सन 1960 में हिंदी सिनेमा इतिहास की सबसे प्रतिष्ठित फ़िल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक के. आसिफ़ थे, जिन्होंने अपने पूरी ज़िंदगी में केवल 2 ही फ़िल्में बनाई. पहली फ़िल्म ‘फूल’ थी दूसरी ‘मुगल-ए-आज़म’ थी. जबकि उनकी ‘सस्ता खून, मेहंगा पानी’ और ‘लव एंड गॉड’ फ़िल्में पूरी नहीं हो सकी. ‘मुगल-ए-आज़म’ हिंदी सिनेमा इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी और सफ़ल फ़िल्मों में से एक है.

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दरअसल, के. आसिफ़ ने ‘मुगल-ए-आज़म’ फ़िल्म का काम आज़ादी से पहले ही शुरू कर दिया था. उन्हें इस फ़िल्म का आइडिया आर्देशिर ईरानी की फ़िल्म ‘अनारकली’ से आया था. के. आसिफ़ जब मुग़ल-ए-आज़म फ़िल्म बना रहे थे तब उनके पास डायरेक्शन का ज़्यादा अनुभव नहीं था, लेकिन उनके पास सिर्फ़ एक विज़न था, एक सोच थी जिसे वो बड़े पर्दे पर बिखेरना चाहते थे. अपने दौर के डायरेक्टर से अलग और आगे की सोच ने उन्हें उस मुक़ाम पर पहुंचाया जिसके वो हक़दार थे.

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के. आसिफ़ ने ‘मुग़ल-ए-आज़म’ फ़िल्म बनाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया था. इस दौरान लोगों ने उन्हें सरफ़िरा तक कह दिया था. सन 1960 में ‘मुगल-ए-आज़म’ क़रीब डेढ़ करोड़ रुपये में बनी थी. जिस बजट में ये फ़िल्म बनी थी उस दौर में इतने में 25 अच्छे बजट की फ़िल्में बन जाती. इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर 11 करोड़ रुपये की कमाई की थी. 

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इस फ़िल्म में उस दौर के सबसे महंगे कलाकार पृथ्वी राज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला थे. इसके अलावा फ़िल्म के गाने मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ान और शमशाद बेग़म जैसे दिग्गज सिंगरों ने गाए थे. इस दौरान मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर 1 गाने के 400 से 500 रुपये की लेते थे.  

चलिए जानते हैं ‘मुगल-ए-आज़म’ से जुड़े 13 अनसुने फ़ैक्ट्स-

1- निर्देशक के. आसिफ़ को ‘मुगल-ए-आज़म’ फ़िल्म बनाने में 14 साल लगे थे. 

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2- ‘मुगल-ए-आज़म’ फ़िल्म का मशहूर गाना ‘प्यार किया तो डरना क्या’ 10 लाख रुपये में बना था.  

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3- इस फ़िल्म में हीरो और हीरोइन के तौर के. आसिफ़ की पहली पसंद नरगिस और चंद्रबाबू सप्रू जी थे. 

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4- इस फ़िल्म की शूटिंग के लिए ख़ासतौर पर इंडियन आर्मी के ट्रेंड हाथी और घोड़े भी इस्तेमाल किये गए थे.

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5- इस फ़िल्म के कलाकारों के जूते आगरा से तो उनकी बेशक़ीमती ज्वैलरी हैदराबाद से मंगवाई गयी थी.  

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6- इस फ़िल्म में कलाकारों ने जो कॉस्ट्यूम पहने थे उसके लिए दिल्ली, गुजरात और खंबात से टेलर बुलाए गए थे.

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7- इस फ़िल्म में इस्तेमाल किए गए हथियारों को बनाने के लिए राजस्थान के ख़ासतौर पर कारीगर बुलाए गए थे. 

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8- ‘मुग़ल-ए-आज़म’ फ़िल्म में दिखाया गया शीश महल बनाने के लिए के. आसिफ़ ने बेल्जियम से शीशे मंगवाए थे.

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9- इस फ़िल्म का मशहूर गाना ‘प्यार किया तो डरना क्या’ को शकील ने 1005 बार लिखा, इसके बाद ही नौशाद जी ने उसे ओके किया.

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10- शाहरुख़ ख़ान के पिता मीर ताज मोहम्मद को ‘मुगल-ए-आज़म’ फ़िल्म में राजा मान सिंह का रोल ऑफ़र हुआ था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था.

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11- ‘मुग़ल-ए-आज़म’ फ़िल्म की शुरूआत सन 1944 में ही हो गई थी. तब के. आसिफ़ ने चंद्र मोहन, चंद्रबाबू सप्रू और नरगिस को लीड रोल में कास्ट किया था.

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12- मशहूर सिंगर बड़े गुलाम अली ख़ान ने इस फ़िल्म में 2 गाने गाए, जिसके लिए उन्होंने 25 हज़ार रुपये की फ़ीस ली थी जो उस दौर में किसी हीरो की फ़ीस से अधिक थी.

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रिलीज़ होने से पहले ही लोगों ने इस इस फ़िल्म को फ़्लॉप बता दिया था, लेकिन के.आसिफ़ को ख़ुद की मेहनत पर पूरा भरोसा था. 5 अगस्त, 1960 को जब ये फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई तो टिकट खिड़की पर 2 से 3 दिन तक लंबी लंबी लाइनें लगी रहीं. पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यामार से भी दर्शक इस फ़िल्म को देखने के लिए भारत आये थे. इस दौरान ये फ़िल्म हिंदी सिनेमा की सबसे ज़्यादा कमाई वाली फ़िल्म साबित हुई थी