. वसुधा पंडित (शीबा चड्ढा)

मिर्जापुर 2 में, वसुधा पंडित सिर्फ़ एक ऐसी महिला नहीं है जो किसी की पत्नी है और किसी की मां है. वसुधा अपने पति के साथ खड़ी होती है उसको पता है कि वो जो कर रहे हैं वो सही है उसमें उनका साथ देती है. पहले सीज़न में भी वसुधा का किरदार एक सशक्त महिला का किरदार था, जो अपने बच्चों के लिए मुन्ना भइया पर बंदूक तान देती है. 

8. रधिया (प्रशंसा शर्मा) 

त्रिपाठी घराने में काम करने वाली नौकरानी का किरदार है रधिया का, जो इस घर के मर्दों के द्वारा यौन शोषण का शिकार होती है. मिर्ज़ापुर 1 में मुन्ना त्रिपाठी हो या मिर्ज़ापुर 2 में सत्यानंद त्रिपाठी यानि कालीन भइया के पिता उसका फ़ायदा उठाते हैं. इन मर्दों के अत्याचार से परेशान हो वो बीना से कहती है ‘इस घर के सब मर्द मा****** द हैं’. आख़िर में रधिया ही बीना को सत्यानंद को मारने के लिए हथियार सौंपती है. 

9. गीता त्यागी (अल्का अमीन)

गीता त्यागी की शादी लिपिपुट यानि दद्दा त्यागी से हुई है. गीता त्यागी का किरदार एक हाउसवाइफ़ का है जो घर में अपना राज चलाती है. दद्दा त्यागी भी घर पर गीता से दबते हैं और घर पर कोई भी बिज़नेस की बात नहीं करता है क्योंकि गीता त्यागी का हुक़ुम होता है.

10. ज़रीना (अनंग्शा बिस्वास)

ज़रीना एक डांसर है जो राजनीति में अपने करियर को बनाने के लिए जेपी यादव के ईर्द-गिर्द घूमती है. वो जेपी यादव की सेक्रेटरी है, जो उसका इस्तेमाल अपने फ़ायदे के लिए करता है, लेकिन उसे कोई भी पद नहीं दिलाता. इसके चलते ज़रीना कालीन भइया से हाथ मिलाती है और जेपी यादव को जेल भिजवा देती है. 

11. स्वीटी गुप्ता (श्रिया पिलगांवकर)

स्वीटी गुप्ता, गोलू गुप्ता की बड़ी बहन और डिम्पी की दोस्त है. वो एक बिंदास और चुलबुली लड़की है, जो किसी से डरती नहीं है और अपने मन की करती है. स्वीटी गुप्ता को डिम्पी के भाई गुड्डू भइया से प्यार हो जाता है. स्वीटी से मुन्ना भइया भी प्यार करते हैं, लेकिन वो उससे प्यार नहीं करती और गुड्डू से शादी कर लेती है. आख़िर जब वो मुन्ना को बताती है कि वो मां बनने वाली है तो मुन्ना उसे गोली मार देता है और कहता है कि हमने तुम्हें बहुत प्यार किया था.

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